-कमलेश भारतीय

मैं यशोधरा हूं । सोनाली फौगाट की पंद्रह वर्षीय अभागी बेटी! अभागी ही तो हूं क्योंकि पहले अपने पापा को खो दिया और अब मम्मी को । अनाथ हो गयी मैं ! बेशक परिवारजन हैं लेकिन इस संसार में देखा जाये तो मेरा अपना भाई बहन या मम्मी पापा कोई भी तो नहीं ! इस भरी दुनिया में कोई भी तो मेरा न रहा । क्या करूं ? कहां जाऊं ? मम्मी बिग बाॅस के दिनों में कुछ समय ही दूर रही थी तो मेरी जान पे बन आई थी । तब आपने हमारा बिग बॉस वाला वीडियो देखा होगा कि कैसे हम मां बेटी सिसक रही थीं ! इतनी दूरी भी बर्दाश्त बाहर थी । अब तो मम्मी बादलों के पार चली गयी हैं । दिखतीं भी नहीं । पता नहीं मुझसे क्या भूल हो गयी जो मम्मी मुझे इस संसार में अकेले छोड़कर चली गयी । मम्मी ! बता दो न प्लीज । क्या खता है मेरी ?

मैंने तो मम्मा को बहुत बार कहा था कि मम्मी ! ये सुधीर सांगवान नाम का शख्स अच्छा नहीं है । आप प्लीज इससे दूर रहो । अपना पीछा छुड़ा लो । पर होनी को यही मंजूर था कि मेरी मां इसके विश्वास पर ही सबसे बड़ा धोखा खा गयी । कैसे इस आदमी ने मां के आसपास अपना जाल फैलाया और शिकंजा कसता ही गया , कसता चला गया , आखिरकार मां की जान ही ले ली । देखा मैंने भी आप सबकी तरह किस तरह यह मां को जबरदस्ती ड्रग पिला रहा है और तबीयत बिगड़ने के बावजूद अस्पताल न ले जाकर बाथरूम में बंद रख कर इंतज़ार करता है कि कब ड्रग अपना पूरा असर दिखाये । जब इसकी तसल्ली हो जाती है तब यह शख्स अस्पताल ले जाने का ड्रामा करता है । मां तो पहले ही ऊपर जा चुकी थी और डाक्टरों ने भी ऐसा ही कहा । फिर इसने कार्डियक एरेस्ट यानी हृदय आघात बता कर इससे बचना चाहा लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने इसकी सारी साजिश बेनकाब कर दी जब इसमें तो 46 चोटों के निशान भी बताये गये । आह ! मेरी मां को बाथरूम में यह आदमी दो घंटे पीटता भी रहा होगा ? मेरा मन कांप कांप जाता है , यह कल्पना करके ! हाय ! कितनी बेरहमी से मेरी नाजुक सी मां को यह शख्स पीटता रहा होगा ? रूह कांप जाती है मेरी यह सोच सोच कर !

मैं तो विद्या देवी जिंदल स्कूल में पढ़ती हूं और अच्छी शिक्षा दिलाने के लिये मुझे हाॅस्टल में ही रखा हुआ था । अब पता चल रहा है जब ड्राइवर अंकल बता रहे हैं कि मेरी मां के खाते में इसने इतने पैसे भी नहीं छोड़े थे कि मेरी स्कूल फीस भर सके ! ओह ! कंगाल कर दिया । चार चार गाड़ियां और सब अपने नाम कब करवा लीं ? मां को कुछ पता तक न चलने दिया । स्कूल में ही मुझे मां के बारे में पता चला और मेरे परिवारजन वहां से लेकर आये । मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मां के साथ ऐसा भी हो सकता है ? आज भी यकीन करने को मन नहीं मानता । पर उस ऊपर वाले की बात माननी पड़ती है और इस बहुत ही कड़वे सच को ज़हर निगलना ही पड़ा मुझे ! और चारा भी क्या था ? महात्मा बुद्ध ने एक वृद्ध मां को उसके मृत बेटे को जीवित करने के लिए उस घर से चावल के तीन दाने लाने को कहा था जिस घर में आज तक कोई मौत न ही हो । और वह वृद्धा नहीं ला सकी थी क्योंकि यही सच था , सच है और रहेगा कि कोई किसी को दोबारा जिंदा नहीं कर सकता ।

ठीक है, न कीजिए जिंदा लेकिन मेरी मां को इंसाफ तो दिला दीजिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ! मैं तो मां का अंतिम संस्कार करने के बाद आपके पास चंडीगढ़ आई भी थी । आपने मेरे सिर पर हाथ रख कर भरोसा दिलाया था कि पूरा न्याय दिलवाऊंगा। । मां ने आपकी पार्टी को ही तो समय दिया , मुझे भी समय नहीं दे पाती थी । फिर भी दो दो भाजपा शासित सरकारें मेरी मां को इंसाफ नहीं दिला पा रही हैं । गोवा सरकार व वहां के पुलिस अधिकारी बार बार यह दिलासा दे रहे हैं और दावे कर रहे हैं कि हमारी जांच सही दिशा में चल रही है लेकिन निकला या उगलवाया तो कुछ भी नहीं । स्वीकार तो करवाया नहीं । वो तो अगर सीसीटीवी की रिकार्डिंग न होती तो यह केस रफा दफा हो चुका होता । मुझे तो अपनी पढ़ाई भी करनी है और जैसे भी हो अपना भविष्य भी देखना है लेकिन गोवा पुलिस और सरकार जब कुछ नहीं कर पा रही तो कम से कम सीबीआई को ही मेरी मां का केस सौंप दिया जाये । हमारी खाप पंचायत ने भी हिसार में इकट्ठे बोर चेतावनी दी है कि केस की गहनता से जांच की जाये ।

अब मैं आपके बीच आई हूं अपनी व्यथा कथा सुनाने । आप ही सोशल मीडिया मेरी कुछ मदद करे और मेरी आवाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा दे ,,

कोई इंसाफ दिलवाने की कोशिश करे मेरी मम्मी को !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

सोनाली फोगाट मामले में गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी
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