मोदी-भाजपा-संघ बताये कि पिछडे वर्ग के इतने मंत्री होने पर भी ओबीसी आरक्षण पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कैंची क्यों चलाई जा रही है? विद्रोही
हरियाणा पंचायत चुनावों में जिला परिषद, ब्लॉक समिति, सरपंच, पंच के विभिन्न 71741 पदों के चुनाव मेें पिछडा वर्ग को आरक्षण से वंचित करके गांव की सरकार में उसे संवैद्यानिक हिस्सेदारी से क्यों वंचित किया गया? विद्रोही
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके हरियाणा में क्रीमीलेयर आय तय करते समय कृषि आय क्यों जोडी गई? विद्रोही
पांच सदस्यीय हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग में 4 सदस्य अगड़े वर्ग के क्यों है? विद्रोही

24 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि एक ओर भाजपा पिछडो, दलितों, आदिवासियों को ठगने खातिर इन वर्गो के लोगों को उच्च पदों पर बैठाने के जुमले उछालती है, वहीं दूसरी ओर सत्ता दुरूपयोग से इन वर्गो के संवैद्यानिक अधिकारों पर डाका डालने व उन्हे प्रताडित करने का कोई मौका नही चूकती है। विद्रोही ने सवाल किया कि केन्द्र सरकार ने पिछडे वर्ग के सबसे ज्यादा मंत्री बनाने का दमगज्जा मारने वाले मोदी-भाजपा-संघ बताये कि पिछडे वर्ग के इतने मंत्री होने पर भी ओबीसी आरक्षण पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कैंची क्यों चलाई जा रही है? हरियाणा में पिछडो वर्ग की क्रीमीलेयर 8 लाख रूपये वार्षिक से घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक क्यों की गई? सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करके हरियाणा में क्रीमीलेयर आय तय करते समय कृषि आय क्यों जोडी गई? पांच एकड़ से ज्यादा कृषि जोत वाले किसानों व ओबीसी वर्ग के माता-पिता क्लास टू के अािकारी है, उनके बच्चों को आरक्षण के लिए अपात्र क्यों किया? 

विद्रोही ने पिछडा वर्ग के हितैषी होने वाले भाजपा-संघीयों से पूछा कि हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग में पिछडे वर्ग का एक ही सदस्य क्यों बनाया? पिछडा वर्ग ब्लॉक बी का एक भी सदस्य इस आयोग में नही लिया? पांच सदस्यीय हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग में 4 सदस्य अगड़े वर्ग के क्यों है? हरियाणा पंचायत चुनावों में जिला परिषद, ब्लॉक समिति, सरपंच, पंच के विभिन्न 71741 पदों के चुनाव मेें पिछडा वर्ग को आरक्षण से वंचित करके गांव की सरकार में उसे संवैद्यानिक हिस्सेदारी से क्यों वंचित किया गया?

ओबीसी आरक्षण में नौकरियों की प्रतियोगी परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग के जो युवा अगड़े वर्ग के युवाओं से ज्यादा नम्बर लेते है, उन्हे सामान्य वर्ग में मैरिट के आधार पर नौकरी देने की बजाय आरक्षण कोटे में डालकर अन्य ओबीसी वर्ग के युवाओं को आरक्षण से क्यों वंचित किया जा रहा है? विद्रोही ने भाजपा-संघीसयों से पूछा कि एक दलित व्यक्ति रामनाथ कोबिंद के विगत पांच साल के राष्ट्रपति काल में दलित का कौनसा हित हो गया और दलित पर अत्याचार क्यों नही रूका? राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोबिंद ने दलित अधिकारों की रक्षा के लिए कब आवाज उठाई और नही उठाई तो क्यों नही उठाई? एक आदिवासी महिला श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी के राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासियों का शौषण रूक जायेगा? उनके जल, जंगल, जमीन छीनने वाले कानून बदल जायेगे। 

विद्रोही ने कहा कि पिछडे, दलित, आदिवासी वर्ग को उच्च पदों पर बैठाकर जिस तरह संघी उन्हे कठपुतली की तरह नचाते है, उनसे इन वर्गो का न कोई हित होने वाला और न ही उनके अधिकारों की रक्षा होने वाली तथा न ही उन पर हो रहे अत्याचार, शोषण रूकने वाला और न ही सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण होने वाला। 

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