बंटी शर्मा हरियाणा में रोहतक के बाद अब सतनाली क्षेत्र के श्यामपुरा गांव की दिव्यांग महिला ने सरकार थारी बेबे अभी जिंदा है… पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और 13 माह से मृत दिखाकर काटी गई पेंशन शुरू करने की मांग की। गांव श्यामपुरा निवासी 68 वर्षीय चंद्रपति ने रोहतक के 102 वर्षीय दुलीचंद की तर्ज पर सरकार थारी बेबे अभी जिंदा है… लिखवाकर यादव चांदनी चौक श्यामपुरा पर सरकार व समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। चंद्रपति ने बताया कि अगस्त 2021 में मृत बताकर उसकी पेंशन काट दी गई थी। दिव्यांग होने के बावजूद मैं जिला समाज कल्याण अधिकारी नारनौल के 20 से अधिक चक्कर लगा चुकी हूं। महिला का आरोप है कि मैं जिला उपायुक्त, एसडीएम से लेकर संबंधित अधिकारियों के समक्ष पेश होकर अपने जिंदा होने का सबूत दे चुकी हूं। वहीं कैंप कार्यालयों में भी आठ से अधिक बार उपायुक्त को शिकायत दे चुकी हूं। अगस्त 2021 में पेंशन बंद कर दी गई थी पेंशन चंद्रपति के बेटे धर्मचंद व विनोद श्यामपुरिया ने बताया कि वे 13 माह से पेंशन बहाल कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। चंद्रपति 38 साल से दिव्यांग पेंशन ले रही थी, लेकिन अगस्त 2021 में बंद कर दी गई। महिला के साथ प्रदर्शन करने वाले लोगों ने सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में पेंशन बहाल नहीं की तो वे सतनाली-हिसार मुख्य मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। महिला की पेंशन किन कारणों से कटी है, यह जांच का विषय है। मंगलवार को कैंप कार्यालय में दिव्यांग महिला के दस्तावेज मंगवाकर उनकी जांच की जाएगी। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ तालमेल कर शीघ्रता से पेंशन को दोबारा शुरू कराने के लिए कार्रवाई की जाएगी। अभी यह मामला संज्ञान में आया है। परिवार पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेजों की जांच कर इस मामले में शीघ्रता से संज्ञान लिया जाएगा। – वकील अहमद, उपमंडल अधिकारी महेंद्रगढ़ यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं था और न ही कभी दिव्यांग महिला ने उनसे समस्या को लेकर मुलाकात की। अगर इसमें किसी संबंधित विभाग के कर्मचारी का दोष पाया गया तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। पीड़ित को सरकार न्याय देगी। -ओमप्रकाश यादव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री हरियाणा सरकार रोहतक में मृत बता पेंशन काटने पर बुजुर्ग ने बैंड बाजे के साथ जताया था विरोध रोहतक में पेंशन काटे जाने से आहत 102 वर्षीय दुलीचंद ने गुरुवार को बैंड बाजे के साथ अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए अनोखा विरोध किया था। थारा फूफा जिंदा है, यह तख्ती पर लिखकर अनोखी बारात निकाली थी। हाथ में फरसा लेकर रथ पर सवार बुजुर्ग पेंशन लाभार्थी के आगे बैंड की धुन पर थिरकते लोग भी शामिल रहे। आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद के साथ बुजुर्ग मानसरोवर पार्क से अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। 15 हजार लोगों के कागजों में जिंदा होने तक पेंशन नहीं लेंगे 102 साल के दुलीचंद थारा फूफा जिंदा है, यह तख्ती पर लिखकर अनोखी बारात निकालने वाले गांधरा के 102 साल के बुजुर्ग दुलीचंद प्रदेश के 15 हजार लोगों की पेंशन बहाल होने तक अपनी बुढ़ापा पेंशन नहीं लेंगे। शनिवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद के कार्यालय में अपने दादा दुलीचंद के साथ पहुंचे पोते पवन कुमार ने यह घोषणा की। साथ ही जयहिंद के साथ मिलकर सरकार को चेतावनी दी कि अगर श्राद्धों के अंदर ही सरकार ने गलत ढंग से काटी गई पेंशन बहाल नहीं की तो वे पूरे प्रदेश में ऐसी बारात निकालेंगे। Post navigation प्री कांफ्रेस वर्कशाप “कांसेप्ट आफ मूवमेंट सिस्टम” विषय पर पीजीआई चंडीगढ में आयोजित करवाई वेदप्रकाश विद्रोही ने गृहमंत्री अनिल विज से पूछा कि क्या भाजपा संघी नागपुरिया की जरखरीद गुलाम नही है ?