जमीन अधिग्रहण के विरोध में गठबंधन सरकार के खिलाफ बिगुल
राजीव चौक से लेकर सचिवालय तक किसानों द्वारा फ्लैग मार्च
कई गावों में लगे भाजपा-जजपा नेताओ के प्रवेश निषेध के बोर्ड
किसानों ने भाजपा जजपा सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। मानेसर क्षेत्र के कासन समेत करीब 25 गांव के किसानों ने 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण के विरोध में सूबे की गठबंधन सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर से जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर बातचीत विफल होने के बाद से ही किसानों में रोेष सहित गुस्सा चरम पर पहुंचा दिखाई देने लगा है।

सरकार किसानों को लूटने में जुटी
जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि मौजूदा सरकार घमंड में आ चुकी है। सरकार किसानों की कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है। कई बार प्रयास किया कि सरकार किसानों से बात करें और किसानों की मांग को पूरा करें। लेकिन सरकार है कि किसानों को लूटने में जुटी है। जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि जिस जमीन को भाजपा की खट्टर सरकार हमसे छीन रही है, उस जमीन की कीमत 12 से 15 करोड़ प्रति एकड़ है। जबकि सरकार उन्हें 2010 का अधिग्रहण कानून बताकर मात्र 91 लाख रुपए प्रति एकड़ देना चाहती है।

न जमीन देंगे- न मुआवजा लेंगे
किसान बचाओ समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सीएम ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखा, वह हैरान करने वाला प्रस्ताव है। सीएम चाहते हैं कि किसान सरकार से 400 गज जमीन खरीदे, जिसे सरकार 16 हजार रुपए प्रति गज के हिसाब से किसानों को देगी। सरकार यही जमीन किसानो से 30 हजार रुपए प्रति गज के हिसाब से वापस भी ले लेगी। ऐसा सरकार इसलिए करेगी जिससे किसानों को बीच का फायदा हो, किसानों का कहना है कि सीएम हम किसानों के साथ इस तरह की प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करेंगे ? हमने कभी सोचा भी नहीं था। अब फैसला लिया है कि किसान किसी भी हालत में अपनी जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे, ना ही कोई किसान सरकार द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा उठाएगा और ना हीं कोई किसान अब सरकार की कोई बात मानेगा।

भाजपा और जेजेपी नेताओं का बहिष्कार
किसान समिति के सभी पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि अब 25 गांव में भाजपा और  जेजेपी के सभी नेताओं का बहिष्कार करेंगे और किसी भी नेता को हम अपने गांव में घुसने तक नहीं देंगे। यही नहीं अब किसान आंदोलन पूरे प्रदेश में चलेगा और किसान हर गांव गांव जाकर सभी गांव से भाजपा और सरकार में बैठी जेजेपी का बहिष्कार करने का निर्णय लेते रहेंगे। किसानों ने कहा कि सरकार लाठी के दम पर और पुलिस के दम पर अगर हमारी जमीन छीनना चाहेगी तो छीन ले। लेकिन यह तय है कि हमारी जमीन छीनने के लिए सरकार को हम किसानों की लाशो पर पैर रखकर आगे बढ़ना पड़ेगा।

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