राजीव चौक से लेकर सचिवालय तक किसानों ने किया फ्लैग मार्च
भाजपा जजपा सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
किसान अधिग्रहण के विरोध में मांग रहे हैं इच्छामृत्यु

गुड़गांव 31 अगस्त – मानेसर क्षेत्र के कासन समेत करीब 25 गांव के किसानों ने 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के विरोध में सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जमीन अधिग्रहण के मामले में वार्ता विफल होने के बाद से ही किसान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से सामूहिक इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहे हैं

जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि मौजूदा सरकार घमंड में आ चुकी है, उक्त सरकार किसानों की कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है, उन्होंने कई बार प्रयास किया कि सरकार किसानों से बात करें और किसानों की मांग को पूरा करें, लेकिन सरकार है कि किसानों को लूटने में जुटी है, जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि जिस जमीन को भाजपा की खट्टर सरकार हमसे छीन रही है, उस जमीन की कीमत 12 से 15 करोड़ प्रति एकड़ है, जबकि सरकार उन्हें 2010 का अधिग्रहण कानून बताकर मात्र 91 लाख रुपए प्रति एकड़ देना चाहती है, 

किसान बचाओ समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखा, वह हैरान करने वाला प्रस्ताव है, मुख्यमंत्री चाहते हैं कि किसान सरकार से 400 गज जमीन खरीदे जिसे सरकार 16  हजार रुपए प्रति गज के हिसाब से किसानों को देगी, सरकार यह भी कह रही है कि यही जमीन सरकार उनसे 30 हजार रुपए प्रति गज के हिसाब से वापस भी ले लेगी, ऐसा सरकार इसलिए करेगी जिससे किसानों को बीच का फायदा हो, किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री हम किसानों के साथ इस तरह की प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करेंगे हमने कभी सोचा भी नहीं था, फिलहाल सभी किसानों ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को उनके मुंह पर ही ठुकरा दिया है और अब फैसला लिया है कि किसान किसी भी हालत में अपनी जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे, ना ही कोई किसान सरकार द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा उठाएगा और ना हीं कोई किसान अब सरकार की कोई बात मानेगा, 

किसान समिति के सभी पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अब 25 गांव में भाजपा और  जेजेपी के सभी नेताओं का बहिष्कार करेंगे और किसी भी नेता को हम अपने गांव में घुसने तक नहीं देंगे, यही नहीं हमारा आंदोलन पूरे प्रदेश में चलेगा और हम हर गांव गांव जाकर सभी गांव से भाजपा और सरकार में बैठी जेजेपी का बहिष्कार करने का निर्णय लेते रहेंगे, 

किसानों ने कहा कि सरकार लाठी के दम पर और पुलिस के दम पर अगर हमारी जमीन छीनना चाहेगी तो छीन ले, लेकिन यह तय है कि हमारी जमीन छीनने के लिए सरकार को हम किसानों की लाशो पर पैर रखकर आगे बढ़ना पड़ेगा, किसानों ने यह भी कहा कि इस तरह की नौबत ना आए इसलिए अब हम सभी किसान जल्द से जल्द देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु देने की गुहार लगा रहे हैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति या तो हमें हमारी जमीन वापस दे दे या फिर हमें सामूहिक इच्छा मृत्यु का आदेश दे जिससे हम किसान कम से कम एक साथ खुशी खुशी मर तो सके, 

वही सचिवालय का घेराव करके बैठे किसानों ने निर्णय लिया कि जिला उपायुक्त खुद उनके पास चलकर आएंगे और सभी किसानों से बात करके उनका ज्ञापन लेंगे, मामला गर्म होता देख डीसी खुद किसानों के पास पहुंचे, किसानों से बात की और उनसे उनका मांग पत्र लेने के बाद सरकार तक किसानों की बात पहुंचाने का पूर्ण आश्वासन दिया जिसके बाद किसान सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए वापस अपने धरना स्थल पर लौट गए, 

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