खट्टर जी के कथित विकास को मोनसून ने नंगा करके सडकों पर खडा कर दिया है : विद्रोही

प्रकृति जहां हमारे जीवन की सभी जरूरते पूरी करती है, वहीं प्रकृति-वर्षा सत्ता अहंकार के दावे करने वालों को भी बेनकाब करती है : विद्रोही

29 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि 28-29 जून की मोनसून की पहली बरसात ने ही 12 जिलों के शहरों में गदंगी, कीचड़ की भरमार करके भाजपा खट्टर सरकार को उसके कथित विकास की असलियत का आईना दिखाया था, अब प्रकृति व मोनसून वर्षा ने जुलाई में भाजपा खट्टर सरकार के कथित विकास को कीचड़, गदंगी व सड़क के गड्डे में लुढ़कता, लडखडाता दिखाकर एकदम नंगा भी कर दिया है। विद्रोही ने कहा कि प्रकृति जहां हमारे जीवन की सभी जरूरते पूरी करती है, वहीं प्रकृति-वर्षा सत्ता अहंकार के दावे करने वालों को भी बेनकाब करती है। खट्टर जी व उनके मंत्री-संतरी मीडिया में बयान बहादुर बनकर हरियाणा के कथित विकास पर लम्बे-चौड़े दमगज्जे मारकर भाजपा राज की पारदर्शिता, ईमानदारीे, भ्रष्टाचार रहित शासन के बारे में बड़ी-बडी डींगे मारते है। लेकिन मोनसून की वर्षा ने खट्टर जी व भाजपा सरकार के सभी दावों को बेनकाब करके साबित कर दिया कि विकास के नाम के पर घटिया साग्रमी प्रयोग करके संघी प्रदेश को दोनो हाथो से लूटकर भारी भ्रष्टाचार कर रहे है। 

विद्रोही ने कहा कि पूरे हरियाणा में राष्ट्रीय राजमार्ग को छोडकर शहरी व ग्रामीण सम्पर्को की सडकों में वर्षा ने गहरे गड्डे डाल दिये है। सडकों के गड्डे बताते है कि सडक निर्माण में अत्यंत घटिया सामग्री प्रयोग करके गुणवत्ता के साथ तो समझौता किया ही है, साथ में निर्माण के पैासों को भी भाजपाई-संघी अफसरों, ठेकेदारों से मिलकर हजम कर गए। ग्रामीण सडकों व सम्पर्क मार्गो का तो बुरा हाल है, पर शहरों, कस्बों, महानगरों की नागरिक सुविधा ढांचा बुरी तरह से लडख़ड़ा चुका है। मोनसून वर्षा ने शहरों, कस्बों को गदंगी, कीचड़ से भर दिया है। मौहल्लों की सडके खस्ताहाल है। सीवर व पानी निकासी मार्ग जाम हो चुके हे। नागरिक आधारभूत ढांचे के निर्माण का पैसा सत्ताधारी नेता व अफसर मिलकर डकार रहे है।

खट्टर जी के कथित विकास को मोनसून ने नंगा करके सडकों पर खडा कर दिया है। विद्रोही ने मांग की कि खट्टर राज में अब तक विकास के नाम पर हुए निर्माण की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच हो। यदि ऐसी जांच हुई तो साफ पता चल जायेगा कि खट्टर राज में विकास के नाम पर कितनी भारी लूट, भ्रष्टाचार हुआ है। 

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