पहले दिन मंगलवार को कासन के सत्यदेव भूख हड़ताल पर बैठेंगे

किसान बचाओ-जमीन बचाओ संघर्ष समिति का 134वें दिन धरना जारी

किसानों का आह्वान 14 नवंबर तक जमीन का मुआवजा नहीं उठाएं

फतह सिंह उजाला
मानेसर/पटौदी । 
 दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते साइबर सिटी गुरुग्राम में दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के साथ मौजूद नगर निगम और सबडिवीजन मानेसर क्षेत्र के किसानों के द्वारा अपनी जमीन बचाने को लेकर धरना 134 वंें दिन में प्रवेश कर गया है । इस बीच किसानों के द्वारा 30 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की गई थी , लेकिन चुनाव आचार संहिता तथा पंचायत चुनाव को देखते हुए 30 अक्टूबर की महापंचायत सहित आंदोलन को स्थगित कर दिया गया । लेकिन इसी कड़ी में अब किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों में से सत्यदेव के द्वारा कहा गया है कि हरियाणा दिवस 1 नवंबर से किसानों के द्वारा भूख हड़ताल आरंभ की जाएगी । यह किसान बचाओ-जमीन बचाओ संघर्ष समिति का अपना लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है ।

बताया गया है कि प्रतिदिन किसी ने किसी गांव से कोई ना कोई प्रभावित किसान या किसान परिवार का सदस्य भूख हड़ताल पर बैठेगा । गौरतलब है कि बीती 9 अक्टूबर को भी पचगांव में किसान महापंचायत का आह्वान किया गया था। उस समय मौके पर पहुंचे प्रशासन के द्वारा 1 सप्ताह में किसानों की सीएम से मुलाकात अथवा बातचीत करने का आश्वासन दिलाया गया था । मानेसर क्षेत्र के गांव कासन कि  1810 एकड़ जमीन के अलावा सहरावन, कुकड़ौला, फाजलवास, मोकलवास, पुखरपुर, खरखड़ी , बांस लांबी की 1128 एकड़ जमीन के मामले को लेकर प्रभावित किसान अपना धरना प्रदर्शन लगातार जारी रखे हुए हैं । किसानों की एक ही मांग है कि सरकार जमीन को अधिग्रहण अधिग्रहण के दायरे से बाहर करें या रिलीज कर दें। यदि सरकार को जमीन की बहुत अधिक आवश्यकता है तो जमीन का बाजार भाव 11 करोड़ प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को भुगतान किया जाए। इसके अलावा किसानों को अन्य कोई भी बात मंजूर नहीं है । इसके अलावा प्रभावित गांव के किसान परिवारों की महिलाओं के द्वारा भी स्थानीय एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को अपनी इसी प्रकार की मांगों को लेकर मांग पत्र भी सौंपा जा चुका है। लेकिन इस मामले को लेकर किसी भी प्रकार का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा, हालांकि किसानों के द्वारा अपने धरना स्थल पर ही सरकार और सरकार के मुखिया को सद्बुद्धि भगवान के द्वारा और आप प्रदान किया जाने के दृष्टिगत हवन यज्ञ जैसे अनुष्ठान का भी आयोजन किया जा चुका है ।

इसी बीच किसान बचाओ जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने अपने आंदोलन को शांतिप्रिय तरीके से जारी रखने का फैसला करते हुए अब प्रतिदिन किसी न किसी किसान के द्वारा भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है। भूख हड़ताल का यह सिलसिला हरियाणा दिवस 1 नवंबर से आरंभ हो जाएगा, इस मामले में किसान बचाओ-जमीन बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा बताया गया है कि मौजूदा समय में पंचायती चुनावों को देखते हुए आचार संहिता लगी हुई है , इसलिए किसी भी प्रकार से कोई भी बड़ा आंदोलन धरना प्रदर्शन नहीं किया जाएगा । केवल मात्र किसानों के द्वारा प्रतिदिन भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया गया है ।

मौजूदा समय के हालात को ध्यान में रखते हुए जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा प्रभावित गांव के सभी किसानों का आह्वान किया गया है कि 14 नवंबर तक चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए कोई भी प्रभावित किसान भाई सरकार के द्वारा तय किया गया मुआवजा स्वीकार नहीं करें या मुआवजे की रकम का भुगतान प्राप्त नहीं करें। अब 14 नवंबर के बाद ही 1810 और 1128 एकड़ जमीन के मामले को लेकर हरियाणा सरकार से बातचीत की जाएगी । जब तक किसानों को उनका हक-हकूक या फिर अधिग्रहण की जा रही जमीन का बाजार भाव के हिसाब से भुगतान नहीं मिलता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा । वही किसानों के द्वारा यह भी साफ साफ शब्दों में कहा गया है कि जो रकम मुआवजे के तौर पर सरकार के द्वारा तय कर भुगतान किया जा रहा है यह रकम किसानों को स्वीकार्य ही नहीं है।  अब देखना यही है कि 14 नवंबर के बाद जब गांव की सरकार के फैसले सामने आ जाएंगे उसके बाद आंदोलनकारी किसान क्या और किस प्रकार का निर्णय करते हुए अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन को जारी रख रणनीति अपनाते हैं  ।

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