हरियाणा में ग्राम्य जीवन व ग्रामीण विकास पर है विशेष फोक्स- बदल रही है हरियाणा की तस्वीर

पर्यटकों को रु-ब-रु करवाने के लिए स्टे-हॉम पॉलोसी को दी है मंजूरी

मोरनी हिल्स में दिखाई दे रहा है विशेष बदलाव

चंडीगढ़, 26  सितंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पिछले लगभग आठ वर्षों में ग्राम्य जीवन एवं ग्रामीण विकास पर सरकार के दिए गए विशेष फोक्स के फलस्वरूप आज हरियाणा के गांवों की तस्वीर बदली-बदली नजर आ रही है।

 बड़ी सोच के चलते ही हुआ है यह सब संभव       

 मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के चलते ही आज प्रदेश का हर गांव विकास की नई गाथा  लिख रहा है। सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने  गाम्य जीवन व ग्रामीण विकास को बेहतर ढंग से करवाना सुनिश्चित करने के लिए पढी-लिखी पंचायते देने की शुरूआत की थी जिसके फलस्वरूप पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की42 प्रतिशत से अधिक की अभूतपूर्व भागीदारिता देखने को मिली। जन प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास  से लेकर स्नातक/स्नातकोत्तर/पीएचडी यहां तक की हावर्ड विश्वविद्यालय  से  शिक्षित युवाओं की शैक्षिणक योग्यता देखने को मिलती है।        

मुख्यमंत्री ने पढ़ी लिखी पंचायत देने को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और सर्वोच्च न्यायालय तक अपने फैसले पर अडिग रहे, जिसका नतीजा यह रहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में प्रदेश सरकार की इस पहल को सही माना। पढ़े-लिखे पंचायत सदस्यों ने अपने-अपने गांवों की आवश्यकतानुसार विकास परियोजना रिपोर्ट तैयार की जिस पर प्रबल रूप से कार्य हुआ। आज हरियाणा के हर गांव में इंटरलॉक पक्की गलियां देखने को मिल रही है तो  वहीं दूसरी ओर  युवाओं को पारम्परिक खेलों से जोडने के लिए योग एवं व्यामशालाएं बनाई गई है। जिला परिषद का अलग से बजट निर्धारित कर उन्हें अलग से सरकारी विभागों के विकास कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे पंचायती राज संस्थाओं में सत्ता का विकेन्द्रीकरण हुआ है।

डिजीटलमय भी हुए हैं हरियाणा के गांव         

मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप 40 से अधिक सरकारी विभागों  की 500 से अधिक योजनाएं व सेवाएं ऑनलाईन हुई हैं। ग्रामीण आंचल में भी इसका प्रभाव देने को मिल रहा है।

ग्राम सचिवालयों में नागरिक सेवा केन्द्र व अटल सेवा केन्द्र खोलने से आज हरियाणा के गांव डिजिटलमय हुए नजर आ रहे है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसान  अपनी फसलों का डाटा  अपलोड कर रहे है।  इस कड़ी में एक और पोर्टल ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल की भी शुरूआत की गई है। अब किसान सीधा इस पोर्टल पर फसलों के नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकता है।

परिवार पहचान पत्र से भी आया है बदलाव       

 मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण आंचल में बदलाव लाने की सोच के तहत आठ अंकों के परिवार पहचान पत्र की शुरूआत स्वयं मुख्यमंत्री ने की है।        

इसके चलते पूरे परिवार के सदस्यों को ब्यौरा इस पर सत्यापित हो जाता है और यह दस्तावेज हर सरकारी योजना का लाभ लेने में कारगार हुआ है। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के नए लाभार्थी अति संतुष्ट है क्योंकि अब उन्होंने किसी लम्बरदार, सरपंच तथा सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, जैसे ही  60वर्ष की आयु होती है वैसे ही लाभार्थी का नाम सूची में दर्ज होता है और अगले माह से ही योजना का लाभ मिलना आरम्भ हो जाता है।

गाम्य जीवन के खान-पान से रु-ब-रु करवाने के लिए स्टे-हॉम पोलिसी      

  हरियाणा के ग्राम जीवन व खान-पान से देश व विदेश के पर्यटकों से रु-ब-रु करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने स्टे-हॉम पोलिसी को मंजूरी दी है ताकि विशेष महत्व वाले  स्थानों पर पर्यटकों को अपने -घर पर ही  स्टे करवाया जा सकें इससे एक ओर स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और वहीं पर्यटक ग्रामीण जीवन शैली व खानपान का आंनद ले सकेंगे। मोरनी हिल्स में एडवेंचर स्पोर्टस को बढ़ावा देने के साथ-साथ  स्टे-हॉम पोलिसी के तहत 30 से अधिक लाइसैंस जारी किए गए हैं और वहां पर पर्यटक रूक रहे हैं और मोरनी हिल्स के लोगों की आमदनी भी बढ़ी है और एक नया बदलाव महसूस किया जा रहा है। सिंधुघाटी सभ्यता का स्थल रहां हिसार जिले के राखीगढ़ी में भी स्टे-हॉम पोलिसी के तहत लाइसैंस देने की घोषणा गत दिनों मुख्यमंत्री ने की है।

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