गुरूग्राम, 05 अगस्त। हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग (एफसीडी) और उज्बेकिस्तान गणराज्य के फ़रगना क्षेत्र ने सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क (एफएफसी) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य उज्बेकिस्तान और भारत के लोगों के बीच आपसी सहयोग और मित्रता को बेहतर बनाने के साथ हरियाणा व फ़रगना क्षेत्र के बीच घनिष्ठ सहयोग और आदान-प्रदान को मजबूत करना है। समझौता दस्तावेज पर हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री योगंेद्र चौधरी ने और फ़रगना क्षेत्र के उपराज्यपाल श्री इकबोलजोन एर्गाशेव ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान बताया गया कि यह समझौता फरगना और हरियाणा के बीच व्यापक क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति, ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और अनुसंधान, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा आदि को बढावा देने में मददगार होगा। यह समझौता दोनों क्षेत्रों के बीच चिन्हित सेक्टरों में सहयोग के लिए आगे बढने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक का संचालन हरियाणा के रेजिडेंट कमिश्नर श्री संजय जून ने किया। ध्यान रहे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विभिन्न स्तरों पर आपसी समझ और सहयोग के साथ प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विश्व को अपने ‘गो-ग्लोबल दृष्टिकोण’ से जोड़ने के लिए विदेश सहयोग विभाग का गठन किया है। विदेश सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री योगेंद्र चौधरी ने इस मौके पर कहा कि इस समझौते से हरियाणा को ऑटोमोबाइल, शिक्षा, कौशल विकास, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में एक प्रमुख और अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोच को साकार करने और हरियाणा और उज्बेकिस्तान के फरगना दोनो क्षेत्रों के बीच पारस्परिक आर्थिक और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम बनाया जा सकेगा। इस मौके पर फ़रगना के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में फ़रगना क्षेत्र के उप-गवर्नर श्री इकबोलजोन एर्गाशेव, भारत में उज़्बेकिस्तान दूतावास के काउंसलर, श्री इमोम सालिमोव और उज़्बेकिस्तान दूतावास के प्रथम सचिव, श्री आज़मजोन मंसूरोव कि अलावा हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री योगेंद्र चौधरी, सलाहकार श्री पवन चौधरी व श्री अनंत प्रकाश पाण्डेय उपस्थित थे। Post navigation सीआरपीएफ के जवानों ने गांव बास हरिया के स्कूलीं बच्चों को समझाई तिरंगे की महत्ता दलित समाज की शमशान भूमि पर कब्जा व निर्माण को लेकर रोष