गुरुग्राम। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की जिलाध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी गुप्ता का कहना है कि विभिन्न अवसरों पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपने सनातन संस्कारों से परिचित कराते हैं।

सेक्टर 15 पार्ट एक में वैश्य समाज की महिलाओं द्वारा आयोजित छटे जन्मोत्सव के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जन्मोत्सव का थीम राजस्थान हाट रखने का भी उद्देश्य यही रहा कि इससे हमें राजस्थानी संस्कृति को जानने समझने का अवसर मिले। राजस्थान की शालीन संस्कृति और वहां की पारंपरिक वेशभूषा अपना परिचय स्वयं दे देती है। यहां का दाल-बाटी-चूरमा व्यंजन देशभर में अपना विशेष आकर्षण रखता है।

राजस्थानी हाट थीम के अनुसार सभी महिलाएं राजस्थानी वेशभूषा में सज-धज कर जन्मोत्सव में शामिल हुईं। कान्हा जी भी राजस्थानी वेशभूषा में तैयार हुए।

इस कार्यक्रम में कान्हाजी को छप्पन भोग माखन मिश्री का भोग, बच्चों ने राधा-कृष्ण बनकर केक कटिंग की एवं राजस्थानी दाल-बाटी-चूरमा का भोग लगाया। महिलाओं ने राजस्थानी नृत्य एवं हाट में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में छमा मित्तल, राखी मित्तल एवं निधि जैन ने विशेष रूप से हिस्सा लिया।

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