गुरुग्राम, 10 नवम्बर। डॉ शिवसिंह रावत अधीक्षण अभियंता हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग गुरुग्राम एवं क्षेत्रीय अधिकारी अटल भूजल योजना को जल संसाधन संरक्षण और प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए “राष्ट्रीय जल संसाधन प्रबंधन पुरस्कार- 2022” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसंघ नई दिल्ली द्वारा दिया गया है। डॉ प्रियरंजन त्रिवेदी, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसंघ नई दिल्ली के अनुसार भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसंघ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में डॉ रावत के उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों की सराहना की है और उनको इस पुरस्कार से नवाज़ा गया है। डॉ त्रिवेदी ने केंद्र, राज्य सरकारें और नागरिक समाज से आहवान किया है कि डॉ रावत के अनुभव, विशेषज्ञता, प्रतिभा और ज्ञान का उपयोग उनकी क्षमताओं के अनुरुप संसाधनों का अधिकतम उपयोग एक स्वच्छ, हरित और समृद्ध भारत के निर्माण के लिये करे ताकि देश को 21वीं सदी की चुनौतियों- गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी, प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन, उग्रवाद, असहिष्णुता और जनसंख्या विस्फोट जैसी समस्याएंको रोकने में मदद हो सके। डॉ शिवसिंह रावत को 32 वर्षों का विभिन्न सरकारी विभागों में अनुभव है। उन्होंने जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए इज़राइल और ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय दौरे किये हैं। उन्होंने गुरुग्राम सहित दक्षिणी हरियाणा में नहर आधारित पेयजल से संबंधित प्रतिष्ठित परियोजनाओं, सिंचाई योजनाओं, अपशिष्ट जल के सिंचाई के उद्देश्य से ऊपयोग के लिए परियोजना और जल निकायों का कायाकल्प की परियोजनाओं पर कार्य किया है। उन्होंने जल संरक्षण, प्रबंधन एवं पर्यावरण के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों / संस्थानों में टीवी वार्ता और व्याख्यान दिए हैं और विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में कई लेख भी लिखे हैं। डॉ रावत ने अपने आधिकारिक कर्तव्यों के अलावा फलदार वृक्षारोपण, जल पंचायतों के माध्यम से जल जागरूकता कार्यक्रम, तालाबों और परित्यक्त कुओं का कायाकल्प, स्कूलों और गांवों में सोलर लाइट और सोलर स्ट्रीट (हरित ऊर्जा) सहित सामाजिक सेवा के माध्यम से अन्त्योदय के नारे को पूरा करते हुए समाज के वंचित वर्गों एवं क्षेत्र को बराबरी पर लाने का अनोखा प्रयास किया है। डॉ रावत आईआईटी दिल्ली से पीएचडी हैं। आईआईटी दिल्ली एलुमनी एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किये गये ग्रामीण स्वच्छता पहल कार्यकम (VAPUSI) के नोडल अधिकारी रहे हैं। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा गुडगाँव जिले के गांव पहाड़ी में किया गया था। Post navigation कांग्रेस का खत्म हो चुका है आत्मविश्वास: ओपी धनखड़ नई पहलः मेरिट आधार पर एचकेआरएन के माध्यम से हुई शिक्षकों की नियुक्तियां