सुप्रीम कोर्ट के कडे निर्देश के बाद भी गुरूग्राम, फरीदाबाद, नूंह जिले की पहाडियों में अवैध खनन का लगातार जारी रहना क्या भाजपा खट्टर सरकार की बिना मिलीभगत के संभव है?
भाजपा राज आने के बाद 2014 से 2021 तक ही अवैध खनन के 21 हजार मामले सामने आ चुके है। कई बार अधिकारियों पर यमुनानगर, नूंह, डाडम क्षेत्र में गोली बरसाई जा चुकी है। अवैध खनन से डाडम, महेन्द्रगढ़ में कई मौत तक हो चुकी है, फिर भी सरकार ने आश्वासनों के सिवाय आठ साल में क्या किया? विद्रोही
अरावली क्षेत्र के पंचगांव-तावडू में हुए अवैध खनन व डीवाईएसपी की हत्या करने वाले डम्पर चालक, क्लीनर को पकडकर व अवैध खनने में लगे मजदूरों पर मुकदमा दर्ज करके क्या इस अवैध खनन के असली आकाओं का कुछ बिगड़ पायेगा? विद्रोही
खनन माफिया को विश्वास कि वे जो चाहे कर दे, लेकिन उनका बाल भी बाका नही होने वाला : विद्रोही

20 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि पंचगांव-तावडू में अवैध खनन रोकने का प्रयास कर रहे पुलिस डीवाईएसपी सुरेन्द्र सिंह बिश्नोई की खनन माफिया द्वारा डम्पर से कुचलकर की गई हत्या जींवत प्रमाण है कि हरियाणा में अपराधी इतने बेखौफ है कि दिन-दहाड़े एक पुलिस अधिकारी की हत्या करने से भी बाज नही आये। विद्रोही ने कहा कि खनन माफिया का यह कुकृत्य बताता है कि वे कितने बेखौफ है और पुलिस-कानून का उन्हे किंचित मात्र भी डर नही है। सवाल उठता है कि क्या सत्ता के उच्च सरंक्षण के बिना खनन माफिया इतने बेखौफ हो सकते है? डीवाईएसपी सुरेन्द्र सिंह बिश्नोई की दिन-दहाडे हत्या बताती है कि खनन माफिया को विश्वास है कि वे जो चाहे कर दे, लेकिन उनका बाल भी बाका नही होने वाला। अरावली क्षेत्र के पंचगांव-तावडू में हुए अवैध खनन व डीवाईएसपी की हत्या करने वाले डम्पर चालक, क्लीनर को पकडकर व अवैध खनने में लगे मजदूरों पर मुकदमा दर्ज करके क्या इस अवैध खनन के असली आकाओं का कुछ बिगड़ पायेगा? जवाब साफ है कि छोटी मछलियों को पकड़कर मामले को रफा-दफा करके दबा दिया जायेगा व असली खनन माफिया कौन है, यह पर्दे के पीछे छिपा रहेगा। 

विद्रोही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कडे निर्देश के बाद भी गुरूग्राम, फरीदाबाद, नूंह जिले की पहाडियों में अवैध खनन का लगातार जारी रहना क्या भाजपा खट्टर सरकार की बिना मिलीभगत के संभव है? वहीं यह खनन कोई रात को या चोरी-छिपे न होकर दिन-दहाडे इन तीन जिलों में 16 स्थानों पर सबके सामने होता है और अवैध खनन से भरे पत्थरों के डम्पर खुलेआम सड़कों को रौंदते हुए पुलिस, प्रशासन व आमजनों के सामने से शान से निकलते है। सवाल उठता है कि जब दिन-दहाडे अवैध खनन होता है तो खनन विभाग के कर्मचारी, पुलिस व वन विभाग के कर्मचारीे व ग्राम पंचायत कहां सोये हुए रहते है? सडकों पर इतने पुलिस नाके, बैरियर, टोल होने पर भी अवैध खनन व पत्थरों से भरे डम्पर कैसे सड़कों पर दौड़ते है? अवैध खनन के पत्थरों को स्टोन क्रैशर के मालिक खुलेआम बेखौफ कैसे खरीद रहे है? 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा राज आने के बाद 2014 से 2021 तक ही अवैध खनन के 21 हजार मामले सामने आ चुके है। कई बार अधिकारियों पर यमुनानगर, नूंह, डाडम क्षेत्र में गोली बरसाई जा चुकी है। अवैध खनन से डाडम, महेन्द्रगढ़ में कई मौत तक हो चुकी है, फिर भी सरकार ने आश्वासनों के सिवाय आठ साल में क्या किया? हरियाणा में रेत, बजरी, पत्थर के अवैध खनन पीछे सत्तारूढ़ भाजपा-संघ नेताओं का हाथ है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि गुरूग्राम, फरीदाबाद की वन क्षेत्र की पहाडियों को सरकार सरंक्षण में एक सुनियोजित रणनीति के तहत अवैध खनन करके समतल भूमि में बदला जा रहा है ताकि इस पहाडी जमीन को वन क्षेत्र से निकालकर बिल्डरों को देकर अरबो-खरबो रूपये बनाये जा सके। इसके लिए भाजपा खट्टर सरकार ने 2019 में पंजाब भू-सरंक्षण कानून 1901 में बदलाव करके वन व पहाडी भूमि को सामान्य भूमि बनाने का कुप्रयास किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के हस्ताक्षेप के चलते लागू नही किया जा सका है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हरियाणा सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि किसी भी तरह गुरूग्राम, फरीदाबाद के क्षेत्र में संशोधित पंजाब भूमि भू-सरंक्षण कानून 2019 लागू किया जा सके और इसे लागू करके बिल्डरों और कालोनाईजरों से मिलकर अरबो-खरबों रूपये कमाये जा सके। इसी सुनियोजित रणनीति के चलते गुरूग्राम, फरीदाबाद व नूंह जिले में वन व पहाडी जमीन को सत्ता सरंक्षण में अवैध खनन के द्वारा लगातार समतल किया जा रहा है। 

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