-*बर्बाद धान और बाजरे की फसल की 3 दिन में हो गिरदावरी, 10 दिन के भीतर किसानों को मिले मुआवजा * -*तत्काल शुरू हो मंडियों में ख़रीद * -*घाटे में बिकी फसलों की क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करने पर ज़ोर * चंडीगढ़ । कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में पिछले 5 दिन से हो रही बरसात के कारण पूरे प्रदेश में धान और बाजरे की पक कर तैयार खड़ी फसलों को बारिश और जलभराव के कारण पहुँचे भारी नुकसान पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए किसानों को दस दिन के भीतर 30 हज़ार रूपए प्रति एकड़ मुआवज़ा देने की माँग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को लगातार दूसरे साल भारी नुकसान होने के बावजूद प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार उत्सवों में खोई हुई है। सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार से बारिश से बर्बाद फसलों की 3 दिन के भीतर विशेष गिरदावरी करवाने की भी मांग की। इस विषय पर यहाँ जारी बयान में रणदीप ने कहा की जलभराव के कारण लगातार दूसरे साल फसलें बर्बाद हुई हैं। सरकार किसानों को प्रकृति के भरोसे छोड़कर अपनी ज़िम्मेदारी से नही भाग सकती। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को तुरन्त राहत की ज़रूरत है। सरकार से मांग है कि वह 3 दिन के भीतर धान और बाजरे की फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर 10 दिन के अंदर 30 हज़ार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देकर किसानों के नुकसान की भरपाई करे ताकि किसान भाइयों की चिंताओं के निराकरण हो सके और उन्हें बर्बादी व आत्महत्या की स्थिति से बचाया जा सके। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों की धान और बाजरे की अगेती फसल पककर बारिश से पूर्व मंडियों में आ चुकी थी लेकिन, कुम्भकर्णी नींद में सोई खट्टर सरकार ने फसल खरीद की उचित व्यवस्था नही की। सरकारी खरीद ना हो पाने के कारण किसानों को अपनी फसल मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है जिसके कारण उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ा है। सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना का वायदा किया था। अब खट्टर साहब अपने वायदे से मुकर नही सकते। जिन किसानों को अपनी फसलें औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ी हैं खट्टर साहब तुरन्त उन्हें विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के भावान्तर की भरपाई करके अपना वायदा पूरा करें ताकि किसानों के नुकसान को कम किया जा सके। किसान आज भी अपनी उपज की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग को लेकर बारिश में मंडियों और सड़कों पर धरने देने को मजबूर हैं और सरकार पंचायत चुनाव की राजनैतिक शह और मात में व्यस्त है। रणदीप ने कहा कि प्रदेश के हज़ारों आढ़ती अपनी मांगों को लेकर लगातार हड़ताल कर रहे हैं और सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण उनकी बात तक सुनने को तैयार नही है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण मंडियों में खरीद नही शुरू हो पाई है जिसके चलते मंडियों में मेहनत-मजदूरी करके पेट पालने वाले लगभग 3 लाख परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में है। सुरजेवाला ने सरकार से 24 घण्टे के भीतर आढ़तियों की समस्याओं का समाधान करके मंडियों में सरकारी खरीद आरम्भ करने की मांग की ताकि किसान और मजदूरों को भुखमरी व आर्थिक बर्बादी से बचाया जाए। सुरजेवाला ने कहा कि यह मानव निर्मित बर्बादी है जो सरकार द्वारा बिना उचित मूल्यांकन के खड़े किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और नॉन-प्लान्ड कॉलोनाइजेशन के कारण हो रही है लेकिन, सरकार के कुकर्मों की सज़ा हम प्रदेश के किसान-मजदूर को नही भुगतने देंगे। यदि भाजपा-जजपा सरकार अपनी जनविरोधी नीतियों से बाज़ नही आई तो कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने से भी नही हिचकेंगे। Post navigation आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को हरियाणा मना रहा है अनूठे अंदाज में हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उद्यमिता के विस्तार से राष्ट्र सुदृढ होगा