राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी के 27 गांव शामिलवार्ड नंबर 9से जो उम्मीदवार जीतेगा वही वही बनेगा सिकंदरजिला परिषद प्रमुख का पद एससी महिला के लिए आरक्षितपटौदी क्षेत्र में शामिल वार्ड नंबर 9 इसी श्रेणी में है शामिलविभिन्न राजनीतिक परिवारों से महिलाओं की आपस में चुनौती फतह सिंह उजाला पटौदी । राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है या फिर विजेता के लिए रुतबा सहित पहचान बनाने का सशक्त माध्यम भी है । गुरुग्राम जिला परिषद के चुनाव में वार्ड नंबर 9 सही मायने में पूरी तरह से हॉट सीट बन चुका है। जो भी उम्मीदवार वार्ड नंबर 9 विजेता होगा , वही जिला परिषद प्रमुख के पद पर बैठने का हकदार बनेगा। इसका मुख्य कारण है गुरुग्राम जिला परिषद का प्रमुख अथवा अध्यक्ष पद अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है । इसी कड़ी में वार्ड नंबर 9 अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है । संभवत यही कारण है कि जिला परिषद प्रमुख की कुर्सी पर बैठने की दावेदारी को लेकर विभिन्न राजनीतिक परिवारों की महिलाएं अपनी-अपनी किस्मत आजमाते हुए एक दूसरे के लिए राजनीतिक चुनौती भी बनती जा रही है। गौरतलब है कि अहीरवाल के क्षत्रप और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी विधानसभा क्षेत्र में ही वार्ड नंबर 9 है और इस वार्ड में कुल 27 गांव शामिल है । इन 27 गांवों के मतदाताओं के द्वारा ही इस बात का फैसला किया जाएगा कि किसको जिला परिषद प्रमुख के पद पर बैठाया जाए । हालांकि सभी राजनीतिक पार्टियां अपने अपने चुनाव चिन्ह पर अपने समर्थक उम्मीदवारों को चुनाव के मैदान में उतारने से परहेज किए हुए हैं । लेकिन अपने-अपने उम्मीदवार का संबंधित पार्टी के नेताओं के द्वारा खुलकर समर्थन और प्रचार भी किया जा रहा है। एक दिन पहले ही पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता एक उम्मीदवार के यहां चाय पीने पहुंचे और खुलकर अपना समर्थन देने का मौके पर मौजूद आसपास के ग्रामीणों को इशारा भी दे दिया । इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस बात के प्रयास किए जाएंगे जिला परिषद प्रमुख का उम्मीदवार सहित कुछ वार्ड में उम्मीदवार पार्टी के सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारे जाएं । उनके इस कथन को भाजपा का प्रदेश नेतृत्व और जिला प्रभारी सहित चुनाव समिति कितनी गंभीरता से लेकर अहमियत दे पाएगी ? यह भी अपने आप में सवाल बन गया है । क्योंकि शुक्रवार 21 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है । जिला परिषद प्रमुख पद अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने के कारण सबसे अधिक चर्चित , महत्वपूर्ण और हॉट सीट बन चुके वार्ड नंबर 9 से अभी तक जो उम्मीदवार सामने आए हैं । उनमें मुख्य रूप से पटौदी के पूर्व एमएलए रामवीर सिंह की पुत्रवधू अनु पटौदी , पटौदी के ही पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की बेटी सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी , जिला पार्षद और पटोदी पंचायत समिति के अध्यक्ष रह चुके दीपचंद की पुत्री दीपाली चौधरी , भाजपा के स्वर्गीय नेता तुलसीराम की पुत्रवधू अंजू कुमारी , एडवोकेट एस थिरयान की पुत्रवधू मनीषा और मधु सारवान पत्नी सुमित सरवन के नाम अभी तक सामने आ चुके हैं । जिला परिषद प्रमुख की कुर्सी तक पहुंचने के लिए सामने आने वाले इन नामों में अभी और नाम शामिल होने की प्रबल संभावनाएं बनी हुई है । क्योंकि नामांकन 28 अक्टूबर तक किए जाने हैं। यदि राजनीतिक अनुभव की बात की जाए तो इस मामले में पूर्व एमएलए रामवीर सिंह को चुनाव लड़ने और लड़वाने का 2 दशक से अधिक पुराना राजनीतिक अनुभव है। उनकी पुत्रवधू अनु पटौदी भी अपने ससुर रामवीर सिंह के साथ ही विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में पदाधिकारी रहते हुएं करीब 1 दशक से अधिक समय से राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय है । दूसरी ओर बेहद रोचक और पेचीदा मामला भी देखने के लिए मिल रहा है , स्वर्गीय भाजपा नेता तुलसीराम खंडेवला जोकि पटौदी क्षेत्र से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके। उनके पुत्र दीपक खंडेवला अपनी धर्मपत्नी अंजू कुमारी को साथ लेकर राव इंद्रजीत सिंह के दिल्ली दरबार में पहुंच राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव सहित राव इंद्रजीत सिंह का भी समर्थन होने का दवा लोगों के बीच करते आ रहे हैं । इसी प्रकार से पूर्व जिला पार्षद एडवोकेट एसएस थिरयान भी राव इंद्रजीत सिंह के बेहद नजदीक और सबसे अधिक विश्वसनीय होने की दावेदारी करते हुए अपनी पुत्रवधू मनीषा को वार्ड नंबर 9 से चुनाव लड़ जाते हुए सीधे जिला परिषद प्रमुख की कुर्सी तक पहुंचाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं । इस बीच में सबसे अधिक चौंकाने वाला जो नाम आया , वह सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी का माना जा रहा है । एडवोकेट पर्ल चौधरी पटौदी के पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री हैं । पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की आज भी पटौदी में लोगोंसहित समर्थकों में मजबूत पकड़ बनी हुई है। हालांकि पर्ल चौधरी के द्वारा बीते विधानसभा चुनाव में भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई थी , लेकिन अपरिहार्य कारणों से उन्होंने अंतिम समय में अपना फैसला बदल लिया था। जिला परिषद के प्रमुख अथवा अध्यक्ष पद की सीधी लड़ाई के लिए वार्ड नंबर 9 से चुनाव के लिए जो नाम सामने आए हैं , उनमें से एक नाम को छोड़कर अन्य पांचो नाम अथवा उम्मीदवार राजनीतिक परिवार से होने के साथ ही सक्रिय राजनीति से पूरी तरह परिचित भी है । जिला परिषद के अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 9 में गांव ,बपास ,रहणवा, ब्रह्मणवास, बृजपुरा, छिल्लरकी, डाडावास, घिलनावास, गुढाना ,हकदार पुर, हालियाकी, हुसैनका, इंछा पुरी, जसात, खलीलपुर, खेितयावास, महनियावास, मंगवाकी , मौजा बाद, मदपुरा, नूरगढ़, पहाड़ी, राजपुरा, रणसीका, जट शाहपुर जाट, शेरपुर और गदाईपुर के नाम शामिल हैं । सूत्रों के मुताबिक इन 27 गांव में अनुसूचित वर्ग के 8000 से अधिक लोग अथवा मतदाता बताए गए हैं। जबकि इन सभी 27 गांवों की आबादी 36000 से अधिक बताई गई है । अब देखना यह है कि सीधे सिकंदर बनने की राजनीतिक जंग में सबसे हॉट सीट वार्ड नंबर 9 से अभी और कौन-कौन महिला दावेदार किस नेता या फिर किस राजनीतिक परिवार से अपनी दावेदारी लेकर सामने आती हैं । इसी कड़ी में पूर्व एमएलए रामवीर सिंह के द्वारा बताया गया है कि शनिवार को उनकी पुत्रवधू अनु पटौदी के द्वारा अपना नामांकन दाखिल किया जाएगा । हालांकि अनु पटौदी सहित परिवार के सभी सदस्य अपने चुनाव प्रचार में रात-दिन एक किए हुए हैं। इसी प्रकार से स्वर्गीय तुलसी राम के पुत्र दीपक खंडेवला अपनी धर्मपत्नी अंजू कुमारी के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए पसीना बहा रहे हैं । पाटोदी पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व जिला पार्षद दीपचंद के द्वारा भी अपनी पुत्री दीपाली चौधरी के लिए जनसंपर्क करते हुए जनसमर्थन जुटाने का अभियान जारी है। कुल मिलाकर पटौदी विधानसभा क्षेत्र का वार्ड नंबर 9 जो कि अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है और जिला परिषद प्रमुख पद भी अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है । ऐसे में सभी की नजरें पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे अधिक चर्चित और हॉट वार्ड नंबर 9 पर टिकी हुई है । इसके अलावा एससी वर्ग के लिए वार्ड नंबर 2 भी है , लेकिन इस वार्ड नंबर 2 से केवल अनुसूचित वर्ग का पुरुष उम्मीदवार ही चुनाव लड़ने का हकदार है । इन दो आरक्षित वार्डाें के अलावा अलग-अलग अन्य 8 वार्डों में भी जिला पार्षद बनने के दावेदार या फिर अपने परिवार से महिलाओं को जिला पार्षद बनाने के लिए पति सहित परिवार के सदस्यों और समर्थकों के द्वारा जनसंपर्क अभियान जारी करते हुए जनसमर्थन जुटाने का काम किया जा रहा है। मेरे परिवार कोई चुनाव नहीं लड़ेगाजिला परिषद प्रमुख पद अनुसूचित वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने के बाद चुनाव प्रचार सहित दावेदारी को लेकर इस प्रकार की चर्चाएं भी लोगों के बीच गर्म होने लगी कि पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता की पुत्रवधू भी वार्ड नंबर 9 से चुनाव लड़ सकती हैं ? एक दिन पहले ही निमंत्रण पर चाय पीने के लिए वार्ड नंबर 9 से उम्मीदवार मधु सारवान के यहां पहुंचे एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने साफ साफ शब्दों में कहा कि जिला परिषद या फिर पंचायत चुनाव या पंचायत समिति चुनाव में उनके परिवार से कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। परिवार में एक ही व्यक्ति राजनीति में सक्रिय है और जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र सहित लोगों की सेवाएं की जा रही है। Post navigation प्रदूषण ना फैलाकर सुरक्षित दीवाली बनाएं: सुधीर सिंगला आज तो बच गई दोबारा मिली तो जान से मार दूंगा