आपका भोजन ही आपका चिकित्सक है: डा. खादर वली-फैमिली डॉक्टर की तरह फैमिली फार्मर भी जरूरी है: उमेंद्र दत्त-नवकल्प फाउंडेशन, खेती विरासत मिशन और रेजीडेंसी ग्रीन आरडब्ल्यूए ने मिलकर किया मिलेट फूड फेस्टिवल गुरुग्राम। नवकल्प फाउंडेशन, खेती विरासत मिशन और रेजीडेंसी ग्रीन आरडब्ल्यूए के सहयोग से मिलेट फूड फेस्टिवल का आयोजन रविवार को रेजीडेंसी ग्रीन के प्रांगण में किया गया। इसमें काफी संख्या में रेसीडेंसी ग्रीन निवासियों सहित बाहरी लोगों ने शिरकत की। यहां मिलेट फूड की महत्ता को जाना और लाभ लिया। आरडब्ल्यूए के सभी पदाधिकारियों प्रेसिडेंट नरेंद्र यादव, वाइस प्रेजिडेंट जितेंद्र सिंह बोकन, ज्वाइंट सेक्रेटरी जितेंद्र संधू, समाजसेवी एवं आरडब्ल्यूए पदाधिकारी दिनेश नागपाल के साथ नवकल्प फाउंडेशन से डा. सुनील आर्य व अनिल आर्य ने डा. खादर वली और उमेंद्र दत्त का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। रोटरी क्लब की प्रेसिडेंट उमा यादव और उनकी टीम ने डा. खादर वली को अंग वस्त्र से सम्मानित किया। रेसीडेंसी ग्रीन के आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने बताया कि डा. खादर वली को हम जितना सुनें उतना कम है। उन्हें जो जितना सुनता है, समझता है, उतना ही उसे लाभ मिलता है। नवकल्प फाउंडेशन के संस्थापक डा. सुनील आर्य ने बताया कि खेती विरासत मिशन को मिलेट भोजन को प्रचारित प्रसारित करने के लिए बेस्ट एनजीओ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डा. खादर वली ने कहा कि पश्चिमी और यूरोपिय देश डेवलेपमेंट और आधुनिकता के नाम पर जिस कालाग्रास में पहुंच गए हैं। हम उन्हीं का अनुसरण करते हुए मति मंद की भांति वहीं के लिए अग्रसर हो रहे हैं। आज सभी के स्त्री पुरुष बच्चों तक में खान पान के कारण हार्मोनल डिसबैलेंस के कई प्रकार के रोग समय से पहले लग जा रहे हैं। आज 18 प्रतिशत मानसिक रूप से विकलांग बच्चे जन्म ले रहे हैं। परंतु इसका कारण क्या है, ऐसा क्यों हो रहा है। ये सवाल कोई नहीं करता। छह साल की बच्ची को मासिक धर्म होने लगा। मधुमेह, नजर का कमजोर होना और ना जाने कितनी बिमारियां बच्चों में दिखाई पड़ती हैं। कारण हरमोंस असंतुलन। वर्ष 1954 के कानून के अनुसार डाईबिटीज का पूर्ण निदान संभव नहीं, परंतु इंसुलिन से इसे वहीं रोक जा सकता है। आज हरित और श्वेत क्रांति के नाम पर बेवकूफ बनाया और अब गुलाबी क्रांति के नाम पर बनेंगे। दूध, घी और तेल का इतना उत्पादन क्या सच में शुद्धता से हो रहा है। उन्होंने कहा 100 साल में हम चांद तक तो पहुंच गए परंतु खान पान और संबंधों धरती पर नीचे की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में समलैंगिक क्या होता पता ही नहीं था। आज हालात कुछ और हैं। यदि आप लगातार मिलेट भोज खाते हैं तो आपका स्वस्थ खुद आपको प्रमाण देगा। आज 100 में से 40 लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं। डा. खादर वली ने कहा कि आपका भोजन ही आपका चिकित्सक है। भोजन सही तो बीमारी नहीं। भोजन दूषित तो कैसे रहोगे पोषित। उन्होंने कहा कि सभी को नियमित सूयज़् नमस्कार करना चाहिए और मिलेट भोज करना चाहिए। कीटनाशक से उत्पन्न अनाज को खाकर आप खुद तो बीमार हो रहे हैं। अपने बच्चों को खिलाकर बीमार कर रहे हैं। फैमिली डॉक्टर तो हंै, फैमिली किसान नहीं: उमेंद्र दत्तखेती विरासत मिशन के निदेशक संस्थापक उमेंद्र दत्त ने कहा कि हमारे प्राकृतिक सन्साधनों की कमी हो रही है, जिसके कारण जल, भूमि और जीवन प्रभावित हुआ है। आज फैसलों में जिस प्रकार से कीटनाशकों का उपयोग होता है, जिसका परिणाम है कि आज मनुष्यों के शरीर में आवश्यकता से अधिक 32 प्रकार के कीटनाशक पाए गये हैं। जो कि वर्तमान में तो घातक है। साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी खतरा है। इसलिए कंगनी, कुटकी, सांवा और कोदो आदि मिलेट की फसलों को उगाना चाहिए। एक धान के खेत में जितना पानी लगता है, मिलेट फसल के खेत में 20 वर्षों में उतना पानी लगेगा। इसमें कीड़ा नहीं लगता तो कीटनाशक की आवश्यकता नहीं पड़ती है। पानी की भी बचत होती है। आज आप के पास फैमिली डॉक्टर तो हंै, फैमिली किसान नहीं। पारिवारिक चिकित्सक की तरह पारिवारिक किसान भी होना जरूरी है। कोई कितना भी बड़ा पैसे वाला इंसान हो, नोट और सोना नहीं भोजन ही आपकी भूख को शांत करेगा। उमेंद्र दत्त ने वर्ष 2005 में खेती विरासत मिशन की स्थापना की थी, जिसका ध्येय मिलेट भोजन की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाना है। कार्यक्रम के अंत में सवाल जवाब हुए। जिसमें रेजिडेंट्स ने हेल्थ संबंधी सवाल किये और डा. वली ने जवाब दिये।इस अवसर पर आरडब्ल्यूए कोषाध्यक्ष विनोद बापना, संयुक्त सचिव पूजा खेड़ा, योगेश खरबंदा, सुनील सुखीजा, बीएल वधवा, आरपी तिवारी, विकास शर्मा, सुधीर नागपाल, प्रमोद यादव, सुभाष पाहवा, डा. प्रसन्ना राज, वीके गर्ग, देविंद्र यादव, महेंद्र कुमार, सूरज गर्ग, वंदना शर्मा, इंदू नागपाल, उमा ठाकरान, पूजा यादव, सीमा नारंग, रीना सुखीजा, निधि शर्मा और हरिषमा मौजूद रहे। Post navigation गुरूग्राम को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने की तैयारी शुरू मोदी के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़ा : हल्दी लगे न फिटकरी, रंग चोखा ही चोखा !