भव्य को एक लाख वोट पार करवाने का लक्ष्य लेकर भाजपा ने विपक्ष को सकते में डाला

—लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाजपा ने ​झोंकी मजबूत सांगठनिक शक्ति
—समय से प्रत्याशी घोषित करने का भी मिल रहा भाजपा को लाभ
—कांग्रेेस की खेमेबंदी व ​अन्य पार्टियों नगण्य जनाधार का फायदा उठाने के प्रयास में भाजपा

हिसार। सधी हुई रणनीति व मजबूत संगठन की बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी भव्य बिश्नोई को एक लाख वोट पार करवाने का लक्ष्य निर्धारित करके विपक्षी उम्मीदवारों को सकते में डाल दिया है। सांगठनिक रणनीति के साथ—साथ भारतीय जनता पार्टी इस उपचुनाव में कांग्रेस खेमेबंदी व अन्य पार्टियों के नगण्य जनाधार का फायदा उठाने का भी प्रयास कर रही है और अपने प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही।

आदमपुर उपचुनाव की घोषणा के कुछ समय बाद ही भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के पौत्र एवं पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के पुत्र भव्य बिश्नोई को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था। समय से की गई उम्मीदवार की घोषणा भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुई और जब तक कांग्रेस व व इनेलो ने अपने प्रत्याशी घोषित किए, तब तक भाजपा—जजपा प्रत्याशी ने हलके के दौरे का पहला चरण पूरा कर लिया। हालांकि आम आदमी पार्टी नेे तो भव्य से पहले अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन आम आदमी पार्टी के लोगों ने प्रत्याशी का विरोध करके व पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी की शुरूआती चरण में ही कमर तोड़ दी, जिससे वे अभी तक उबर नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस व इनेलो जैसी पार्टियों ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले अपने प्रत्याशी घोषित किए, ​जिसका सीधा नुकसान इन पार्टियों को हुआ और अनेक लोगों ने इनकी पार्टी को भी अलविदा कह डाला।

भारतीय जनता पार्टी इस बात से भी उत्साहित है कि जिस युवा को प्रत्याशी बनाया गया है, उसका इस क्षेत्र में पारिवारिक प्रभाव है और हर चुनाव में यह परिवार यहां से चुनाव जीतता रहा है। भव्य की पारिवारिक पृष्ठभूमि, उनका क्षेत्र में प्रभाव का सीधा फायदा भव्य को मिलने की पूरी संभावना है वहीं भाजपा इस बात को लेकर आशावान है कि अब तक दो उपचुनावों में हुई हार से उबर कर इस उपचुनाव में जीत के साथ ही भाजपा विधायकों की संख्या 41 होने जा रही है। भाजपा उम्मीदवार को यह भी फायदा मिल रहा है कि लगभग 26 वर्षों से राजनीतिक वनवास झेल रही आदमपुर की जनता इस उपचुनाव में जीत के साथ ही सत्ता में भागीदारी करेगी। भाजपा ने उपचुनाव में अपनी पूरी सांगठनिक शक्ति इसलिए झोंक रखी है कि वह बरौदा व ऐलनाबाद उपचुनाव में हुई अपनी हार का न केवल बदला ले सके बल्कि भव्य बिश्नोई को एक लाख वोट पार करवाकर ऐसा रिकॉर्ड कायम करे कि वर्ष 2024 की सरकार की तस्वीर जनता के समक्ष पेश कर सकें।

भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो आदमपुर उपचुनाव में जीत को निश्चित मानते हुए भी भाजपा शांत नहीं बैठी है। वह अपने सांगठिक बल व कांगेेस की खेमेंबंदी का जमकर फायदा उठाने का प्रयास कर रही है और यही कारण है कि पार्टी ने प्रांतभर से विस्तारकर आदमपुर उपचुनाव में लगा दिए हैं। आदमपुर हलके के हर गांव में मोहल्लावाइज विस्तारकों की टीम चुनाव तक वहीं डटी रहेगी और एक—एक मतदाता से सीधा संपर्क करके उन्हें भाजपा के पक्ष में मतदान को प्रेरित करेगी। इसी तरह पन्ना प्रमुखों की ड्यूटी भी विशेष रूप से लगाई गई है। पन्ना प्रमुख के जिम्मे केवल वोटर लिस्ट का एक पन्ना होता है और उसे वे ही वोट डलवाने की ड्यूटी दी जाती है। ये सभी पन्ना प्रमुख गांव के ही होते हैं, इसलिए उन्हें मतदाताओं को पहचानने व उन्हें प्रेरित करने में खास परेशानी भी नहीं होती।

कुल मिलाकर भाजपा इस उपचुनाव में जीत के दावे के साथ—साथ भव्य बिश्नोई को एक लाख वोट पार करवाने का संकल्प लेकर जहां विपक्ष को सकते में डाल चुकी है वहीं वह कांगेेस की गुटबाजी, आम आदमी पार्टी व इनेलो के सीमित जनाधार और अन्य पार्टियां के नगण्य प्रभाव का फायदा उठाने का भी भाजपा पूरा प्रयास कर रही है। यही कारण है कि भाजपा ने इस चुनाव में जीत का नारा देने की बजाय अपने प्रत्याशी को एक लाख वोट पार करवाने का नारा दिया है। देखना है कि भाजपा अपने टारगेट में कितना सफल होती है और भाजपा की सधी हुई रणनीति से बचने में विपक्षी उम्मीदवार कितना सफल होते हैं।

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