– वाटिका के अलावा अन्य प्रोमोटरों को भी रेरा ने नियमों की पालना करने के भेजे नोटिस

गुरुग्राम, 21 सितंबर। रेरा अधिनियम की अवहेलना करने पर रेरा गुरूग्राम ने वाटिका के ‘वाटिका इंडिया नेक्स्ट टू‘ नामक प्रोजेक्ट में खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। वाटिका प्रोमोटर ने इस प्रोजेक्ट के लिए हरियाणा सरकार से सन 2013 से लाइसेंस प्राप्त किया था और उसके बाद अगस्त 2022  में रेरा में पंजीकरण के लिए आवेदन किया जिसमें नियमानुसार कई दस्तावेजों तथा रजिस्ट्रेशन फीस पूरी नही भरने की कमी पाई गई। हरियाणा में रेरा का गठन जुलाई 2017 मे हो गया था ,उसके बावजूद भी वाटिका प्रमोटर ने रेरा में समय पर पंजीकरण करवाना उचित नही समझा और आवेदन करने में भी लगभग 5 साल की देरी की, वह भी अधूरे दस्तावेजों के साथ।

इस अनियमितता और ढिलाई को रेरा गुरूग्राम ने गंभीरता से लिया है और अब वाटिका प्रमोटर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यों ना उसके लिए पंजीकरण के लिए प्राप्त आवेदन निरस्त कर दिया जाए। रेरा गुरूग्राम के चेयरमैन डा. के के खंडेलवाल ने कहा कि ‘यदि कोई प्रमोटर अधिनियम की धारा-3 में दिए गए प्रावधान का उल्लंघन करता है तो उसे दंडित किया जाएगा , जो अचल संपत्ति परियोजना की अनुमानित लागत का दस प्रतिशत तक हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण अधिनियम-2016 की धारा 5 (1) (बी) के तहत प्राधिकरण को अधिकार है कि वह आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ऐसे आवेदनों को अस्वीकार कर सकता है जो अधिनियम या उसके तहत नियमों या विनियमों के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। आवेदन को अस्वीकार करने के कारण भी लिखित में दर्ज किए जाएंगे।

डॉ खंडेलवाल ने बताया कि प्राधिकरण ने वाटिका के अलावा, नियो स्क्वायर, सेंट्रा वन, जेन रेजिडेंस- वन और अन्य के प्रमोटरों को भी सख्त संदेश भेजकर उन्हें सुनवाई की अगली तारीख 17 अक्टूबर या उससे पहले नियमों का पालन करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि इस विषय में प्राधिकरण ने लोगों को भी आगाह किया है कि वे इन गैर-पंजीकृत परियोजनाओं में भूखंडों, फ्लैटों आदि की बुकिंग ना करें क्योंकि उपर्युक्त परियोजनाओं के नए पंजीकरण व पुराने पंजीकरण को एक्सटेंशन देने के लिए  प्राप्त आवेदनों में प्राधिकरण को कई खामियां मिली हैं।

ध्यान रहे कि गांव हरसरू स्थित सेक्टर -88ए और 88बी में वाटिका इंडिया नेक्स्ट-2 नामक प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए सरकार के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने लाइसेंस दे रखा है जिसके तहत लगभग सौ एकड़ क्षेत्र में फैली आवासीय कॉलोनी विकसित की जा रही है। इस कॉलोनी मेें अब रेरा अथोरिटी ने प्लाटों की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है।

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