केजरीवाल अपने को हरियाणा का बेटा बताता है, अब पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद अपनी मातृ भूमि का कर्ज चुकाने बजाय क्षुद्र राजनीति के लिए अपनी जन्मभूमि से ही विश्वासघात कर रहे : विद्रोही जो नेता अपनी जन्मभूमि का नही हो सकता, वह आमजनों के हितों की क्या खाक रक्षा करेगा : विद्रोही 15 अक्टूबर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसवाईएल नहर निर्माण पर हुई बैठक में पंजाब के इस स्टैंड की कडी आलोचना की कि जब पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानीे है ही नही तो पंजाब में अधूरी पडी एसवाईएल नहर निर्माण का सवाल ही कहां पैदा होता है। विद्रोही ने पंजाब में आधी-अधूरी पडी एसवाईएल नहर का निर्माण न करने का फैसला करके पंजाब आप पार्टी सरकार व मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुप्रीम कोर्ट के जनवरी 2002 के नहर निर्माण के आदेश को धत्ता बताकर ना केवल सुप्रीम कोर्ट आदेश की अवेहलना की है अपितु हरियाणा विरोधी स्टैंड लेकर फिर साबित कर दिया है कि आप पार्टी-अरविंद केजरीवाल दोहरे चाल-चरित्र के गिरगिटी व्यक्ति है। जो केजरीवाल अपने को हरियाणा का बेटा बताता है, अब पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद अपनी मातृ भूमि का कर्ज चुकाने बजाय क्षुद्र राजनीति के लिए अपनी जन्मभूमि से ही विश्वासघात कर रहे है। जो नेता अपनी जन्मभूमि का नही हो सकता, वह आमजनों के हितों की क्या खाक रक्षा करेगा। ऐसा व्यक्ति केवल निजी हितों की पूर्ति करने वाला स्वार्थी व्यक्ति होता है। विद्रोही ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का यह राग बेमतलब है कि पंजाब के पास नदियों में पानी है ही नही तो वह हरियाणा को पानी से कहा से देगा। जब सुप्रीम कोर्ट यह तय कर चुका है कि पंजाब को एसवाईएल बनानी होगी और हरियाणा को पानी भी देगा होगा, तब इस मुद्दे पर सकारात्मक रूख अपनाने की बजाय पंजाब सरकार का हरियाणा विरोधी व सुप्रीम कोर्ट आदेश अवेहलना करने वाला रूख अपनाना किसी भी तरह स्वीकार नही किया जा सकता। विद्रोही ने कहा कि जब हरियाणा ने हांसी-बुटाना लिंक नहर का मामला उठाया तो पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान सुप्रीम कोर्ट स्टे का बहाना करके भांखडा मेन ब्रांच नहर को हांसी-बुटाना लिंके नहर से जोडने के मामले को टाल गए जबकि वे भूल गए कि सुप्रीम कोर्ट स्टे भी पंजाब ने करवा रखा है। यदि पंजाब सरकार चाहती तो भांखडा मेन ब्रांच नहर से हांसी-बुटाना नहर को जोडकर दोनो राज्यों में सौहार्दपूर्ण सम्बन्धों की शुरूआत कर सकती थी, लेकिन आप पार्टी सरकार ने ऐसा न करके हरियाणा से टकराव बरकरार रखने का फैसला करके एकबार फिर अपना हरियाणा विरोधी चेहरा बेनकाब कर दिया। विद्रोही ने हरियाणा के लोगों से अपील की कि हरियाणा विरोधी आप पार्टी, अरविंद केजरीवाल व पंजाब सीएम भगवंत मान का सामाजिक बहिष्कार करके इन्हे हरियाणा में कहीं भी सामाजिक, राजनीतिक कार्यक्रम न करने दे। Post navigation बात बड़े मनोहर माहौल में हुई, लेकिन मान साहब माने नहीं भव्य बिश्नोई ने अपने नामांकन में खुद के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी छिपाई: आरएस चौधरी