महोत्सव की तैयारियां जोरों पर, ज्यादा से ज्यादा जनभागीदारी के लिए चलाया जागरूकता अभियान
2 से 4 दिसंबर तक सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल परिसर में होगा जिला स्तरीय कार्यक्रम

गुरूग्राम, 29 नवंबर । जिला स्तर पर तीन दिवसीय गीता महोत्सव जनभागीदारी के साथ भव्य रूप से मनाया जाएगा। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि तीन दिवसीय गीता महोत्सव कार्यक्रम दो दिसंबर से चार दिसंबर तक सिविल लाइन्स स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल परिसर में आयोजित होगा।

डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि अंर्तराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 गुरूग्राम में 2 से 4 दिसंबर तक गरिमामयी ढंग से मनाने के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को महोत्सव की जानकारी दी जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक गीता का संदेश पंहुचाया जा सके। उन्होंने बताया कि महोत्सव में तीनों दिनों विभिन्न विभागों तथा स्वयंसेवी और धार्मिक संस्थाओ द्वारा प्रदर्शनी लगाई जाएगी। महोत्सव में तीनो दिन सुबह आयोजन स्थल पर सेमिनार आयोजित किया जाएगा। महोत्सव के पहले दिन अध्यापकों, दूसरे दिन पुलिसकर्मियों व सरकारी विभागों, तीसरे दिन आमजन के लिए गीता पर आधारित सेमिनार आयोजित किया जाएगा। चार दिसंबर को गीता जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर नगर शोभा यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। महोत्सव में तीनों दिन स्कूली विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं और साथ ही कार्यक्रम में सामाजिक और धार्मिक संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है, ताकि कार्यक्रम को भव्य रूप दिया जा सके।

डीसी ने बताया कि गीता महोत्सव को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। महोत्सव में विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित करती हुई स्टॉल लगाई जाएंगी। इसके अलावा, गीता को लेकर विश्वभर के महापुरूषों के विचारों को भी प्रदर्शनी में दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही , आजादी के अमृत महोत्सव के साथ सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों , राव तुलाराम, राजा नाहरसिंह, रोहनात के कुंए, अंबाला में आजादी की पहली लड़ाई को भी प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री व राज्यपाल का संदेश भी प्रदर्शित होगा।

डीसी ने कहा कि इस बार का गीता महोत्सव पूर्ण रूप से गीता के 18 अध्यायों पर उनकी शिक्षाओं पर आधारित रहेगा जिसमें आमजन को गीता पर आधारित बेहतरीन प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के अलावा सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों और संबंधित विभागों की सक्रिय भागीदारी रहेगी, जो गीता महोत्सव को शानदार बनाते हुए दर्शकों का मन मोह लेंगे। डीसी ने कहा कि गीता श्रेष्ठ मानव जीवन का सार है एवं रोजमर्रा के जीवन में गीता पर आधारित संदेशों का महत्व इस गीता महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। गीता में ज्ञान योग, कर्म योग, भक्ति योग, राज योग का वर्णन है, जो आज के बदलते सांस्कृतिक मूल्यों में अपना एक विशेष महत्व रखते हैं।

गीता से मिलती है निस्वार्थ भाव से कर्म करने की प्रेरणा
डीसी ने कहा कि गीता महोत्सव में जीवन जीने की सीख मिलेगी। गीता महोत्सव में धर्म-अधर्म, नारी सम्मान, इच्छाओं एवं कामनाओं पर नियंत्रण, कर्म का महत्व, गुस्से पर काबू, देखने का नजरिया (ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखना), मन पर नियंत्रण, स्वयं का आंकलन, अनुशासन, स्वयं का निर्माण, हर काम का फल मिलता है, व्यर्थ कुछ नहीं जाता, अभ्यास का महत्व, विश्वास के साथ विचार, पूर्णता से कार्य करना-काम में ढूंढे खुशी, अत्याधिक मोह पतन का कारण आदि पहलुओं पर समूह गान, राधा कृष्ण नृत्य, कृष्ण वंदना, समूह नृत्य, एकल अभिनय, एकल नृत्य, श्लोकाचारण, भजन, गीता सार नृत्य नाटिका, लघु नाटिका, गीता संवाद आदि के माध्यम से प्रकाश डाला जाएगा और जीवन जीने की सीख देते हुए मार्गदर्शन किया जाएगा।

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