पूछा- चुनावी सभाओं में जनता से नोट क्यों वसूल रहे हैं कुलदीप व भव्य बिश्नोई? चौधरी भजनलाल के नाम पर कब तक वोट मांगते रहेंगे कुलदीप? खुद की कोई उपलब्धि या बीजेपी के काम क्यों नहीं गिनवाते कुलदीप? कुलदीप ने विधानसभा में कभी क्यों नहीं उठाई आदमपुर की आवाज? विधानसभा की कमेटी से क्यों गैरहाजिर रहते थे कुलदीप बिश्नोई? चुनाव के बाद कहीं नजर नहीं आएंगे कुलदीप व भव्य बिश्नोई- उदयभान 20 अक्टूबर, हिसारः चौधरी भजनलाल के नाम पर कब तक वोट मांगते रहेंगे कुलदीप बिश्नोई? खुद की कोई उपलब्धि या बीजेपी के करवाए हुए काम क्यों नहीं गिनवाते कुलदीप बिश्नोई? विधानसभा में कभी क्यों नहीं उठाई आदमपुर की आवाज? विधानसभा की कमेटियों से क्यों गैरहाजिर रहते थे कुलदीप? क्यों विधानसभा स्पीकर ने कुलदीप बिश्नोई को कमेटी से किया था बर्खास्त? यह तमाम सवाल हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान में कुलदीप बिश्नोई से पूछे हैं। चौ. उदयभान आज मोडा खेड़ा, दड़ोली, चूली कलां, चूली खुर्द, चूली बागडियां, सदलपुर, चबरवाल में कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कुलदीप के पास खुद या भाजपा का आदमपुर में बताने या दिखाने लायक एक भी काम नहीं है। यही वजह है कि आज तक भी वह स्वर्गीय चौधरी भजनलाल जी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। उदयभान ने कहा कि दलित प्रदेश अध्यक्ष का विरोध करके कुलदीप ने अपनी निम्न मानसिकता का परिचय दिया है। कांग्रेस में रहते हुए वह जनता के बीच खुद को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते थे। लेकिन भाजपा में आते ही उन्होंने चुनाव से भी किनारा कर लिया और राजस्थान की राजनीति करने की बात कही। क्योंकि आदमपुर की जनता के सामने उनका सच उजागर हो चुका है। इसलिए अब यहां के लोग बिश्नोई को वोट नहीं देंगे। इससे पहले उनको वोट देकर जनता उन्हें आजमा चुकी है। लेकिन विधायक के तौर पर उन्होंने कभी भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने विधानसभा में कभी जनता की आवाज नहीं उठाई। विधानसभा कमेटी से भी वो गैरहाजिर रहते थे। यही वजह है कि खुद विधानसभा स्पीकर ने उन्हें कमेटी से बर्खास्त किया। किसानों के साथ ज्यादती से लेकर स्कूलों को बंद करने के फैसले पर कुलदीप ने चुप्पी साधने का काम किया। इनकी वजह से आदमपुर के किसानों और छोटी-छोटी बच्चियों को आज तक सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इसपर ध्यान देने की बजाए कुलदीप बिश्नोई का सारा ध्यान चुनावी सभाओं में जनता से नोट बटोरने पर है। यहीं वजह है कि चुनाव आयोग ने भव्य को नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा है। आखिर क्यों बिश्नोई पिता-पुत्र को आम जनता से नोटों के बंडल व माला लेनी पड़ रही हैं? उदयभान ने कहा कि बिश्नोई पिता-पुत्र को आम जनता और आदमपुर से कोई वास्ता नहीं है। दोनों चुनाव के बाद आदमपुर में नजर नहीं आएंगे। इन्हें सिर्फ चुनाव में ही जनता की याद आती है। Post navigation कांग्रेस की सरकार बनने पर हर महीने 300 यूनिट बिजली मिलेगी फ्री – दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा के डॉ सत्यवान सौरभ के दोहे…… ‘अपने प्यारे गाँव से’ शोध-पत्र में शामिल