गुरुग्राम में सरस ने लिखी सफलता की नईं कहानी
मंत्रालय ने स्वंय सहायता समूह और महिलाओं को किया सम्मानित
दिवाली में हुई बिक्री से ग्रमीण महिलाएं उत्साहित
शुरुआत में बारिश से हुए नुक़सान की हुई भरपाई
गुरुग्रामवासियों ने फूट कोर्ट के ज़ायक़े का ख़ूब लिया मज़ा

गुरुग्राम 23 अक्टूबर। गुरुग्राम के लेज़र वैली पार्क में आयोजित सरस आजीविका मेले का रविवार को स्वंय सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं को पुरुस्कृत कर भव्य समापन हुआ। गुरुग्राम में पहली बार 7 से 23 अक्टूबर तक आयोजित राष्ट्रीय सरस आजीविका मेले में लगभग 6 करोड़ की बिक्री हुई। मेले के शुरुआत में 3-4 दिनों तक हुई भारी बारिश ने 27 राज्यों से आईं 500 से अधिक महिलाओं को थोड़ा निराश अवश्य किया लेकिन बाद में तेज़ धूप के साथ मौसम के साथ बदले मिजाज के साथ दिवाली के मौके पर हुई खरीदारी ने इनके हौसलों पर नई उड़ान दी।

मेले के अंतिम दिन इन राज्यों के स्वंय सहायता समूहों को नॉर्थ ईस्ट, फूड, हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम और इंडिया फूठ कोर्ट जैसी अलग-अलग श्रेणी में पुरुस्कार के लिए चुना गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री चरणजीत सिंह और निदेशक रघुवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी प्रतिभागियों की प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पुरुस्कृत किया। नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स का पहला दूसरा और तीसरा पुरुस्तार असम के नाम रहा। फूड कैटगिरी में बाजी जम्मू-कश्मीर की गुलिस्तां ने मारी जबकि दूसरे पायदना पर जम्मू-कश्मीर की ही जय महा देव और तीसरे पर केरला की श्रेयस के नाम रही। हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम में यूपी की जय दुर्गा महिला को पहला पुरुस्कार मिला वही जम्मू-कश्मीर की आलीशान को दूसरा औऱ छत्तीसगढ़ के सहेली तीसरे पर रही। चौथे और आखरी कैटिगरी इंडिया फूड कोर्ट में तेलंगाना ने महाराष्ट्र के नंदूबार और केरल के केरला जूस पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया।

ग्रामीण मंत्रालय के राष्ट्रीय विकास एंव पंचायती राज संस्थान पिछले 24 सालों से इस सरस मेलों का आयोजन कर रहा है जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वंय सहायता समूह के माध्यम से रोज़गार के साधन उपलब्ध कराना है। ग्रामीण मंत्रालय सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं शहरी ग्राहकों को बड़े शहरों में प्लेटफॉर्म के साथ-साथ मार्केटिंग के गुण सिखाता है। सरस मेले में भी 3 दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन हुआ। इसका आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एंव पंचायती राज संस्थान की देखरेख में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के प्रमुख संगठन राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान ने किया।। ग्रामीण विकास मंत्रालय अब तक देश भर 8 करोड़ 60 महिलाएं इस मिशन से जुड़ चुकी है जबकि सरकार का लक्ष्य 2024 तक इनकी संख्या 10 करोड़ करने का है।

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