राकेश टिकैत के साथ में किसान नेता रणसिंह मान अन्य नेता भी पहुचेंगे
बीते 2 माह से अधिक समय से किसानों का मानेसर में धरना जारी
प्रभावित-पीड़ित किसानों की मांग बाजार रेट पर मिले जमीन का दाम

फतह सिंह उजाला
मानेसर /पटौदी । 
हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम और दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर मौजूद औद्योगिक नगरी मानेसर नगर निगम में शामिल 3 गांवों की जमीन का मामला दिन प्रतिदिन सत्ता पक्ष के लिए एक नई चुनौती सहित समस्या बनता चला आ रहा है । जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति मानेसर के प्रवक्ता के मुताबिक 26 अगस्त शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ किसान नेता राकेश टिकैत और किसान नेता रण सिंह मान के अलावा उनके साथ और भी बड़े किसान नेता मानेसर में आंदोलनरत किसानों के बीच अपना समर्थन देने के लिए पहुंचेंगे ।

किसान हित और केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर 1 वर्ष से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन के बाद से किसान नेता राकेश टिकैत देशभर में जहां-जहां भी किसानों के द्वारा अपने हक हकूक सहित जमीन को बचाने के लिए या फिर फसलों के उचित दाम को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, वहां पहुंचकर किसानों की हौसला अफजाई करते हुए किसान एकजुटता का आह्वान करते आ रहे हैं । देश के बड़े प्रभावशाली और प्रखर किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन की सूचना के बाद से जिला गुरुग्राम के शासन प्रशासन सहित राज्य सरकार की नजरें भी शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन सहित उनके द्वारा संबोधन पर टिकी हुई है । गौरतलब है कि औद्योगिक क्षेत्र मानेसर नगर निगम के दायरे में शामिल मुख्यतः तीन गांवों के किसानों के द्वारा अपनी अपनी जमीन सरकार के द्वारा कौड़ियों के भाव लेने या फिर अधिग्रहण करने के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन जारी है । इस मामले को प्रभावित और पीड़ित किसानों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है ।

इसी कड़ी में जमीन बचाओ किसान बचाओ कमेटी के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के और शासन प्रशासन सहित सरकार के प्रतिनिधियों के बीच समस्या के समाधान के लिए कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है । लेकिन किसानों को किसी भी प्रकार का ठोस आश्वासन नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ती चली जा रही है। कुछ दिन पहले भी किसानों के द्वारा दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया गया था । इससे पहले पटौदी के ही एमएलए के आवास पर पहुंचकर घेराव भी किया गया था।  बीते दिवस स्वराज इंडिया के किसान नेता योगेंद्र यादव ने मानेसर में पहुंचकर आंदोलनकारी किसानों को इस बात का एहसास भी करवाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चले किसान आंदोलन से दक्षिणी हरियाणा के किसानों का अलग अलग रहना ही यहां के किसानों कि हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा कमजोरी मान लिया गया ? आज के समय में कहीं ना कहीं इसी बात का खामियाजा लक्ष्मी हरियाणा क्षेत्र के किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है । यह कड़वी बात उन्होंने मंच के माध्यम से किसानों के हित में कहते हुए आह्वान किया था कि अभी भी समय है किसान अपनी एकता और ताकत को पहचाने ।

अब ऐसे में 26 अगस्त शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकट और किसान नेता रन सिंह मान के आगमन को लेकर मानेसर क्षेत्र के किसानों सहित किसान बचाओ जमीन बचाओ समिति सहित अन्य किसानों में भी एक उम्मीद की किरण इस बात को लेकर बनी महसूस की जा रही है कि शायद उनकी समस्या सहित मांगों को पूरा किया जाने के लिए कोई ना कोई ठोस रास्ता अथवा विकल्प निकल सकेगा । शुक्रवार को मानेसर तहसील के सामने धरने पर बैठे किसानों की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के संबोधन के उपरांत क्या कुछ आगामी रणनीति तैयार की जा सकेगी , इस बात को लेकर सभी की नजरें टिकी हुई है। किसान नेता राकेश टिकैत से पहले भी एक अन्य बड़े किसान नेता गुरनाम सिंह चुढ़ैनी भी दो बार मानेसर में धरने पर बैठे किसानों के बीच में पहुंचकर किसान एकता और अखंडता को बनाए रखने का आह्वान करते हुए किसानों के हक के लिए लंबे आंदोलन के वास्ते तैयार रहने का पाठ पढ़ा चुके हैं। 

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