भाजपा खट्टर सरकार खनन माफिया से सांठगांठ करके नारनौल में अरावली क्षेत्र की लगभग 500 हैक्टेयर पहाडी वन भूमि को फिर से प्रतिबंधित वन क्षेत्र से निकालकर तांबा और लोह अस्यक का भंडार होने का बहाना बनाकर खनन की अनुमति सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार से लेने की फिराक में है : विद्रोही

25 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार खनन माफिया से सांठगांठ करके नारनौल में अरावली क्षेत्र की लगभग 500 हैक्टेयर पहाडी वन भूमि को फिर से प्रतिबंधित वन क्षेत्र से निकालकर तांबा और लोह अस्यक का भंडार होने का बहाना बनाकर खनन की अनुमति सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार से लेने की फिराक में है। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस राज में भी भौगोलिक सूचना तंत्र-जीआईएस के सर्वे के नाम पर दावा किया था कि नारनौल में अरावलीे पहाडियों के 300 हैक्टेयर क्षेत्र में तांबा व लोह अस्यक का भंडार है और अरावली की इन पहाडियों को खनन की अनुमति देकर तांबा व लोह अस्यक भंडार का खनन किया जाये लेकिन उस समय अहीरवाल के जागरूक लोगों व हमारे जैसे सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण खनन माफिया का यह षडयंत्र कामयाब नही हो सका। उस समय की कांग्रेस सरकार ने नारनौल की अरावली पहाडियों की इस लगभग 500 हैक्टेयर पहाडी भूमि को प्रबंधित वन क्षेत्र में शामिल करके अरावली व इस क्षेत्र के पर्यावरण को विध्वंस होने से बचाया था। 

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस जमाने के उस जीआईएस सर्वे को फिर से नया सर्वेे बताकर भजपा खट्टर सरकार की नारनौल की अरावली पहाडियों में खनन शुरू करवाने की सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार से जो अनुमति लेने का कुप्रयास किया जा रहा है, वह खनन माफिया से मिलकर अरावली के इको सिस्टम को बर्बाद करने की साजिश के सिवाय कुछ नही है। अब फिर सेे अरावली कीे इन पहाडियों को तांबा व लोह अस्यक होने का बहाना बनाकर इस क्षेत्र को प्रतिबंधित वन क्षेत्र. से बाहर निकालने के संघी षडयंत्र को कामयाब नही होने दिया जायेगा। विद्रोही ने अहीरवाल के जागरूक नागरिकों व पर्यावरणविदों से आग्रह किया कि नारनौल क्षेत्र की अरावली पहाडियों की 500 हैक्टेयर भूमि को प्रतिबंधित वन क्षेत्र से बाहर निकालने के संघी षडयंत्र को किसी भी हालत में सफल न होने दे। 

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