बीसी ए श्रेणी को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने जारी किया अध्यादेश
बैठक में अध्यादेश की बारीकियां भी समझाई गई, इसी बार से बीसी ‘ए’ श्रेणी को मिलेगा आरक्षण

गुरुग्राम, 3 सितंबर । हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव निकट भविष्य में होने वाले हैं। इन चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से बैठक की।

इस बैठक में ग्राम पंचायतों, ब्लॉक समितियों तथा जिला परिषद के सभी वार्डों की वार्ड बंदी पूरी करना, वार्ड वाइज मतदाता सूची का प्रकाशन सुनिश्चित करने के अलावा अनुसूचित जातियों, महिलाओं तथा बीसी ‘ए’ श्रेणी के लिए सीटें आरक्षित करने के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बताया गया कि अनुसूचित जाति के लिए सरपंच, पंचायत समिति चेयरमैन व जिला परिषद अध्यक्ष की कौन कौन से सीट आरक्षित होंगी, यह निर्णय जिलों से भेजे जाने वाले अनुसूचित जाति जनसंख्या के डाटा के आधार पर पंचायत विभाग के महानिदेशक के स्तर पर लिया जाएगा।

बीसी ए श्रेणी के लिए सीटें होंगी आरक्षित, अध्यादेश जारी—

बैठक में बताया गया कि पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी को आरक्षण देने संबंधी अध्यादेश जारी हो गया है और 2 सितंबर को यह हरियाणा राज्य गजट में भी प्रकाशित किया जा चुका है। अध्यादेश की बारीकियों के बारे में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर ने विस्तार से समझाया कि किस प्रकार से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषद के वार्ड पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी के लिए आरक्षित किए जाने हैं। परिवार पहचान पत्र से डाटा जुटाया जाएगा कि विभिन्न ग्राम पंचायतों, ब्लाक समितियों और जिला परिषदों में पिछड़ा वर्ग-ए की जनसंख्या कितनी है। फिर उसके हिसाब से सीट आरक्षित की जाएंगी। ऐसा करते समय अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वर्गों को नहीं छेड़ा जाएगा। जनसंख्या के अनुपात में पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी, 2% से अधिक जनसंख्या पर कम से कम 1 सीट आरक्षित होगी।

उदाहरण देते हुए श्री उमाशंकर ने बताया कि यदि ग्राम पंचायत में 10 वार्ड हैं और उस ग्राम सभा में पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी की जनसंख्या 20% है तो उसके आधे अर्थात ग्राम पंचायत के कुल वार्डों के 10% वार्ड यानी 10 में से एक वार्ड पिछड़ा वर्ग ए के लिए आरक्षित होगा। यदि उस ग्राम पंचायत में 4 वार्ड पहले से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं तो बचे हुए 6 वार्डों में से 1 वार्ड पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी के लिए आरक्षित होगा। ज़िला परिषद के वार्ड के मामले में आरक्षण के लिए प्रतिशत के हिसाब से बीसी के लिए जितने वार्ड बनते हैं, उनमें से बीसी ए की ज्यादा जनसंख्या वाले तीन गुणा वार्डों का चयन कर इनमें से ड्रा निकाला जाएगा। एक ब्लॉक में जितनी ग्राम पंचायतें हैं, उनमें से 8 फीसदी सरपंच पद बीसी ए श्रेणी के लिए आरक्षित होंगे।

श्री वी उमाशंकर ने गांव वाइज पिछड़ा वर्ग ए श्रेणी की जनसंख्या का डाटा हर जिला से कल रविवार तक भेजने को कहा है, ताकि उसी हिसाब से सरपंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन और जिला परिषद अध्यक्ष पद आरक्षित किए जा सकें। यह कार्य मुख्यालय स्तर पर किया जाना है।

पटौदी में जल्द पूरी होगी वार्डबंदी —

गुरुग्राम के उपायुक्त श्री निशांत यादव ने बताया कि पटौदी क्षेत्र के कुछ गांव पटौदी मंडी नगर परिषद में शामिल हो गए हैं इसलिए वहां की वार्ड बंदी का कार्य किया जा रहा है, जिसे 8 सितंबर तक पूरा किया जाएगा।

ये रहे उपस्थित —-
इस बैठक में चंडीगढ़ मुख्यालय पर विकास एवं पंचायत विभाग के एसीएस श्री अनिल मलिक और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर के अलावा हरियाणा परिवार पहचान अथॉरिटी के सीईओ श्री विकास गुप्ता, पंचायत विभाग के उप निदेशक श्री मदन गर्ग उपस्थित थे जबकि गुरुग्राम में उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव, गुरुग्राम की एसडीएम का कार्यभार देख रही जिला परिषद की सीईओ अनु श्योकंद , हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की क्षेत्रीय प्रशासक मीतू धनखड़, सोहना के एसडीएम जितेंद्र गर्ग, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व एन आई सी के वरिष्ठ वैज्ञानिक विभू कपूर और जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एलएन गुप्ता उपस्थित थे।

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