50 हजार एकड़ भूमि में फसल विविधिकरण योजनाएं

चण्डीगढ, 21 जुलाई – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक हुई । बैठक में 159 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आपदा प्रबंधन श्री पीके दास, एसीएस वित्त श्री टीवीएसएन प्रसाद, एसीएस कृषि एवं किसान कल्याण श्रीमती सुमिता मिश्रा सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। एसीएस सिंचाई श्री देवेन्द्र सिहं, आयुक्त एवं सचिव पशुपालन विभाग पंकज अग्रवाल, एमडी डेरी विकास विभाग ए श्रीनिवास सहित कई कृषि विशेषज्ञ ऑनलाईन जुडे़।

जोखिम फ्री खेती को बढावा

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसानों का जोखिम कम करने और कृषि व्यापार, उद्यमिता को बढावा देने के माध्यम से खेती को एक लाभकारी आर्थिक गतिविधि बनाने के लिए कारगर योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। इन योजनाओं के लिए प्रदेश की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक में अनुमति प्रदान की गई है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से कृषि की उच्च तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी और किसानों की आय में बढौतरी होगी।

फसल विविधिकरण के लिए प्रोत्साहन-38.50 करोड स्वीकृत

मुख्य सचिव ने प्रदेश में मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपए प्रति एकड़ तथा दलहन फसलों के लिए 3600 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी। इससे प्रदेश में तिलहनी और दलहनी फसलों को बढावा मिलेगा। इसके अलावा फसल विविधिकरण के लिए 38.50 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है ताकि किसान परम्परागत खेती के अलावा फसल विविधिकरण अपना कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण के लिए प्रदेश के 10 जिलों में डेंचा, मक्का और दलहनी फसलों को बढावा देने के लिए 50 हजार एकड़ भूमि में फसल विविधिकरण की योजनाएं क्रियान्वित की जाएगी। उन्होंने कहा कि फसल चक्र बदलने से भूजल के गम्भीर दोहन को रोकने में भी मदद मिलेगी और मिट्टी स्वास्थ्य में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण केेे कार्यो में भी बढौतरी की जाए ताकि भूमिगत जलस्तर में सुधार हो सके।

20 हजार एकड़ भूमि को जलभराव से निजात दिलाने का लक्ष्य

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए पोर्टल बनाया गया है। किसान स्वेच्छा से पोर्टल पर अपलोड कर अपनी कृषि भूमि से जल निकासी करवा सकते है। इस वर्ष झज्जर, रोहतक, सोनीपत के किसानों की 20 हजार एकड़ भूमि को जलभराव समस्या से निजात दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

25 लाख सॉयल हैल्थ कार्ड बनाए

उन्होंने बताया कि सॉयल हैल्थ कार्ड योजना के तहत मिट्टी (मृद्वा) की जांच की जा रही है और किसानों को भूमि की गुणवता अनुसार खाद, बीज आदि का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए 100 मिट्टी जांच लेबोरेट्री संचालित की जा रही है। इनके माध्यम से अब तक 25 लाख सैम्पल लिए गए है तथा किसानों, किसान सहायकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदर्शन प्लांट भी लगाए जा रहे है।

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