भाजपा सरकार को झुकना पड़ा व रविवार को हरियाणा सरकार ने आदेश जारी करके ई-नेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की अनिवार्यता समाप्त करनी पडी : विद्रोही
भाजपा सरकार अपनी घोषणा के अनुसार एक अक्टूबर से किसानों की खरीफ फसल बाजरा, धान, कपास, मंूग का एक-एक दाना एमएसपी पर बिना ना-नुकर खरीदे : विद्रोही
27 सितम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने विपक्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर आढ़तियों द्वारा हडताल समाप्त करने का स्वागत करते हुए इसे किसान हित में उठाया गया सराहनीय कदम बताया। विद्रोही ने कहा कि जो पहल करके विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हडताल पर चल रहे आढ़तियों के प्रति जो सहानुभूति दिखाई है, वैसी ही सहानुभूति भाजपा खट्टर सरकार दिखाती तो हड़ताल की नौबत ही नही आती। भाजपा खट्टर सरकार व उसके मंत्री सत्ता अहंकार में इतने चूर है कि कोई भी सकारात्मक सुझाव सुनने व मानने को तैयार नही। भाजपा राज में आज लोकतांत्रिक भावना खत्म हो चुकी है। सरकार अपनी हर बात जनता पर थोपना चाहती है, पर जिन पर थोपना चाहती है, उनकी सुनने को तैयार नही। किसान सुधारों के नाम पर भाजपा सरकार लोगों को भावनात्मक रूप से ठगकर चंद पूंजीपतियों के हित साधना चाहती है।
विद्रोही ने कहा कि विगत आठ दिनों से उन्होंने कई बार टीवी डिबेट में सुझाव दिया था कि भाजपा सरकार ई-नेम पोर्टल पर आढ़तियों व किसानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने की शर्त वापिस ले तो हड़ताल समाप्त हो सकती है। पर मेरी बात सुनना तो दूर, सत्ता नशे में चूर भाजपाई अपनी बात से एक कदम पीछे झुकना भी अपना अपमान समझते है। आखिरकार भाजपा सरकार को झुकना पड़ा व रविवार को हरियाणा सरकार ने आदेश जारी करके ई-नेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की अनिवार्यता समाप्त करनी पडी। भाजपा सरकार का यह रवैया बताता है कि चंद पूंजीपतियों को सत्ता दुरूपयोग सेे लाभ पहुंचाने के लिए तब तक किसी की बात नही सुनती है जब तक सरकार पर भारी चोट न पड़े। विद्रोही ने कहा कि विपक्ष नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की पहल पर हड़ताल समाप्त होने के बाद अब भाजपा सरकार के पास एमएसपी पर खरीफ फसले खरीदने में देरी करने का भी कोई बहाना नही बचा। भाजपा सरकार अपनी घोषणा के अनुसार एक अक्टूबर से किसानों की खरीफ फसल बाजरा, धान, कपास, मंूग का एक-एक दाना एमएसपी पर बिना ना-नुकर खरीदे। वहीं विद्रोही ने भाजपा सरकार से मांग की कि अहीरवाल में 2350 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरे की सरकारी खरीद तब तक बंद न हो, जब तक बाजरा उत्पादक किसान से बाजरे का एक-एक दाना सरकार खरीद न ले।