अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ और आउट सोर्स कर्मचारियों की दबंगई
पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के नाम भी ज्ञापन
अस्पताल में कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों के साथ की गई हाथापाई
दबंगई करने वालों की पहचान करके कठोर कार्रवाई की मांग

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
बीते कई दिनों से पटौदी मंडी नगर परिषद का पटौदी नागरिक अस्पताल यहां के एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह की कथित मनमानी को लेकर सुर्खियां बना हुआ है । अस्पताल में जो कुछ भी असामान्य घटनाएं हो रही है, वह लगातार मीडिया की सुर्खियां भी बन रही है ।

ऐसे में शनिवार को एक दिव्यांग महिला की सिजेरियन डिलीवरी के दौरान अस्पताल के ही पैरामेडिकल स्टाफ सहित आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा ऑपरेशन थिएटर में घुसकर डॉक्टरों को धमकाने के साथ ही कैंपस में ऑपरेशन थिएटर के बाहर हंगामा किया गया। ऐसे संवेदनशील मामले की जानकारी मिलने पर जब मीडिया कर्मी पटौदी नागरिक अस्पताल के सेकेंड फ्लोर पर हालात को देखने, समझने तथा पेशेंट के परिजनों का पक्ष जानने के लिए पहुंचे तो उसी समय पहले से ही वहां मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ के साथ साथ आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा पत्रकारों को कवरेज करने से रोकने के लिए हाथापाई की गई । गाली गलौज की गई, यहां तक की मोबाइल फोन भी छीने गए । जिससे कि दबंगई करने वालों की करकतों की रिकॉर्डिंग सहित सबूत एकत्रित ना किए जा सके । पटौदी के नागरिक अस्पताल के सेकेंड फ्लोर पर जहां बेहद तनाव भरे माहौल में दिव्यांग महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किया जा रहा था , उसी फ्लोर पर अस्पताल के दबंगई स्टाफ और कर्मचारियों के द्वारा उनके द्वारा किए जा रहे हंगामे की कवरेज करने से रोकने के लिए हर प्रकार का हथकंडा अपनाया गया।

पत्रकारों के साथ बदतमीजी , हाथापाई , धक्का-मुक्की, गाली गलौज, मोबाइल फोन छीनने के साथ ही धमकाने के मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर , हरियाणा के हेल्थ एवं होम मिनिस्टर अनिल विज तथा पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के नाम पटौदी के एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सभी आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाने की मांग की गई है । वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अदलखा, वरिष्ठ पत्रकार फतह सिंह उजाला, पत्रकार प्रेमचंद सैनी, पत्रकार प्रेमचंद पालमी, पत्रकार शिवचरण, पत्रकार रफीक खान, पत्रकार राधे पंडित, राजेश सहित अन्य के द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा गया ।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर , हरियाणा के हेल्थ एवं होम मिनिस्टर अनिल विज तथा पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 3 सितंबर शनिवार को मीडिया कर्मियों को यह सूचना प्राप्त हुई कि पटौदी नागरिक अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान पैरामेडिकल स्टाफ सहित आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा ऑपरेशन थिएटर में घुसकर हंगामा करने के साथ बाधा डाली जा रही है । इस हंगामे के कुछ पत्रकारों को अस्पताल पहुंचने से पहले ही सूत्रों के द्वारा मोबाइल पर साक्ष्य उपलब्ध करवा दिए गए। इन साक्ष्यों को पत्रकारों के द्वारा सरकारी तंत्र तक सूचनार्थ प्रेषित भी कर दिया गया था। सिजेरियन ऑपरेशन और वह भी दिव्यांग प्रसूता का, ऐसे में मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जब पत्रकारों के द्वारा ऑपरेशन थिएटर के साथ वेटिंग हॉल में मौजूद प्रसूता के परिजनों सहित पति से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के लिए प्रयास किया गया तो हंगामे की पोल पट्टी खुलने के डर की वजह से पत्रकारों को परिजन से बात करने से भी रोकने की कोशिश की गई । लेकिन फिर भी पत्रकार परिजनों से बात कर पूरे घटनाक्रम की सच्चाई को जानने में सफल रहे ।

इसी दौरान ऑपरेशन थिएटर के बाहर हंगामा कर रहे पैरामेडिकल स्टाफ तथा आउटसोर्स कर्मचारी , जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल रहे इनके द्वारा पत्रकारों के मोबाइल छीन कर फोटो और रिकॉर्डिंग को नष्ट करने का भी प्रयास किया गया। लेकिन जैसे तैसे पत्रकार अपने अपने मोबाइल वापस लेने में सफल रहे, कुछ महिला कर्मचारियों के द्वारा तो सीधे-सीधे पत्रकारों पर आरोप लगाया गया सुबह-सुबह शराब पीकर अस्पताल में पहुंच गए हैं । इस प्रकार के गंभीर आरोप पर पत्रकार भड़क गए और आरोप लगाने वाले महिला कर्मचारियों को चुनौती दे दी गई कि हम लोग अस्पताल में मौजूद हैं , हमारा मेडिकल करवाया जाए। जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि शराब पी रखी है या फिर हंगामा करने वाले अपनी दबंगई के नशे में हैं।

पत्रकारों के द्वारा कहा गया है कि हंगामा करने बालों में शामिल बदसलूकी, हाथापाई, छीना झपटी , धक्का-मुक्की, मोबाइल फोन छीनने वाले सभी पैरामेडिकल स्टाफ और आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम नहीं जानते । लेकिन जो भी कुछ फोटो खींचे गए हैं या रिकॉर्डिंग की गई है , उसमें इस प्रकार की दबंगई करने वाले कर्मचारियों के चेहरे पहचान कर पुष्टि कर सकते हैं । पत्रकारों के द्वारा अनुरोध किया गया है कि दबंगई करने वाले तमाम कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी जो भी उचित कार्रवाई हो जल्द से जल्द अमल में लाई जाए। जांच में यदि किसी भी प्रकार से हंगामा करने वालों के खिलाफ सॉफ्ट कॉर्नर रखा गया तो पत्रकार आंदोलन का मार्ग अपनाने के लिए विवश होंगे । पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने पत्रकारों को भरोसा दिलाया है कि उनके द्वारा जो ज्ञापन सौंपा गया है और जो मौखिक रूप से जानकारी दी गई है , वह सब जिला प्रशासन के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित कर दी जाएगी । इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जो कुछ भी बीतेे कुछ दिनों में पटौदी नागरिक अस्पताल में घटित हो रहा है, उसकी जानकारी भी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहले से ही है।

इस वजह से जमकर काटा हंगामा
पटौदी नागरिक अस्पताल के सेकेंड फ्लोर जहां पर ऑपरेशन थिएटर है, उस परिसर में स्वास्थ्य विभाग या फिर पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन के द्वारा सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं । जानकारों की माने तो पटौदी अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ सहित आउटसोर्स कर्मचारियों को इस बात का पहले से ही पता है कि सेकेंड फ्लोर ऑपरेशन थिएटर कैंपस के आसपास कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इस बात से कतई भी इनकार नहीं किया जा सकता किसी सीसीटीवी वहां पर नहीं मौजूद होने का फायदा उठाते हुए ही ऑपरेशन थिएटर के अंदर और बाहर तथा मीडिया कर्मियों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा अपनी दबंगई का खेल खेला गया । ऐसे में जिला प्रशासन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और पटौदी अस्पताल प्रशासन को अविलंब सीसीटीवी रहित सेकंेड फ्लोर जहां पर ऑपरेशन थिएटर है, वहां पर भी सीसीटीवी कैमरे जल्द से जल्द लगवाने चाहिए। 

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