हरियाणा में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया जा रहा है जोर, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 110 करोड़ रुपये स्वीकृति

वर्ष 2022-23 के दौरान मिशन के तहत 4 इंटीग्रेटेड जिला पब्लिक हेल्थ लैब का निर्माण और उन्नयन तथा जिला अस्पताल में 50-50 बेड के तीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनेंगे

मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई स्टेट हैल्थ सोसायटी एनएचएमहरियाणा की बैठक

वित्त वर्ष 2022-24 के लिए एनएचएम, हरियाणा के लिए केंद्र सरकार से 2455.39 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत

चंडीगढ, 26 अगस्त – हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में मजबूती लाने की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 110 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्ष 2022-23 के दौरान इस मिशन के तहत करनाल, पलवल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में इंटीग्रेटेड जिला पब्लिक हेल्थ लैब का निर्माण और उन्नयन किया जाएगा, जिस पर लगभग 5करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा जींद, झज्जर और फरीदाबाद के बी.के. अस्पताल में 50-50 बेड के तीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी बनाये जाएंगे। जिन पर लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साथ ही,राजकीय मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां में लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाया जाएगा।

यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में आयोजित स्टेट हैल्थ सोसायटी एनएचएम, हरियाणा की बैठक में दी गई।

बैठक में बताया गया कि एनएचएम के लिए भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1445.13 करोड़ रुपये के रिसोर्स एनवैलप के विरूद्ध 1443.27 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2023-24 के लिए 1284.14 करोड रुपये के रिसोर्स एनवेलप के विरूद्ध 1012.12 करोड रुपये की राशि हेतू प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस प्रकार वित्त वर्ष 2022-24 के लिए कुल 2455.39 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

प्रदेश में और अधिक कैथ लैब स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में पहले से चल रही कैथ लैब के अलावा अन्य जगहों पर भी कैथ लैब स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं। साथ ही, निजी क्षेत्र में स्थापित बड़े मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सरकार के साथ सहयोग के लिए भी एक मसौदा तैयार किया जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए गए कि हरियाणा को एनिमिया मुक्त करने के लिए तैयार राज्य कार्य योजना को तेजी से क्रियान्वित किया जाए, ताकि हरियाणा को एनिमिया मुक्त करने के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।

हरियाणा ने एमएमआर को 100 से नीचे करने के लक्ष्य को समय से पहले किया हासिल

बैठक में बताया गया कि एमएमआर के राष्ट्रीय औसत 103 (एसआरएस 2017-19) के मुकाबले एमएमआर में 96 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। हरियाणा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) के तहत 2030तक एमएमआर को 100 से नीचे करने के लिए लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर लिया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया गया है। राज्य में संस्थागत प्रसव जून-2022 तक बढ़कर 97.1 प्रतिशत हो गया है।

बैठक में बताया ‌गया कि ई-संजीवनी हेल्थ् एंड वेलनैस सेंटर टेली-कंस्लटेशन सर्विस के तहत पीजीआईएमआर, चंडीगढ़ में एक हब बनाया गया है, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे टेली-कंस्लटेशन सर्विस के लिए उपलब्ध है। हेल्थ  एंड वेलनैस सेंटर के डॉक्टर मरीजों की बिमारी के संबंध में ऑनलाइन माध्यम से सीधे पीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले रहे हैं। हरियाणा की इस पहल की लोकसभा में भी प्रशंसा हुई है।

बैठक में बताया गया कि राज्य में आरएमएनसीएएच + एन सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचकूला,पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल के सिविल अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज, नूंह में एक छत के नीचे 6स्पेशलाइज्ड एमसीएच विंग स्थापित किए जाएंगे। एमसीएच के सभी विंगों के ड्रॉइंग को मंजूरी दे दी गई है। एमसीएच पंचकूला और पानीपत में निर्माण कार्य जारी है। एमसीएच फरीदाबाद के लिए टेंडर प्रक्रिया में है।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 5 राजकीय मेडिकल कॉलेज तथा फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला के जिला अस्पतालों में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) और इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। एसआरएस 2020 के अनुसार हरियाणा की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 28 है, जोकि 2013 में 41 थी। इसमें 13 अंकों की उल्लेखनीय रूप से कमी आई है। राज्य में केएमसीयू सहित 24 विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू), 66 नवजात स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), 318 नवजात शिशु देखभाल कॉर्नर (एनबीसीसी) और 11 पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) कार्यरत हैं।

बैठक में बताया गया कि ई-संजीवनी सरकार की राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवाओं के तहत एक ऑनलाइन स्टे होम ओपीडी है जिसे हरियाणा में भी शुरू किया गया है। इस सेवा के तहत लैपटॉप/डेस्कटॉप या एंड्रॉइड स्मार्ट का उपयोग करके कोई भी डॉक्टर से परामर्श ले सकता है। अब तक ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 109100टेली-परामर्श किए जा चुके हैं।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल ‌मलिक, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी अनुपमा, महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती अमनीत पी कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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