पीड़ित परिजनों को आर्थिक मदद की घोषणा इस हादसे में जान गवाने वाले मासूम बच्चों के परिजनों को हरियाणा सरकार की तरफ से आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है । इस संदर्भ में गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव के द्वारा कहा गया है कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के द्वारा तालाब में हुए हादसे में जान गवाने वाले बच्चों के परिजनो को 2 – 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस विचलित कर देने वाले हादसे पर सीएम के द्वारा दुख व्यक्त करते हुए , पीड़ित परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं। बच्चों की संख्या 7 से लेकर 8 के बीच बताई जा रही जिसमे 6 बच्चों के शव को तालाब से निकला गया समाचार लिखे जाने तक बाकी बच्चों की तलाश जारी तालाब के बाहर किनारे पड़ी हुई मिली हैं बच्चों की चप्पले मौके पर पहुंची दमकल व गोताखोर टीमें कर रही रेस्क्यू सभी बच्चे पास की कालोनी शंकर विहार के रहने वाले बताए फतह सिंह उजाला गुरुग्राम। साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 111 में बड़ा हादसा हुआ है। जहा बरसाती तालाब में रहस्य में तरीके से तकरीबन आधा दर्जन बच्चों के डूबने की आशंका है । समाचार लिखे जाने तक सूत्रों के मुताबिक तालाब से 6 बच्चों को निकाला जा चुका था जीने की मृत बताया गया है । डूबने वाले सभी बच्चे 10 से 13 साल के।देवा दुर्गेश अजीत राहुल पियूष वरुण के रूप में हुई पहचान। हादसे की खबर सामने आते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद एसडीआरएफ को इसकी सूचना दी गई तो वहीं मौके पर दमकल विभाग, सिविल डिफेंस, गोताखोर और गुरुग्राम पुलिस की आधा दर्जन टीमें मौके पर पहुची और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई। इस हादसे के विषय में दीपक सहारण डीसीपी के मुताबिक दरअसल बीते 2 दिन से गुरुग्राम में लगातार बारिश हो रही है और बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो गया है। वहीं गुरुग्राम के सेक्टर 111 जो की बाजघेड़ा के पास है वहां जलभराव हो गया और यहां बरसाती तालाब बन गया। जहां संडे को दोपहर के बाद करीब आधा दर्जन बच्चे पहुंचे लेकिन उन मासूमो को क्या पता था कि यह तालाब इतना गहरा होगा कि वह वापस नहीं लौट पाएंगे। जब स्थानीय निवासियों ने बच्चों को डूबते हुए देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो तकरीबन 6 बच्चों की चप्पलें तालाब के बाहर किनारे पर पड़ी हुई मिली , लेकिन बच्चे आसपास नजर नहीं आए। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और 5 बच्चों के शव को अभी तक निकाला जा चुका था। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है की जब लोग शोर मचाते हुए आए तो कुछ बच्चे जो नहा रहे थे वो वहां से भाग गए, लेकिन इस दौरान एक बच्चा डूब गया था जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूत्रों एवं अन्य जानकारी के मुताबिक जिस स्थान पर यह हादसा हुआ वहीं पर किसी बिल्डर की साइट है और बिल्डर के द्वारा आसपास से मिट्टी निकाली या मिट्टी की खुदाई की हुई है बरसात होने के कारण बरसाती पानी यहां गहरे खड्डे में भरकर खड़ा हो गया प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौके पर बिल्डर कंपनी का गार्ड भी मौजूद था और उसी ने सबसे पहले यहां पर बच्चों को आते हुए देखा था हादसे के बाद जब तालाब से एक बच्चे का शव निकाला गया उसके बाद से बिल्डर कंपनी का गार्ड भी गायब हो चुका है आसपास के रहने वाले संडे को दोपहर के बाद जब बच्चे अपने घरों में नहीं दिखाई दिए तब उनकी तलाश आरंभ की गई यहां मौके पर आने के बाद बच्चों की चप्पल इन दिखाई दी इसके बाद शक हुआ कि बच्चों के साथ कोई अनहोनी घटना तो नहीं हो गई है आखिरकार यह शक भी सच साबित हो गया स्थानीय निवासियों के मुताबिक बच्चों की संख्या 7 और 8 के करीब हो सकती है जोहड़ से जिन भी बच्चों को मृत अवस्था में बचाव दल के द्वारा निकाला गया उन सभी को एंबुलेंस के द्वारा विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है बच्चों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो चुका है। परिजन लगातार जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि वह उनके बच्चों को जल्द से जल्द ढूंढे। अब ऐसे में सवाल ये उठता है की जिला प्रशासन आखिर कब सबक लेगा ? क्योंकि यह कोई पहला हादसा नहीं है । अक्सर हाई राइज बिल्डिंग हो या फिर बिल्डर साइट पर बने गहरे खतरनाक खड्डे , जहां पानी भरने के बाद अक्सर हादसे होते रहते हैं। Post navigation खट्टर सरकार रख रही गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा से वंचित- पंकज गुप्ता आम आदमी पार्टी पानी में डूबने से हुई मासूम बच्चों की मौतों का जिम्मेदार आखिर कौन ? माईकल सैनी ( आप )