पंचायत चुनाव में मामला गांव छिल्लर की बूथ नंबर 27 का पहचान पवन पुत्र महावीर जेबीटी अध्यापक के रूप में बताईफतह सिंह उजाला गुरुग्राम । चुनाव में और चुनाव प्रक्रिया सहित चुनाव प्रचार के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश चुनाव आयोग के द्वारा जारी किए गए हैं। कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी चुनावी उम्मीदवार सहित चुनाव प्रक्रिया के दौरान अन्य सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से पाबंद है। इसी कड़ी में गुरुग्राम पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को भी अपने परिजन के चुनाव प्रचार करने का खामियाजा भुगतना पड़ चुका है । लेकिन फिर भी शनिवार को देहात की सरकार के चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक बेहद चौंकाने वाला मामला जानकारी में लाया गया । एक सरकारी कर्मचारी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार का पोलिंग एजेंट के तौर पर बूथ के बाहर बैठे काम कर रहा है। यह सीधे-सीधे चुनाव आयोग के निर्देश की अवहेलना सहित चुनाव नियमावली के मुताबिक अपराध की श्रेणी में माना जा सकता है । सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव छिल्लरकी के बूथ नंबर 27 पर चुनावी उम्मीदवार के लिए पोलिंग एजेंट के तौर पर काम करता हुआ मौके पर पकड़ा गया। इसके फोटो और वीडियो भी मौके पर ही बना लिए गए । इसके उपरांत इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को उपलब्ध करवाई गई , पहले तो यह बताया गया कि ऐसा कोई मामला स्पष्ट नहीं हो सका है । उसके उपरांत साक्ष्य के तौर पर बूथ के बाहर बैठे उक्त सरकारी कर्मचारी अध्यापक जिसकी पहचान पवन पुत्र महावीर जेबीटी अध्यापक के तौर पर बताई गई , संबंधित अधिकारियों तक उपलब्ध करवा दी गई । लेकिन कार्रवाई के नाम पर क्या कुछ हुआ ? इस पर समाचार लिखे जाने तक रहस्य ही बना हुआ है । सूत्रों के मुताबिक इस बात का भंडा फूट गया तो आनन-फानन में कथित रूप से इस सरकारी कर्मचारी अध्यापक को बदलकर उसके स्थान पर अन्य पोलिंग बूथ एजेंट बनाए जाने की भी जानकारी स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा दी गई । कथित रूप से एक बार पोलिंग एजेंट बनने के बाद उसके स्थान पर दूसरा पोलिंग एजेंट बनाने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय से लेकर स्थानीय चुनाव अधिकारी की सहमति चुनाव नियमावली के मुताबिक लिया जाना आवश्यक बताया गया है । बहरहाल यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। Post navigation बाजरा कटाई के बाद खेत में रखी पूलियो में लगी आग भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा की पुत्रवधु बनी सरपंच