आदर्श आचार संहिता का सम्मान कौन करेगा ?

कमलेश भारतीय

मंडी आदमपुर में उपचुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी । उपायुक्त महोदय ने भी सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने के आदेश दिये । इसके बावजूद जो आज के समाचार हैं , उनमें हिसार के लोक निर्माण विश्राम गृह में निकाय मंत्री डाॅ कमल गुप्ता द्वारा कार्यकर्त्ताओं की बैठक लेने और मंडी आदमपुर के चुनाव के लिए निर्देश देने के समाचार प्रमुख रूप से छाये हुए हैं जबकि डाॅ कमल गुप्ता का कहना है कि उन्होंने कोई बैठक नहीं बुलाई थी । कार्यकर्त्ता ही आ गये और कुछ चर्चा चल पड़ी लेकिन यह कोई बैठक बुलाई नहीं गयी थी । दूसरी ओर पत्रकारों का कहना है कि बाकायदा मंत्री जी की तस्वीर के साथ भाजपा की ओर से सुरेश धूपवाला ने मीडिया को यह जानकारी दी और बात उछलने पर यह जानकारी वापिस लेने और प्रकाशित न करने का अनुरोध किया गया ! यानी दाल में कुछ तो काला है ! यूं ही यह मामला नहीं उछला ! यूं ही चिंगारी नहीं सुलगी । कहीं तो धुआं उठा था ।

याद आता है जब चौ बंसीलाल की सरकार थी भाजपा के गठबंधन में तब मंडी आदमपुर के ही उपचुनाव के दौरान इनकी हिसार में रह रही बेटी डाॅ सुमित्रा के बच्चे लोक निर्माण विश्राम गृह में कोई पार्टी मनाने आ गये थे जबकि उस समय सिटी मजिस्ट्रेट रेणु फूलिया यह सूचना मिलने पर तुरंत विश्राम गृह पहुंची लेकिन बच्चों ने फिर कर मां सुमित्रा को बुला लिया और उन्होंने कथित तौर पर उस सिटी मजिस्ट्रेट के थप्पड़ जड़ दिया था और यह सारा मामला मीडिया में उछलने पर मुख्यमंत्री चौ बंसी लाल ने तुरंत अपनी बेटी डाॅ सुमित्रा पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था और बाकायदा गिरफ्तारी भी हुई थी । बेशक तबीयत खराब होने के चलते उन्हें अस्पताल में रखा गया था ! यह बात काफी है यह बताने के लिए कि आपको मंत्री रहते कितना सजग रहने की और अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने की जरूरत है !

अभी तो चुनाव शुरू हुआ है । नामांकन के समय भी सभी दल शक्ति प्रदर्शन करने में जुट जाते हैं । शहर भर में यातायात ठप्प होकर रह जाता है । नारे गूंजते हैं और झंडों से सड़कें भर जाती हैं । फिर हमारा प्यार हिसार जैसी संस्थायें भी कुछ नहीं कर पातीं ! यहीं बस नहीं नामांकन के समय भी जितने लोगों को अंदर जाने की इजाजत होती है , उससे कहीं अधिक भीड़ जुट जाती है । मीडियाकर्मियों को भी धक्का मुक्की सहनी पड़ती है !

ऐसे ही एक और बात याद आ रही है । नामांकन के लिए जालंधर में कार्यरत अधिकारी सरोजिनी शारदा के सामने ऐसे ही मंत्री महोदय मदन मोहन मित्तल किसी प्रत्याशी का नामांकन भरवाने आए और कहा कि आपको बड़ा कमरा रखना चाहिए था । उनका कमरा छोटा था। आपको सही इंतजाम करना चाहिए था । इस पर उस दबंग महिला अधिकारी ने जवाब दिया कि निर्वाचन अधिकारी का काम नामांकन लेना है न कि इस तरह के इंतजाम करना ! यह बात उन दिनों प्रमुख रूप से प्रकाशित हुई थी ।

इस तरह अब कोई ऐसा दल सामने आये जो बिना शक्ति प्रदर्शन के नामांकन करवाये तो हम भी कह सकेंगे :
कोई ताजा हवा चली हवा चली है अभी
दिल में इक लहर सी उठी है अभी !

मंत्री महोदय को आदर्श आचार संहिता का पालन करने का संदेश अपने कार्यकर्त्ताओं को देना चाहिए और भविष्य में खुद एक अनुपम उदाहरण बन कर सामने आना चाहिए । बेशक उन्होंने बैठक बुलाई नहीं थी ! फिर भी ध्यान रखना चाहिए । अब तो भाजपा का अपना कार्यालय बहुत भव्य है और सारी सुविधायें भी हैं !

बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी ही । आप चाहे कितने ही कारण और जस्टीफिकेशन दीजिए !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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