पीजीआई के मनोचिकित्सकों की कमेटी नहीं पेश कर सकी बोर्ड के समक्ष अपनी रिपोर्ट
23 को रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

गुडग़ांव, 21 सितम्बर (अशोक) : प्रिंस हत्याकांड में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में बुधवार को सुनवाई हुई। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पीजीआई रोहतक के मनोचिकित्सकों की गठित की गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। लेकिन किन्हीं कारणों से मनोचिकित्सकों की कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर सकी। जिस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मनोचिकित्सकों की गठित कमेटी को आदेश दिया है कि वह कल यानि कि शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि मामले की आगे सुनवाई हो सके।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पिछली तारीख पर आदेश दिया था कि आरोपी भोलू को पीजीआई रोहतक के मनोचिकित्सकों की गठित टीम के समक्ष 19 सितम्बर को पेश किया जाए, ताकि कमेटी के सदस्य उसकी काउंसलिंग कर 5 वर्ष पूर्व की उसकी मनोस्थिति का पता लगा सकें। भोलू को कमेटी के समक्ष पेश किया गया था और मनोचिकित्सकों ने उसकी काउंसलिंग भी की थी। इसकी रिपोर्ट अभी आनी शेष है। जस्टिस बोर्ड इस मामले में मनोचिकित्सकों से यह राय जानना चाहता है कि क्या आरोपी भोलू की इस समय किसी प्रकार की जांच कराना उचित होगा। हालांकि पीजीआई रोहतक के
मनोचिकित्सक पहले ही अपनी राय दे चुके हैं कि वर्तमान में ऐसा कोई टेस्ट उसका नहीं किया जा सकता, जिससे पता चल सके कि 5 वर्ष पूर्व भोलू की क्या मनोस्थिति थी। मनोचिकित्सकों ने यह कहा था कि आरोपी भोलू की पुरानी रिपोर्ट व रिकॉर्ड के आधार पर काउंसलिंग कर कुछ जानकारी हासिल की जा सकती हैं।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में कक्षा दूसरी के छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आनन-फानन में स्कूल बस परिचालक अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जब परिजनों ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई तो सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने इसी स्कूल के कक्ष 11वीं के छात्र भोलू को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।

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