राजनीति व सामाजिक कारणों से अहीरवाल व मेवात के साथ सौतेला व्यवहार सत्ता मद मे ंचूर होकर अंधे, गूंगे, बहरे बनेे भाजपाई-संघीयों को बेशक न दिखता हो, पर आमजन इसे रोज भुगत रहा है : विद्रोही अहीरवाल क्षेत्र मेें विकास व भेदभाव पर कभी-कभी दबी जुबान में केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह आवाज उठाते रहते थे, लेकिन अपनी बेटी को भाजपा की राजनीति में स्थापित करने की लालसा में वे भी अब दबी जुबान मेें आवाज उठाने से भी परहेज करते है : विद्रोही 03 नवम्बर 2022 – हर सामाजिक, राजनीतिक मंच पर प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों का बिना भेदभाव के समान विकास करने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री मनेाहरलाल खट्टर से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही नेे सार्वजनिक रूप से पूछा कि फिर अहीरवाल के रेवाडी, महेन्द्रगढ़, गुडगांव जिले के 11 विधानसभा क्षेत्र व मेवात के तीन विधानसभा क्षेत्रों के साथ विकास के हर कार्य में भाजपा राज के विगत 8 सालों से सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? विद्रोही ने सवाल किया कि अहीरवाल व मेवात के इन 14 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस जमाने से शुरू किये गए विभिन्न विकास प्रोजेक्ट विगत 8 सालों मेें पूरे होने का नाम क्यों नही ले रहे? इन क्षेत्रों में सभी विकास परियोजनाएं कछुआ गति से क्यों चल रही है? यदि भाजपा सरकार प्रदेश में विकास कार्यो में भेदभाव नही करती है तो अहीरवाल, मेवात की विकास परियोजनाएं को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन आवंटन क्यों नही हो रहा? इन क्षेत्रों का शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक सुविधाओं का ढांचा चरमराया हुआ क्यों है? विद्रोही ने आरोप लगाया कि राजनीति व सामाजिक कारणों से अहीरवाल व मेवात के साथ सौतेला व्यवहार सत्ता मद मे ंचूर होकर अंधे, गूंगे, बहरे बनेे भाजपाई-संघीयों को बेशक न दिखता हो, पर आमजन इसे रोज भुगत रहा है। मेवात क्षेत्र में तो सामाजिक कारणों व संघी साम्प्रदायिक सोच के चलते भेदभाव खुलेआम हर मामले में हो रहा है। वहां के तीनो कांग्रेस विधायक आये दिन भेदभाव व विकास मुद्दे मुस्तैदी से उठाकर सडकों व विधानसभा में लड़ते है, लेकिन अहीरवाल से निर्वाचित भाजपा सांसद, विधायक निजी स्वार्थो की पूर्ति के चलते इन भेदभावपूर्ण सोच के प्रति अंधे, गूंगे व बहरे बने हुए है। अहीरवाल क्षेत्र मेें विकास व भेदभाव पर कभी-कभी दबी जुबान में केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह आवाज उठाते रहते थे, लेकिन अपनी बेटी को भाजपा की राजनीति में स्थापित करने की लालसा में वे भी अब दबी जुबान मेें आवाज उठाने से भी परहेज करते है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि अहीरवाल के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के इस स्वार्थी व दब्बू आचरण से मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर इतने बेपरवाह हो गए है कि अहीरवाल में विकास मामलों में हो रहे भेदभाव के कांग्रेस व आमजनों के आरोप को सुनकर अपना रवैया बदलने की बजाय भेदभावपूर्ण नीति को ना केवल जारी रखे हुए है अपितु असत्य पर असत्य बोलकर अहीरवाल के लोगों के जख्मों पर नमक छिडकने से भी बाज नही आ रहे। विद्रोही ने अहीरवाल के लोगों से आग्रह किया कि यदि उन्होंने यहां के स्वार्थी, दब्बू नेताओं की जी-हजूरी छोडकर बगावती रूख नही अपनाया तो अहीरवाल यूंहिे भेदभाव का शिकार होकर शेष हरियाणा की तुलना में हर क्षेत्र से पिछड जायेगा। Post navigation साहित्य और संस्कृति का अटूट सम्बन्ध साहित्यकार संस्कृति को बढ़ावा देने में लेखनी का प्रयोग करें: राज्यपाल सीईटी परीक्षा के सफल संचालन और नकल रहित बनाने के लिए सरकार की पूरी तैयारी