चंडीगढ़, 15 अगस्त – हरियाणा के राज्यपाल श्री बण्डारू दत्तात्रेय ने आज अम्बाला में राज्य स्तरीय 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इससे पूर्व उन्होंने एसडी कालेज अम्बाला छावनी में स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को नमन कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी तथा समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों के लिए 3 लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की। उन्होंने समारोह में युद्ध वीरांगनाओं, स्वतंत्रता सैनानी के परिजनों व शुभ्र ज्योत्सना पैंशन के लाभार्थियों को भी सम्मानित किया।

राज्यपाल श्री बण्डारू दत्तात्रेय ने अपने संदेश में कहा कि आज अम्बाला की इस वीर भूमि पर तिरंगा फहराना मेरे लिए गर्व और गौरव का विषय है। देश पर मर-मिटने वाले शहीदों के खून से पवित्र हुई इस भूमि को मैं शत-शत नमन करता हूँ। यहां से उठी चिंगारी ने न केवल प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का रूप धारण कर भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत किया, बल्कि आगे चलकर ऐसा विशाल जन-आन्दोलन खड़ा कर दिया जिसके बलबूते हम उन्नीस सौ सैंतालिस (1947) में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने में सफल रहे। अंबाला की इसी वीर भूमि पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों की याद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भव्य शहीदी स्मारक बनाया जाना हम सब के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि वे आजादी की 75वीं वर्षगांठ के इस अवसर पर देश की आजादी के लिये महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, रानी लक्ष्मीबाई, शहीद-ए-आजम सरदार भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, वीर सावरकर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, राव तुला राम, ऐनी बेसैन्ट, सर छोटूराम, पं0 नेकी राम शर्मा व जाने-अनजाने हजारों देशभक्तों व सभी वीर शहीदों को नमन करता हूं। इन सभी वीर सैनानियों ने देश में स्वराज का सपना संजोया था।

उन्होंने कहा कि पूरा देश आजादी के 75 वर्षों को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। हर देशवासी गर्व से अपने-अपने घरों में तिरंगा फहराकर जश्न मना रहा है। ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ की कड़ी में प्रदेश में अब तक स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े 10 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि पूरे देश में 40,000 से अधिक कार्यक्रम हुए हैं। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन में हरियाणा का देश में दूसरा स्थान है।

आजादी की लड़ाई में हरियाणा का उल्लेखनीय योगदान रहा है। अम्बाला की यह ऐतिहासिक धरा तो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की गवाह रही है। अमृत काल के दौरान उन परिवारों को सम्मानित किया किया जा रहा है, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में बलिदान दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘सुशासन से सेवा का संकल्प’ लिया है। सरकार ने सबसे गरीब लोगों का जीवन-स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। प्रदेश में यह वर्ष अंत्योदय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये की जाएगी। इस योजना के तहत लगभग 30,000 परिवारों को रोजगार के लिए ऋण व अन्य सहायता दी गई है। अब इस योजना का तीसरा चरण शुरू हो चुका है।

सरकार गरीब परिवारों को ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’के तहत 6000 वार्षिक सहायता दे रही है। जिन बी.पी.एल. परिवारों के कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हुई है उनको दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

सरकार ने ई-गवर्नेंस के जरिए व्यवस्था परिवर्तन कर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत परिवार पहचान-पत्र बनाए गए। सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं को ‘परिवार पहचान पत्र पोर्टल’ के साथ जोड़ा जा रहा है। इस पोर्टल पर अब तक 72 लाख परिवारों का डाटा उपलब्ध हो चुका है। इस वर्ष में अधिकांश सरकारी सेवाएं ऑनलाइन मिलनी शुरू हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। केन्द्र सरकार ने इस नीति को 2030 तक लागू करने की अवधि तय की है। हरियाणा इसे 2025 तक ही पूर्ण रूप से लागू करने वाला पहला प्रदेश होगा।  नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। प्रदेश में कई विश्वविद्यालयों में के0जी0 से पी0जी0 तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की शुरुआत की जा चुकी है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 138 नये संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोले गए हैं। प्रदेश में शिक्षा व शिक्षा से जुड़ी योजनाओं व कार्यक्रमों पर इस वर्ष 20,000 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं की योग्यता का सम्मान करते हुए 87 हजार से भी अधिक युवाओं को मैरिट पर सरकारी नौकरियां दी है। आउटसोर्सिंग से जुड़ी सेवाओं में ठेका प्रथा बंद करने के लिए ‘हरियाणा कौशल रोजगार निगम’ बनाया है। निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं के लिए नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण भी लागू हो गया है।

सरकार ने नौकरी के लिए बार-बार आवेदन करने व फीस भरने से छुटकारा दिलाने के लिए ‘एकल पंजीकरण’की सुविधा शुरू की है। बार-बार प्रतियोगी परीक्षा से निजात दिलाने के लिए ‘कॉमन पात्रता परीक्षा’का प्रावधान भी किया गया है।

श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे युवाओं ने शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। गत सप्ताह बर्मिंघम में सम्पन्न हुए राष्ट्र मंडल खेलों में कुल 61 पदकों में से 20 पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं, जिनमें नौ स्वर्ण पदक हरियाणा के नाम है। महिला हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में तो नौ खिलाड़ी हरियाणा की हैैं। इसके लिए वे सभी खिलाडिय़ों को बधाई देते हैं। पिछले सभी खेलों में लड़कियों का प्रदर्शन लडक़ों से भी बेहतर रहा है। इस तरह से लड़कियों ने सिद्ध कर दिया है कि हमारी छोरियां, छोरों से कम नहीं है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। सरकार ने खिलाडिय़ों को 335 करोड़ रुपये से अधिक के नकद इनाम दिए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में, सरकार ने प्रदेश में 33 नए महिला थाने खोलना, दुर्गा शक्ति एप, दुर्गा रैपिड एक्शन फोर्स और दुर्गा वाहिनी की स्थापना जैसी पहल की हैं। सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया है।

गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए मुफ्त एम्बुलेंस वैन चलाई जा रही हैं। गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना‘ को लागू करने में हरियाणा को देश में तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश में महिला कल्याण की योजनाओं व कार्यक्रमों पर 2019.24 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

उन्होने कहा कि कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीड़ है। इसलिए सरकार ने किसान भाइयों का जीवन स्तर ऊँचा उठाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया है। आज एम.एस.पी. पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। गन्ने का भाव भी देश में सर्वाधिक 362 रुपये प्रति क्विंटल दिया है।

प्रदेश में ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘पोर्टल से फसलों की खरीद को सुविधाजनक बनाया गया है। बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य देने के लिए ‘भावांतर भरपाई योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2021 में डी.बी.टी. के माध्यम से 2,41,273 किसानों को 437 करोड़ रुपये वितरित किए गए। प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई के लिए, इस योजना में शामिल सभी फसलों को ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना‘ में कवर किया गया है। ये योजनाएं लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।

उन्होंने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 19.85 लाख किसानों को 3547 करोड़ से भी अधिक की राशि प्रदान की गई है। चालू वित्त वर्ष में किसान कल्याण के लिए 6497 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। प्रदेश में कम पानी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। अब इसमें एग्रो फोरेस्ट्री को भी जोड़ा गया है। कम पानी में अधिकतम सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना, फव्वारा संयंत्र प्रणाली, टपका सिंचाई और भूमिगत पाइप लाइन बिछाने जैसी योजनाओं पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष ग्रामीण विकास पर 8926 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ पर 6261 ग्राम पंचायतों का डिजिटल डाटा उपलब्ध है। ग्रामीणों को उनकी सम्पत्ति का मालिकाना हक देने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। इसी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के नाम से पूरे देश में लागू किया गया है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण आंचल में जल जीवन मिशन के तहत ’हर घर नल से जल’ योजना के तहत लगभग सभी परिवारों को नल से जल उपलब्ध करवाया जा चुका है। गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं विकसित करने के लिए हरियाणा स्मार्ट ग्राम प्राधिकरण का गठन किया गया है। दस हजार तक की आबादी वाले गांवों के लिए ‘दीनबन्धु हरियाणा ग्राम उदय योजना’तथा इससे अधिक आबादी वाले गांवों के बहुमुखी विकास के लिए ‘महाग्राम विकास योजना’बनाई गई है। तालाबों के सुधार के लिए हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण गठित किया गया है। पर्यावरण, प्रकृति व धरती को बचाने में भी हरियाणा ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ सौ करोड़ रूपए की लागत से पानीपत में ईथेनॉल बायो रिफाईनरी की शुरूआत की है। रिफाइनरी में पराली, भूसे, गन्ने की खोई व मक्के के भूसे से इॅथेनॉल तैयार होगा और किसानों को अपनी फसल का भूसा जलाना नहीं पड़ेगा बल्कि उनके लिए आमदनी का स्रोत होगा।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर हम अपनी महान सांस्कृतिक परम्पराओं और उच्च नैतिक एवं मानवीय मूल्यों पर चलते हुए राष्ट्र और हरियाणा को स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल व आत्मानिर्भर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लें। तभी हमारे वीर सेनानियों का स्वराज से सुराज का सपना साकार होगा।

इस अवसर पर उपायुक्त विक्रम सिंह ने जिला प्रशासन की ओर से  राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, पुलिस महानिदेशक श्री पीके अग्रवाल सहित जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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