निर्यात पर रोक लगाने और शुल्क बढ़ाने से किसानों को होगा भारी नुकसान- हुड्डा
20 सितंबर से मंडियों में धान की खरीद शुरू करे सरकार- हुड्डा
नौकरियों की खुली बोली को ही सरकार ने दिया पारदर्शिता का नाम- हुड्डा
मारुति के खरखौदा प्लांट को लेकर कांग्रेस कार्यकाल में ही बन चुकी थी सहमति, बीजेपी सरकार के कारण हुई 8 साल की देरी- हुड्डा

10 सितंबर, रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क और टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले को किसान विरोधी बताया है। क्योंकि, इससे रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पैदा हुए हालात और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनाज की ऊंची कीमतों का लाभ देश के किसानों को नहीं मिल पाएगा। इसलिए हुड्डा ने इस फैसले को तुरंत वापिस लेने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार से धान की खरीद 20 सितंबर से शुरू करने की मांग भी उठाई है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने खरखौदा में लगने वाली मारुति यूनिट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बड़ा खुलासा किया। हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान ही इसपर सहमति बन चुकी थी। मुख्यमंत्री के तौर पर उनके जापान दौरे के दौरान इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी थी। मारुति की तरफ से कांग्रेस सरकार के दौरान ही मानेसर, रोहतक और खरखौदा में निवेश की बात कही गई थी। लेकिन, बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के चलते इसमें 8 साल की देरी हुई।

भर्ती घोटालों में एक के बाद एक विधायकों के नाम आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने दोहराया कि हरियाणा में परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बिक रही हैं। इस सरकार में नौकरियों की खुली बोली लगाई जा रही है। इसी को सरकार ने पारदर्शिता का नाम दिया है। एक के बाद एक हो रहे खुलासों ने विपक्ष के आरोपों को सही साबित कर दिया है। इस मुद्दे को कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाया। सरकार की तरफ से कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन, एचएसएससी से लेकर एचपीएससी तक में भ्रष्टाचार के सबूत सामने आने और एचपीएससी दफ्तर से लाखों रुपए पकड़े जाने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

कांग्रेस की तरफ से भर्ती घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई द्वारा करवाने की मांग की गई थी। लेकिन, सरकार की नीयत में खोट होने की वजह से इस मांग को नहीं माना गया। हर घोटाले पर सरकार का यही रवैया देखने को मिलता है। खानापूर्ति के लिए छोटी मछलियों पर नाम मात्र की कार्रवाई की जाती है और बड़े मगरमच्छों को छोड़ दिया जाता है। स्पष्ट है कि सरकार घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है। अवैध खनन से लेकर अवैध नशे का कारोबार सरकार के संरक्षण में ही फल-फूल रहा है।

सोनाली फोगाट की हत्या के मामले में भी सरकार सीबीआई कराने जांच से भाग रही है। जबकि, परिवार बार-बार सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। मृतक सोनाली के परिवार की आशंकाओं को दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है।

स्कूलों को बंद करने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सरकार हजारों स्कूलों को बंद कर हरियाणवी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सरकार शिक्षा जैसी आधारभूत जरूरत को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने जा रही है।

हुड्डा ने आगे कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार ने ‘परिवार पहचान पत्र’ को बुजुर्गों की पेंशन काटने का हथियार बना लिया है। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर पीपीपी को खत्म किया जाएगा और सभी बुजुर्गों की पेंशन फिर से बहाल की जाएगी।

आदमपुर उपचुनाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कांग्रेस की जीत का दावा किया। एसवाईएल मुद्दे पर उन्होंने दोहराया कि पानी पर हरियाणा का पूर्ण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा केस जीत चुका है। प्रदेश को पानी दिलाना केंद्र व प्रदेश सरकार का काम है। अगर पंजाब सरकार पानी नहीं दे रही है तो हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस दायर करना चाहिए।

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