एडिशनल सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की कोर्ट का फैंसला

दो अन्य आरोपियों को संदेह के लाभ में बाइज्जत बरी कर दिया

ब्यूरो रेवाड़ी
रेवाड़ी ।
 रेवाड़ी कोर्ट में एडिशनल सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत के द्वारा शुक्रवार को सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह की हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो अन्य आरोपियों को संदेह के लाभ देते हुए इस मामले में बाइज्जत बरी कर दिया गया।

आइए समझे इस पूरे घटनाक्रम को

सरकारी अधिवक्ता जगबीर सिंह सहरावत के अनुसार 15 नवंबर 2018 को धारूहेड़ा सीआईए-2 के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह को सूचना मिली थी कि शराब ठेकेदार की हत्या और दूसरे मामले में वांछित खरखड़ा निवासी नरेश धारूहेड़ा के आस पास क्षेत्र में घूम रहा है। सूचना मिलने के बाद सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह ने अपनी टीम के साथ धारूहेड़ा-भिवाड़ी बॉर्डर के समीप अलवर बाइपास के निकट नरेश की घेरा बंदी कर ली। इसी घेरा बंदी दौरान नरेश ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। जिसमें एक गोली सब इंस्पेक्टर रणबीर के पेट के ऊपरी हिस्से में जा लगी। इस मुठभेड़ में पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया। उधर रणबीर को घायलवास्था में एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। पूछताछ में नरेश ने हथियार उपलब्ध कराने वाले मोदी नगर के संतपुरा गोविंदपुरी निवासी संजीव उर्फ संजू और देहरादून की ईदगाह कॉलोनी निवासी सुधीर उर्फ टिल्लू के नाम बताये थे। पुलिस ने अन्य दोनों को भी गिरफ्तार कर तीनों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।

संदेह के लाभ में दो बरी हुए

करीब 4 साल तक एडिशनल सेशन कोर्ट में इस मामले में कुल 26 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। वकीलों की दलीलें और गवाहों के बयान के आधार पर हत्या के मामले में संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने गुरुवार को संजीव और सुधीर को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। मुख्य आरोपी नरेश को हत्या का दोषी करार दिया गया। सुधीर उर्फ टिल्लु को वरिष्ठ अधिवक्ता गजराज सिंह यादव ने तमाम साक्ष्यों के आधार पर मजबूत से पैरवी करते हुए उसे बाइज्जत बरी करवाया। शुक्रवार को नरेश की पेशी के वक्त पूरा कोर्ट परिसर छावनी में बदल गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई।दंबग पुलिस अधिकारी की पहचान रणबीर सिंह

एएसआई रणबीर सिंह की पहचान पुलिस महकमें हमेशा दंबग अधिकारी के तौर पर रही है। अपनी डयूटी के दौरान उन्होंने अपने छोटे बड़े अपराधों का समय रहते खुलासा किया। प्रशासन की तरफ से भी वे सम्मानित होते रहे। 1 मई 2015 को महेश्वरी में शराब ठेके पर लूटपाट करने वाले पकड़े। 27 अगस्त 2015 बास रोड से लाखों के जेवरात लूटने वाले बदमाश पकड़े। सितंबर 2015 मनीराम मार्किट से लाखों रुपये के जेवरात लूटने वाले मामले का पर्दाफाश किया। जून 2016 में करीब 2 लाख कीमत के जेवरात से भरा बैग बरामद कर मामला का पर्दाफाश किया। 22 सिंतबर 2016 में लंगड़ा गिरोह सरगना को दबोचा। 30 नवंबर 2016 में हाईवे पर 80 लाख रुपये डकैती में बदमाशों की गिरफ्तारी। करीब 46 टन चंदन की लकड़ी पकड़ी। 31 दिसंबर 2017 में नंदरामपुर बास रोड पर पेट्रोल पंप व कार लूटने वाले बदमाशों को गिरफ्तार किया। 30 जनवरी 2018 में लाखों रुपये की अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा। 18 मई 2018 में मुठभेड़ के बाद 50 हजार के इनामी बदमाश उमर को साथियों सहित काबू किया।अपने त्वरित फैसलों से चर्चा में एडीजे गर्ग

एडिशनल सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने कुछ माह  पहले ही रेवाड़ी कोर्ट  में कार्यभार संभाला  था। विशेषतौर से क्राइम के मामलों में एडीजे सुशील कुमार गर्ग अपने फैसलों के लिए काफी चर्चित हैं। वह गुरमीत राम रहीम को रणजीत हत्याकांड और अब्दुल करीम ढुंडा को बम ब्लास्ट मामले में सजा सुना चुके हैं। इसके अलावा रेवाड़ी में भी कई सालों से पेंडिंग चल रहे केसों में लगातार आरोपियों पर आरोप तय कर रहे है।

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