घटना शनिवार गांव जसात की दोपहर बाद की बताई गईपटौदी और रेवाड़ी की दमकल गाड़ियां आग बुझाने के लिए पहुंचीलगभग 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबूबाजरा की पुलिया जलने से लाखों के नुकसान की आशंका फतह सिंह उजाला पटौदी । शनिवार को सभी ग्रामीण अपने-अपने गांव की सरकार के मुखिया के चुनाव की प्रक्रिया सहित मतदान के लिए व्यस्त रहे । लेकिन इसी बीच पटौदी क्षेत्र के ही गांव जसात में बाजरे की कटाई के बाद रखी हुई पूलियों में अचानक रहस्यमय तरीके से आग लग गई । देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप धारण कर लिया, चारों तरफ आग की लपटें और धुआं फैलने से जब ग्रामीणों का ध्यान धुएं की तरफ गया, उसके उपरांत किसी व्यक्ति के द्वारा पटौदी फायर कंट्रोल रूम में इस आगजनी की घटना के विषय में जानकारी दी गई। बिना देरी किए पटौदी दमकल विभाग से कर्मचारी अनुपाल , बिजेंदर, कृष्ण, अंकित आगजनी की घटना वाले गांव जसात में पहुंचे , तो मौके पर देखकर फैली आग को बुझाने के लिए सक्रिय हो गए । इसी दौरान आसपास के खेतों में काम करने वाले ग्रामीण भी आग को बुझाने के लिए और कंट्रोल करने के लिए सहयोग के वास्ते शामिल हो गए । लेकिन आग इस तेजी से फैलती चली गई की आग का प्रचंड रूप देख मौके पर मौजूद सभी लोगों के हाथ पांव फूल गए । इसके उपरांत बिना देरी किए रेवाड़ी से आग बुझाने में सहयोग के वास्ते दमकल विभाग को सूचना देकर दमकल विभाग की गाड़ी मंगवाई गई । इसी दौरान बराबर के खेत में ही किसान के द्वारा खेत में पानी दिया जाने के कारण दमकल विभाग के कर्मचारियों को उस समय बड़ी राहत मिली, जब बराबर के खेत से ही आग बुझाने के लिए पानी भी उपलब्ध हो गया । उपलब्ध जानकारी के मुताबिक बाजरे की फसल कटाई के बाद सतनारायण नामक किसान की करीब 50 एकड़ की कटी हुई बाजरे की पुलिया यहां रखी हुई थी। शनिवार को अचानक रहस्यमय तरीके से आग लग गई , आग लगने के कारणों का तत्काल पता नहीं लग सका । फिर भी पटौदी और रेवाड़ी से पहुंचे दमकल विभाग के कर्मचारियों की जी तोड़ मेहनत सहित आसपास के ग्रामीणों के सहयोग से मौके पर रखी हुई बड़ी संख्या में बाजरे की कटी हुई पूलियो तक आग पहुंचने से रोकने में कामयाबी प्राप्त कर ली गई , अन्यथा आर्थिक नुकसान और भी अधिक हो सकता था। इस बात का भी पता नहीं लग सका है कि किसान के द्वारा यह पुलिया अपने निजी इस्तेमाल के लिए रखी गई थी या फिर बिक्री के लिए इन बाजरे की पूलियो का सौदा किया जा चुका था । बरहाल राहत की बात यह रही कि सर्दी और ठंड का समय होने के कारण तथा आसपास के क्षेत्र में किसी अन्य प्रकार की फसल नहीं होने के कारण और अधिक नुकसान होने से बच गया। Post navigation बोहड़ाकला और नानूकला, सरपंच के लिए मतगणना प्रिंसिपल रूम में होगी पोलिंग एजेंट बना जेबीटी अध्यापक, कार्रवाई पर रहस्य ?