पटौदी क्षेत्र के इच्छापुरी शिव मंदिर में पहुंचे हजारों शिवभक्त.
ढाणी अहिरान खेड़ी सुल्तान के सिद्धेश्वर नाथ धाम में भंडारा.
अनेक शिवभक्त पवित्र धाम से कावड़ लेने के लिए रवाना

फतह सिंह उजाला

पटौदी । भारतीय सनातन संस्कृति में सावन का महीना महादेव भगवान शंकर जोकि भोले बाबा के नाम से भी श्रद्धालुओं में पूजे जा रहे, उन्हीं के नाम अर्पित और समर्पित है। सावन महीने के पहले सोमवार को विभिन्न प्रख्यात पौराणिक महत्व के शिव मंदिरों में शिवभक्त श्रद्धालु शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए दिन निकलने से पहले ही पहुंचना आरंभ हो गए। पटौदी क्षेत्र के पौराणिक महत्व के इच्छापुरी शिव मंदिर धाम में सोमवार को सुबह से ही हजारों की संख्या में शिव भक्तों श्रद्धालुओं का पहुंचना आरंभ हो गया।

इच्छापुरी शिव मंदिर में स्थित स्वयंभू भगवान शिव का अपना एक पौराणिक इतिहास भी है। यह मंदिर और यहां स्वयंभू स्थापित शिवलिंग 625 वर्ष से अधिक पुराना बताया जाता है। स्वयंभू उद्गम इच्छापुरी शिव लिंग के प्रकट होने के समय ही विभिन्न प्रकार के चमत्कार  आज भी लोगों के बीच चर्चा और श्रद्धा का केंद्र बने हुए हैं। यहां स्वयंभू शिवलिंग मंदिर के भूगर्भ में स्थापित है । वर्ष में दो बार शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों की संख्या में विभिन्न प्रांतों से शिवभक्त श्रद्धालु मन्नत मांगने और अभिषेक करने के लिए पहुंचते है।ं शिवरात्रि पर के मौके पर विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थानों से गंगाजल लाकर अनेक शिवभक्त इच्छा पूरी शिव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक कर पुण्य अर्जित करते हैं। शिवरात्रि पर्व 25 जुलाई को मनाया जाना है , ऐसे में अनेक शिवभक्त पैदल और विभिन्न साधनों से पवित्र गंगाजल लेने के लिए रवाना आरंभ हो चुके हैं । इच्छा पूरी धर्मार्थ ट्रस्ट और मंदिर संचालन कमेटी के द्वारा यहां आने वाले शिव भक्तों श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्था की गई है। जिससे कि बिना किसी परेशानी और बाधा के शिवभक्त श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन करने के साथ ही अभिषेक भी कर सकें।

दूसरी ओर पड़ोस के ही गांव खेड़ी सुल्तान में ढाणी अहिरान में हीरद्धेश्वर नाथ धाम में सोमवार को शिव भक्तों श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। यह भंडारा हीरदेश्वर नाथ धाम में श्याम गिरी महाराज की देखरेख में संपन्न हुआ। खेड़ी सुल्तान के ढाणी अहिरान के शिव धाम की परंपरा वर्षों से चली आ रही है कि सावन महीने के पहले रविवार को रात्रि के समय शिव बाबा का जागरण किया जाता है और इसके बाद सोमवार को यहां श्रद्धालु भगवान शिव का अपनी अपनी मनोकामना को लेकर विभिन्न प्रकार से अभिषेक करते हैं । इसके साथ ही खेड़ी सुल्तान के ग्रामीणों के द्वारा विशाल भंडारा का आयोजन बीते कई वर्षों से किया जा रहा है। इसके अलावा बोहड़ा कला में मौजूद प्राचीन हनुमान मंदिर में भी बड़ी संख्या में शिव भक्तों श्रद्धालुओं के द्वारा शिवलिंग अभिषेक करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया गया । इसी प्रकार से टोडापुर में स्थित श्याम मंदिर , हेली मंडी में मौजूद प्राचीन शिव मंदिर, रामपुर रोड पर गौरी शंकर मंदिर, हेली मंडी छोटी बाजारी में बंदर वाला मंदिर, यहीं पर ही जग्गू वाला मंदिर, जाटोली में बाबा हरदेवा मंदिर, पटौदी में डेडावाला मंदिर, राम मंदिर, हनुमान मंदिर सहित देहात में सैकड़ों वर्ष पुराने विभिन्न शिव मंदिरों में शिव भक्तों श्रद्धालुओं के द्वारा श्रद्धा भाव के साथ शिवलिंग का अभिषेक किया गया। सभी मंदिरों में मंदिरों की संचालन कमेटी के द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई।

वही पुण्य अर्जित करने के लिए अनेक श्रद्धालुओं के द्वारा भंडारे का भी आयोजन अलग-अलग मंदिरों में किया गया । सोमवार को सूर्य उदय होने से पहले ही पटौदी सहित आसपास के इलाके में अपना अपना पौराणिक महत्व और इतिहास समेटे विभिन्न शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं विशेष रुप से महिला वर्ग का पहुंचना और भगवान शिव के प्रतिरूप शिवलिंग पर विभिन्न प्रकार के फल या फिर भगवान शिव को प्रिय फल फूल सहित अन्य सामग्री अर्पित की गई। सोमवार को विभिन्न शिव मंदिरों और शिवालयों में शिवलिंग का अभिषेक करने का सिलसिला दिन ढलने तक बना रहा । भक्तों के द्वारा अपनी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए कहीं पंचामृत, कहीं गन्ने के रस, कहीं गंगाजल सहित अन्य प्रकार से शिवलिंग का अभिषेक कर पुण्य अर्जित करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया गया।

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