सरकार तीन कृषि कानून की तरह पिछले दरवाजे से अनाज का व्यापार बड़ी-बड़ी कंपनी को देना चाहती हैं- बजरंग गर्ग सरकार को ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहिए जो किसान व व्यापारी विरोधी हो- बजरंग गर्ग चंडीगढ़- अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने व्यापारी व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि केंद्र सरकार के पत्र द्वारा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अलावा प्राइवेट कंपनियां भी अनाज का भंडार कर सकेगी। इस बाबत केंद्र सरकार द्वारा देश की राज्य सरकारों के पत्र भेजकर अवगत करवाया है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि अनाज की खरीद पर राज्य सरकार को सिर्फ 2 प्रतिशत की आकस्मिक खर्च मिलेगा। बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से अनाज की सीधी खरीद करवाने से देश और प्रदेश के किसान व आढ़तियों को बड़ा भारी नुकसान होगा। प्राइवेट कंपनियों द्वारा सीधा अनाज की खरीद करने से जहां किसान को फसल के भाव कम मिलेंगे, वहीं सरकारी अनाज मंडियां ठप्प हो जाएगी। सरकार तीन कृषि कानून की तरह पिछले दरवाजे से अनाज का व्यापार बड़ी-बडी कंपनियों को देना चाहती है जबकि किसान की फसल अनाज मंडियों में खुली बोली में बिकने से किसान को अपनी फसल के उचित भाव मिल जाते हैं। वही किसान की फसल अगर बड़ी-बड़ी कंपनियां सीधी खरीद करेगी तो बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने हिसाब से अनाज खरीद करेगी। इससे जहां सरकारी मंडियां बर्बाद होगी वही 50 हजार आढ़ती, लाखों मुनीम, कर्मचारी व लाखों पल्लेदार बेघर हो जाएंगे। बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने अगर अनाज की खरीद सीधे प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से की तो देश व प्रदेश का किसान व आढ़ती सड़कों पर उतर कर इस फैसले के विरोध में आंदोलन करेगा। केंद्र सरकार का इस कदम से किसान, आढ़ती, मुनीम व पल्लेदार पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। श्री गर्ग ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है व्यापारी देश की रीड की हड्डी है। सरकार को ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहिए जो किसान व व्यापारी विरोधी हो। Post navigation न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2 से 9 प्रतिशत तक मामूली बढोतरी………. किसानों के साथ क्रूर मजाक : विद्रोही हरियाणा ने पालम विहार को जोड़ने वाली मेट्रो विस्तार परियोजना के लिए अंतिम डीपीआर को मंजूरी दी