पंचकूला -हरियाणा गृह मंत्रालय ने पंचकूला पुलिस कमिश्नरेट के लिए स्वीकृत पुलिस स्टाफ की संख्या बढ़ाने के कमिश्नरेट अधिकारियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी से पंचकूला पुलिस कमिश्नरेट के संख्या बल में 466 की वृद्धि हो जाएगी।इससे निश्चित तौर पर पुलिस की कार्य क्षमता बढ़ेगी और पुलिस कमिश्नरेट की कई समस्याओं का समाधान हो सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की ओर से जारी पत्र के अनुसार पंचकूला पुलिस कमिश्नरेट में अब 2 इंस्पेक्टर, 29 सब इंस्पेक्टर ,45 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर 96,मुख्य सिपाही तथा 285 सिपाहियों के अतिरिक्त पदों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। अपने कार्यकाल में पंचकूला के पूर्व डीसीपी मोहित हांडा ने इस बारे में विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था। कमिश्नरेट की सेक्टर 2 पंचकूला चौकी के लिए एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई ,4 हेड कांस्टेबल तथा 8 कॉन्स्टेबल, सेक्टर 6 पुलिस चौकी के लिए एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई 4 हेड कांस्टेबल 8 कांस्टेबल ,पुलिस पोस्ट सेक्टर 10 के लिए एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई, 4 हेड कांस्टेबल 8 कांस्टेबल, पुलिस पोस्ट रामगढ़ के लिए भी इसी तरह एक सब इंस्पेक्टर एक एएसआई चार हेड कांस्टेबल और आठ कांस्टेबल पुलिस पोस्ट मढावाला के लिए एक सब इंस्पेक्टर एक ए एसआई 4 हेड कांस्टेबल 8 कांस्टेबल पंचकूला सेक्टर 14 पुलिस स्टेशन के लिए एक इंस्पेक्टर तीन सब इंस्पेक्टर 6 एएसआई 12 हेड कांस्टेबल और 48 कांस्टेबल के अतिरिक्त पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा ओल्ड पुलिस स्टेशन पिंजोर के लिए 3 सब इंस्पेक्टर 5 एएसआई के 8 हेड कांस्टेबल और 32 कांस्टेबल ओल्ड पुलिस स्टेशन कालका के लिए तीन सब इंस्पेक्टर 5 एएसआई 8 हेड कांस्टेबल और 32 कांस्टेबल ओल्ड पुलिस स्टेशन चण्डी मंदिर के लिए 3 सब इंस्पेक्टर 5 एएसआई 10 हेड कांस्टेबल और 32 कांस्टेबल पुलिस स्टेशन रायपुर रानी के लिए तीन सब इंस्पेक्टर 4 एएसआई 10 हेड कांस्टेबल 32 कांस्टेबल पुलिस स्टेशन सेक्टर 20 पंचकूला के लिए तीन सब इंस्पेक्टर 4 एसआई 10 हेड कांस्टेबल तथा 31कांस्टेबल पुलिस स्टेशन सेक्टर 5 पंचकूला के लिए तीन सब इंस्पेक्टर 4 एएसआई और 3 हेड कांस्टेबल कानून व्यवस्था और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एक इंस्पेक्टर तीन सब इंस्पेक्टर 6 एएसआई 12 हेड कांस्टेबल और 48 कांस्टेबल की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस मामले में दो चीजें बड़ी महत्वपूर्ण हैं ।एक यह कि यह प्रस्ताव निवर्तमान डीसीपी मोहित हांडा द्वारा विभाग को भेजा गया था और इसकी पैरवी के लिए पंचकूला के तत्कालीन एसीपी सतीश कुमार को विशेष तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी ।देखा जाए तो इस तरह के मामलों मे प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया आम होती है परंतु इस में पैरवी इतनी जरुरी हो जाती है कि इसके अभाव में प्रस्ताव आमतौर पर सिरे नहीं चढ पाते। एसीपी सतीश कुमार ने अपना काम बखूबी किया और मौजूदा प्रगति का श्रेय उन्हें भी दिया जाना चाहिए । इसमें दो राय नहीं कि तत्कालीन डीसीपी मोहित हांडा ने न केवल स्थिति विभाग के समक्ष रखी बल्कि दूरदर्शिता का परिचय भी दिया। Post navigation डीजीपी हरियाणा ने विश्व पुलिस और फायर गेम्स के मेडल विजेताओं को दी बधाई हरियाणा नशा खोरों के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है और हरियाणा सरकार की नाक के नीचे यह सब खेल हो रहा है -चन्द्रमोहन