सेमिनार का दूसरा दिन : ‘उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर हुई सार्थक चर्चा
वरिष्ठ पत्रकार एवं हिंदी प्रेमी डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने की कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत
शिक्षक ही हैं हमारी शिक्षा प्रणाली के आधार स्तंभ -डॉ. वेद प्रताप वैदिक
उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना होगा : डॉ. वेद प्रताप वैदिक
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भारतीय भाषाओं के माध्यम से होगा पूरा -प्रो. दिनेश कुमार

गुरुग्राम,06 सितम्बर – गुरुग्राम विवि के छात्र कल्याण विभाग द्वारा ‘शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन आज ‘उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर सार्थक चर्चा की गई। संगोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार एवं हिंदी प्रेमी डॉ. वेद प्रताप वैदिक एवं कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक एवं गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर गुरुग्राम विवि. के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने कहा कि हमें उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना होगा। तभी वैज्ञानिक चेतना और शोध में रचनात्मकता आएगी। इस प्रयास में देश के सभी शिक्षकों की मुख्य भूमिका होनी चाहिए क्योंकि शिक्षक ही हमारी शिक्षा प्रणाली के आधार स्तंभ हैं। डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने सभी को सुभाव दिया कि जितना ज्यादा हो सके हमें अपने हस्ताक्षर को हिंदी में करने का प्रयास करना चाहिए ।

इस मौके पर गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि आज यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक भारतीय भाषाओं में अध्ययन की व्यवस्था उपलब्ध हो। इसके अलावा सरकारी कामकाज से लेकर न्यायतंत्र तक भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। क्योंकि आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भारतीय भाषाओं के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है।

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