जिला उपायुक्त के आदेश के बावजूद नहीं उपलब्ध करवाई गई आरटीआई आवेदक काे बिंदुवार वांछित सूचनाएं

•आईएएस डा. जयकृष्ण आभीर ने जन सूचना अधिकारी को दिया था 7 दिन में अपीलार्थी को सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने का आदेश
रिमाइंडर देने के बावजूद नहीं उपलब्ध करवाई गई सुचना

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल।‌कहने को तो सूचना का अधिकार कानून का उद्देश्य, सरकारी महकमों को आम जनता के प्रति जवाबदेह बनाना व पारदर्शी तरीके से जनमानस को सूचनाएं उपलब्ध करवाना है। परंतु आम तौर पर आए दिन यह देखने को मिलता है कि जन सूचना अधिकारी के द्वारा तय समयावधि में आरटीआई आवेदक को सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा अनावश्यक देरी की जाती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में प्रकाश में आया है जहां महेन्द्रगढ़ के जिला उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर के प्रथम अपील में दिए गए फैसले के एक महीना बीतने के बावजूद अपीलार्थी को राज्य जन सूचना अधिकारी एवं जिला राजस्व अधिकारी के द्वारा कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

अपीलार्थी अमित सिंह पुत्र मोहन सिंह वासी चौधरी देवीलाल काॅॅलोनी, ब्रह्मचारी रोड़, महेन्द्रगढ़ ने बताया कि उनके द्वारा दिनांक 29-06-2022 को राज्य जन सूचना अधिकारी से आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 6 उपधारा 1 के तहत सूचना मांगी गई थी परंतु 30 दिन की तय समयावधि में उन्हें संबंधित विभाग द्वारा कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। सूचना प्राप्ति के क्रम में प्रार्थी ने आरटीआई एक्ट की धारा 19 उपधारा 1 के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं जिला उपायुक्त महेन्द्रगढ़ स्थित नारनौल को पत्र लिखा। अपीलार्थी की अपील का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर ने बअनुवान अमित सिंह बनाम एसपीआइओ एवं डीआरओ नारनौल, फाईल नं 55/अ.ज.सू. के संदर्भ में दोनों पक्षों को सुनकर दिनांक- 01-09-2022 को अपीलार्थी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य जन सूचना अधिकारी को आदेश दिया कि वे 7 दिन के अंदर अपीलार्थी को बिन्दुवार वांछित सूचनाएं उपलब्ध करवाएं। परंतु एक महीना बीत जाने के बावजूद अपीलार्थी को अब तक डीआरओ, नारनौल के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

ऐसे में प्रश्न यह खड़ा होता है कि जब जिला उपायुक्त, महेन्द्रगढ़ स्थित नारनौल के आदेश की अवमानना व अवहेलना उनके कनिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी करते हैं व उनके आदेश को गंभीरता से नहीं लेते तो आम जनता के जिला मुख्यालय में कार्य भला कैसे हो पाते होंगे तथा उन्हें निश्चित तौर पर अनेक प्रकार की समस्याओं व कठिनाईयों का सामना करना पड़ता होगा।

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