गाड़ियों के पहिए थमे, स्कूलों की हुई जल्दी छुट्टी
* नगर परिषद के लाखों खर्च के बाद भी पानी मे डूबा है सैन चौक

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। यारियां क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के चलते जहां किसानों के चेहरे पर खुशी और दुख की लकीरें है वही नारनौल शहर की सभी कॉलोनियों और मोहल्ले आज जलमग्न नजर आए जलभराव के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 

क्षेत्र में गुरुवार को हल्की बारिश हुई थी जबकि शुक्रवार को तेज बारिश का दौर जारी है नारनौल में हुई छह 7 घंटे की बारिश के कारण शहर के शहंशाह हुड्डा सेक्टर 1 नई मंडी पुल बाजार महावीर मार्ग पार्क गली पुलिस लाइन रोड सहित सभी मुख्य सड़कें मोहल्ले और कालोनियों में पानी पानी है।

शहर के मुख्य बाजार पुल बाजार में तो पानी इस तरह बह रहा था जैसे कोई नदी चल रही हो लगातार हो रही बारिश के कारण स्कूल संचालकों ने भी जल्दी छुट्टी कर बसों को रवाना कर दिया ताकि बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े दोपहर बाद करीब 3:00 बजे आसमान साफ हो पाया जिसके बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ले आना के निचले इलाकों में कई घंटों तक पानी जमा रहने की संभावना जताई जा रही है। 

इस बारिश के चलते आगे में सरसों की फसल के लिए किसान उत्साहित नजर आए। बारिश के कारण खेतों में पलाव नहीं करना पड़ेगा और सरसों की फसल आसानी से बिजाई हो जाएगी। वही बरसात के चलते बाजरे की कटी हुई फसल को काफी नुकसान हुआ है। कड़ी पशु चारा देखकर खराब हो जाएगा तो वही खेतों में पड़े बाजरे के सिरे सीट्टे मैं दोबारा अंकुरण होने का अंदेशा हो गया है।

बारिश के लगातार चलते वातावरण में नमी बनी है और तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। बारिश का दौर जारी रहा तो सर्दी की शुरुआत शीघ्र हो सकती है।

* नगर परिषद के लाखों खर्च के बाद भी पानी मे डूबा है सैन चौक

अभी महीने भर पहले नारनौल नगर परिषद ने लाखों रुपए खर्च करके सैन चौक पर जमा होने वाले बरसाती पानी की निकासी के लिए स्पेशल लाइन डाली थी, ताकी बरसाती पानी को छलक नदी में डाला जा सके। नगर परिषद ने लोगों को यह आश्वासन दिया था कि इस लाइन से सेन चौक पर बरसाती पानी जमा नहीं होगा, इसलिए यह लाइन डाली जा रही है। करीब 20 दिन रोड़ खुदी पडी रही, लोगों के पानी व सीवर कनेक्शन टूट गए थे। सुनने में आया है कि करीब 300 मीटर के इस नाले पर करीब 35 लाख रुपए का खर्चा हुआ है। 

उक्त लाइन दबाने के बाद आज पहली बरसात हुई है, लेकिन स्थिति जस की तस है। आज बरसात रुकने के करीब 2 घण्टे बाद भी सैन चौक पर अढाई फुट के करीब पानी खड़ा है। लोग वही परेशानी झेल रहे हैं। जब स्थिति यही रहनी थी तो लाखों खर्च क्यों किए गए? 

जिला बार के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि क्या नगर परिषद के अभियंता या इस नाले के ड्राइंग को पास करने वाले उच्च अधिकारी, ठेकेदार को टैंडर देने वाले, उनकी पेमेंट को सैंक्शन करने वाले अधिकारी, आज इस बात पर ध्यान देंगे कि आखिर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा करीब 35 लाख रुपया आपने बिना वज़ह जमीन में क्यों दबा दिया? इस प्रोजेक्ट के पीछे किस की योजना थी? किसने यह राय दी थी कि 35 लाख रुपए खर्च करके सैन चौक को बरसाते पानी से मुक्त किया जा सकता है? 

कहीं ना कहीं इस पूरे खेल में नगर परिषद का ध्यान भ्रष्टाचार पर ही था, जिसमें सभी अपना अपना हिस्सा लेकर मस्त हो गए। लेकिन सैन चौक के वाशिंदे और इस राह से गुजरने वाले आम राहगीरों की परेशानी तो जस की तस है।

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