पंचकूला 28 अगस्त – हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि ‌आजकल हरियाणा प्रदेश ,शराब माफिया और नशा खोरों के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है और हरियाणा सरकार की नाक के नीचे यह सब खेल हो रहा है और सरकार इसे मुक दर्शक बने हुए देख रही है । इस सरकार को युवाओं के भविष्य की चिंता नहीं इसे तो चिंता है अपनी सत्ता बनाए रखने की और यह क्रम इसी प्रकार से चलता रहा तो एक दिन इस प्रदेश के युवा तबाह हो जायेंगे।

चन्द्र मोहन ने कहा कि गुड़गांव में 27 अगस्त की रात को गुड़गांव में पुलिस द्वारा 728 पेटी अवैध शराब की पकड़ी गई है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रदेश में शराब माफिया अपने पंख फैला रहा है उससे मालूम होता है कि यह सब सरकार के इशारे पर ही किया जा रहा है।‌उन्होने कहा कि यह सरकार की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है कि प्रदेश में लगातार अवैध शराब पकड़ी जा रही है लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं होती है। इस लिए उनके हौसले बुलंद हैं।

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दो दिन पहले 26 अगस्त को पटौदी के पास एक वेयरहाउस के गोदाम से पुलिस द्वारा 1424 बोतल अवैध शराब की पकड़ी गई थी और पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान बताया कि यह शराब सोनीपत के कुण्डली बोर्डर से गुजरात ले जाई जा रही थी।‌ लोगों को धोखा देने के लिए बिल कोस्मटिक सामान का बनाया गया था।पुलिस ने इस वेयरहाउस के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होने सरकार से सवाल किया कि जब गुजरात में शराब बंदी है तो यह शराब किसके इशारे पर वहां पर गुजरात में ले जाई जा रही थी ।‌सरकार को इस शराब माफिया का पर्दाफाश करके प्रदेश के लोगों को विश्वास दिलाना चाहिए कि शराब माफिया को भविष्य में प्रदेश में पनपने नहीं दिया जायेगा।

उन्होंने याद दिलाया कि अगस्त के पहले सप्ताह में भी महाराष्ट्र में , महाराष्ट्र पुलिस ने हरियाणा से अवैध शराब लेकर आ रहा एक ट्रक पकड़ा था और इसके खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने मामला दर्ज किया है। उन्होंने याद दिलाया कि किस प्रकार से हरियाणा प्रदेश में विगत सालों में आज तक का सबसे बड़ा शराब घोटाला हरियाणा में पकड़ा गया था और उसमें जननायक जनता पार्टी का एक नेता भी शामिल था। सरकार ने इस घोटाले की जांच के नाम पर केवल दिखाने के लिए एक एस आई टी का भी गठन किया था लेकिन अफसोस इस बात का है सरकार का इस शराब घोटाले की जांच की और कम तथा इसे दबाने पर ज्यादा रहा है इस लिए आज तक इस जांच कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

उन्होंने मांग कि है कि हरियाणा में शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए ऐसे मामलों की जांच एस आई टी की बजाय हाई कोर्ट के किसी न्यायाधीश से करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और हरियाणा प्रदेश के युवाओं को इस दलदल से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रदेश के युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है और जगह जगह पुलिस द्वारा नशीले पदार्थ पकड़े जा रहें हैं और अगर यही क्रम जारी रहा तो हरियाणा के जवान नशे के गर्त में डूब जायेंगे और जहां से इन्हें वापस मुख्य धारा में शामिल करना दुष्कर हो जायेगा।

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