पहली आपत्ति तो आपके सौगात शब्द से है बताएं कि सौगात किसे कहते हैं क्यों और किसे दी जाती है ? आपने अपने निजी कोष अथवा पुर्खों की वसीयत से देने जा रहे हैं या फिर कोई खजाना मिल गया उस खुशी में बांट रहे हैं ? माईकल सैनी (आप )

गुरुग्राम 4/9/22 तरविंदर सैनी (माईकल ) आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर हरियाणा में कल अनेकों परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन करेंगें इसी कड़ी में वह गुरुग्राम को भी अछूता नहीं रखना चाहते हैं वे यहाँ के लिए भी चंडीगढ़ मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वर्चुअल शिलान्यास करेंगें तक़रीबन 46 करोड़ की सौगातों के रूप में , जिसके लिए गुरुग्राम प्रशासन द्वारा कार्यक्रम भी रखा गया है उसमें मुख्यातिथि के तौर पर केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह जी शिरकत करेंगे जिसकी आधिकारिक जानकारी प्रशासन द्वारा जारी कर दी गई है , अब सवाल उठता है कि चंडीगढ़ मुख्यालय से मुख्यमंत्री ही सभी उद्घाटन और शिलान्यासों को करेंगें तो अतिथि हो या मुख्यातिथि फिर क्या करेंगें ? और जो मंत्रिमंडल में शामिल विभिन्न विभागों के मन्त्रीगण हैं उन्हें क्या फ़ोटो खिंचाने के लिए रखा हुआ है ? यदि वह अपना काम ठीक से नहीं कर रहे या खट्टर साहब उन्हें इस लायक नहीं समझते हैं कि वह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में किसी योजना-परियोजना के उद्घाटन और शिलान्यासों को कर सकें तो हरियाणावासियों के टैक्स की कमाई उन मंत्रीगणों पर क्यों व्यर्थ खर्च कर रहे हैं जब स्वम् ही शम्भू साबित करना चाहते हैं तो ?

माईकल सैनी विकास वाली सोच के साथ हैं उन्होंने निवेदन किया है मुख्यमंत्री महोदय से कि वह सूबे की जनता की बेहतरी के लिए बेहतर योजनाएं लाएं हम स्वागत करते हैं मगर जिन परियोजनाओं के शिलान्यास आपने पूर्व में किए थे कमसकम उन्हें तो पूरा करा दीजिए , अनेकों प्रोजेक्ट पर या तो काम शुरू नहीं हो पाया है और अधिकांश पर कार्य अधर में लटके पड़े हैं धन के अभाव में ?

आम तौर पर मुख्यमंत्री जी आपका प्रवास गुरुग्राम में ही रहता है आपका विशेष लगाव बताया जाता है स्मार्ट सिटी से ,चर्चाओं में यह भी है कि आप पूरे हरियाणा को सौगातें बांट रहे हैं इसलिए गुरुग्राम को अछूता नहीं छोड़ेंगे और आपने कहलवा भी दिया है कि 46 करोड़ की सौगात आपके द्वारा गुरुग्राम को भी दी जाएगी , सबसे पहली आपत्ति तो आपके सौगात शब्द से है बताएं कि सौगात किसे कहते हैं क्यों और किसे दी जाती है ? आपने अपने निजी कोष अथवा पुर्खों की वसीयत से देने जा रहे हैं या फिर कोई खजाना मिल गया उस खुशी में बांट रहे हैं ? बात गुरुग्राम शहर की करें तो सबसे अधिक राजकोष भरने वाले जिले को उसका ही हक़ तक नहीं मिल पाता है तो सौगात कैसे कहेंगें जहाँ की टूटी हुई सड़कें वास्तविकता जाहिर करती हैं दुर्दशा होने की , सबसे महत्वपूर्ण सहायता लोकहित में अस्पताल की होती है पिछले पाँच वर्षों से खस्ताहाल पड़ा है छिपा नहीं है ,कूड़े,गंदगी, बदबूदार वातावरण बना हुआ है लोगों को बीमारियां दे रहा और आप इलाज दे पा रहे हैं ना दवाएं क्या कहेंगें इसे ???स्कूल, सुरक्षा,भृस्टाचार ,घपले, घोटाले, आदि-आदि सौगात नहीं औकात दिखाती हुई चीजें कहलाती हैं मगर आप हैं कि परियोजनाओं को ऐसे बाँटते फिरते दिख रहे हैं मानों सेंटा अपने थैले से सभी को उपहार बाँटने निकला हो ।।

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