Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

चण्डीगढ़, 20 जुलाई- हरियाणा सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को समान एवं बेहतर शिक्षा देने के लिए कटिबद्व है। हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सत्र से कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में “मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग)” महत्वकांक्षी योजना शुरू की गई है।

गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए वरदान बनी (चिराग)  योजना       

 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के इस बार के बजट  (2022-23) में 20 हजार करोड़ रूपये से अधिक अकेले शिक्षा के क्षेत्र पर खर्च किए जा रहे हैं। इसी के तहत प्रदेश सरकार सभी बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए नई-नई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू कर रही है। (चिराग) योजना भी प्रदेश के गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चों जिनके माता-पिता/ अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रूपये से कम है और वे बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं उनके दाखिले इन निजी विद्यालयों में कक्षा दूसरी से बारहवीं तक किए जाएंगे।       

 मुख्यमंत्री ने बताया कि (चिराग) योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रूपये, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रूपये एवं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रूपये प्रति माह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा 24987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है।       

 मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के सैक्शन 12 (1) (c) को पूर्णतः लागू करते हुए सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा पहली या इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान अलग से किया गया है।       

 श्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से बारहवीं तक कोई फीस नहीं ली जाती। गौरतलब है कि कक्षा पहली से आठवीं तक वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। अंग्रेजी माध्यम के बैग फ्री संस्कृति माॅडल विद्यालयों में ऐसे सभी विद्यार्थियों जिनके जिनके माता-पिता/ अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रूपये से कम है उनके लिए भी निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। 1 लाख 80 हजार रूपये से ऊपर की सालाना आमदन वाले परिवारों के बच्चों से नाममात्र मासिक अंशदान लिया जाता है।

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