सोहना खेल स्टेडियम बदहाल…… खिलाड़ी सुविधाओं से वंचित

सोहना/ बाबू सिंगला 

सोहना खेल स्टेडियम की हालत दयनीय है। जो प्रशासनिक उपेक्षा के चलते बदहाल है। जो मात्र अखबारी बयानबाजी करने तक सीमित है। जबकि स्टेडियम समिति के कोष में करोड़ों रुपये की राशि जमा है। वहीं स्टेडियम की स्थिति बदहाल होने से खिलाड़ियों को काफी परेशानी हो रही है। जो अपने खेलों की प्रैक्टिस करने में भी असमर्थ हैं। स्थानीय नागरिकों ने स्टेडियम की व्यवस्था दुरुस्त करने की माँग की है। 

सोहना कस्बे में स्थापित खेल स्टेडियम बीते काफी वर्षों से अपनी बदहाली की दास्तां बयाँ कर रहा है। उक्त स्टेडियम करीब आठ एकड़ भूमि में स्थापित है। जिसकी प्रति माह लाखों रुपये किराये की आमदनी है। स्टेडियम के रखरखाव के लिए प्रशासन ने कमेटी गठित की हुई है। जिसके कोष में भारी भरकम राशि है। किंतु फिर भी स्टेडियम की हालत दयनीय है। जिसमें सुविधाओं का घोर अभाव है। खिलाड़ी सुविधाएं न होने से मन मसोस कर रह जाते हैं। तथा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। जिसके लिए नागरिक व खिलाड़ी के बार माँग भी उठा चुके हैं किंतु प्रशासन ने उक्त माँगों को आजतक भीr अमलीजामा नहीं पहनाया है। और न ही स्टेडियम की कायाकल्प ही की है। प्रशासन मात्र आश्वासन व अखबारी बयानों के बल पर स्टेडियम की हालत सुधारने में लगा है। स्टेडियम में हर समय आवारा पशु विचरण करए घूमते रहते हैं। लाइट न होने से रात्रि में अंधेरा छाया रहता है। स्टेडियम के अंदर चारों ओर गन्दगी की भरमार है। इसके अलावा स्टेडियम में ट्रैक, पवेलियन, रूम आदि का निर्माण आजतक भी नहीं किया गया है। 

शौचालय पर लटके ताले

स्टेडियम समिति द्वारा गत दिनों स्टेडियम के अंदर बनाये शौचालयों में ताले लटके हुए हैं। जिनको कोई भी उपयोग नहीं कर सकता है। जबकि उक्त शौचालयों पर समिति द्वारा लाखों रुपये की राशि खर्च की गई थी। जिसमें महिला व पुरुष शौचालय शामिल हैं। 

लाइटों का अता पता नहीं

स्टेडियम में रोशनी के लिए लगाई गई लाइटों का कोई भी अता पता नहीं है। उक्त लाइटों की संख्या करीब एक दर्जन है। जिनके मात्र पोल ही रह गए हैं। लाइटें न होने से स्टेडियम में हर समय अंधेरा बना रहता है।

मेन गेट पर गन्दगी का अंबार।

स्टेडियम के मुख्य द्वार पर गन्दगी के ढेर लगे हुए हैं। जिससे स्टेडियम के अंदर व बाहर हर समय दुर्गन्ध रहती है। गन्दगी होने से मच्छर व मक्खी का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु गन्दगी में मुंह मारते रहते हैं।

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