हेलीमंडी व्यापार मंडल ने सीएम के नाम पटौदी के एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पिछले सीजन की बकाया ब्याज पेमेंट आढ़तियों को लौटाने की मांग
हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए नियमों में बदलाव की भी मांग
फसल का भुगतान किसान की मर्जी से किसान या आढ़तीं को किया जाए

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
गेहूं , सरसों, बाजरा, कपास, सूरजमुखी धान इत्यादि फसलों की खरीद एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही की जाए । इतना ही नहीं एमएसपी पर खरीदे जाने वाली फसल पर ढाई प्रतिशत आढ़त का आढ़तियों को ही भुगतान मिलना चाहिए। पिछले 2 सीजन के दौरान गेहूं पर 46 और धान पर 39 80 पैसे का भुगतान किया गया ,जो कि व्यापारियों के साथ नाइंसाफी है । हेलीमंडी व्यापार मंडल के द्वारा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को मंगलवार को उपरोक्त मांगों सहित अन्य मांगों को पूरा किया जाने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया है ।

सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम हेलीमंडी व्यापार मंडल के द्वारा ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में व्यापार मंडल हेलीमंडी के प्रधान आनंद भूषण गोयल, नरेश गगर्, उप प्रधान दीपक शर्मा, शिवकुमार, अमित रस्तोगी, महासचिव नितिन गर्ग, सचिव अनिल रस्तोगी , मुकेश मित्तल, शिव कुमार बंटी सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे । सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम सोपे ज्ञापन में व्यापारियों के द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है कि पिछले वर्ष से फसल का एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को किया जाने लगा है । इस प्रकार भुगतान को लेकर किसानों के साथ-साथ आढ़तियों में भी नाराजगी बनी हुई है । सरकार या सरकारी एजेंसी के द्वारा खरीद की जाने वाली फसल का भुगतान विक्रेता किसान की इच्छा अनुसार किसान के खाते या फिर संबंधित आढ़तियों को ही किया जाए। पिछले सीजन के दौरान ब्याज के रूप में आढ़तियों की काटी गई पेमेंट का भी सीएम के निर्देश के बावजूद आढ़तियों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है । व्यापारी वर्ग के द्वारा इस बकाया भुगतान को जल्द से जल्द किया जाने की मांग की गई है।

इसी कड़ी में व्यापार मंडल के द्वारा कहा गया है कि पिछले सीजन के दौरान एफसीआई के द्वारा मंडियों से आढ़तियों के माध्यम से जो गेहूं खरीदी है, उसमें किसान की ट्राली से अनलोडिंग मजदूरी 2 12 पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है। आढ़त सहित मजदूरी के 90 प्रतिशत भुगतान पहले ही आढ़तियों से शपथ पत्र की मांग की जा रही है , जो कि सरासर गलत है । ज्ञापन में कहा गया है कि इंसीडेंटल चार्जेस हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड द्वारा तय किए जाते हैं और सभी खरीद  एजेंसियां इसके अनुसार ही भुगतान करती हैं । खरीद एजेंसी एफसीआई के द्वारा थोपी जा रही मनमानी को रोका जाए ।

मार्केटिंग बोर्ड के नियमों में सुधार की मांग
सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में हेली मंडी व्यापार मंडल के द्वारा मार्केटिंग बोर्ड के वर्षो पुराने चले आ रहे अव्यावहारिक नियमों में बदलाव की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है । हेली मंडी व्यापार मंडल के द्वारा कहा गया है कि पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी मंडी बोर्ड के नियमों में बदलाव किया जाए , जिससे कि प्रदेश का व्यापारी और किसान सहित आम नागरिक भी तरक्की कर सकेगा । आढ़त का लाइसेंस पूरे हरियाणा की मंडियों में मान्य होना चाहिए, इसी कड़ी में कहा गया है कि मार्केट कमेटी के लाइसेंस की अवधि जीएसटी की तरह से अनलिमिटेड होनी चाहिए या जब तक आढ़ती अपना काम बंद नहीं करत,े इसका बार-बार रिनुअल भी नहीं होना चाहिए । मार्केट कमेटी लाइसेंस फीस वन टाइम 2 या 3000 होनी चाहिए । यदि किन्ही कारणों से व्यापारी मंडी में दुकान का निर्माण करने में असमर्थ रहे तो पंजाब पैटर्न पर कम से कम जुर्माना वसूला जाए। पंजाब पैटर्न की तरह अधिकृत किया जाए

मंडियों में अधिकृत नक्शे के अलावा जो भी आढ़तियों या व्यापारियों के द्वारा बेसमेंट प्रथम तल दूसरा तल इत्यादि का निर्माण किया गया है , उसे भी पंजाब पैटर्न की तरह अधिकृत किया जाए।  क्योंकि व्यापार करने के लिए अधिक क्षेत्रफल रकबे की आवश्यकता नहीं होती है । सभी बूथ या फिर दुकानों में 3 या फिर चार-चार लाइसेंस की इजाजत मिलनी चाहिए । मंडियों में आढ़त के अलावा अन्य व्यापार करने की भी इजाजत दी जाए , जिससे कि व्यापारी वर्ग वर्ष भर अपना काम या फिर कारोबार को सुचारु रुप से करता रहे । सोल प्रोपराइटर फर्म के मालिक की मौत के बाद मार्केट कमेटी का लाइसेंस संबंधित परिवार के लीगल हायर का हो जाना चाहिए । सौंपे गए ज्ञापन में सीएम मनोहर खट्टर से अनुरोध किया गया है कि व्यापारियों के द्वारा प्रस्तुत की गई इन उपरोक्त मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर राहत प्रदान की जाए।

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