थोक महंगाई दर लगभग 15 प्रतिशत व रिटेल दर 7 प्रतिशत से ज्यादा होने के बाद भी आमजन को राहत देने की बजाय आज से खाद्य पदार्थो पर जीएसटी की मार पडने से रसोई में हर रोज प्रयोग होने वाला सामान महंगा हो जायेगा। विद्रोही

18 जुलाई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार के जनविरोधी फैसलों से आमजन न तो चैने से पानी पी पा रहा है ओर न ही सुलभता से पेट भर पा रहा है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार ने एक अगस्त से पीने के पानी की दरों में 500 प्रतिशत वृद्धि करके तय कर दिया कि वह आमजन को पीने का पानी भी चैन से नही पीने देगी। भाजपा खटटर सरकार ने वर्ष 2018 में भी पीने के पानी की दरे बढ़ाई थी और अब चार साल बाद फिर 500 प्रतिशत वृद्धि कर दी। सरकारी नलों का जो मासिक बिल अभी तक 25 रूपये आता था, वह अब अगस्त से 125 रूपये मासिक न्यूनतम आयेगा। पूरे भारत में किसी भी प्रदेश में सरकार ने कभी भी एकमुश्त पानी की दरों में 500 प्रतिशत की भारी भरकम वृद्धि नही की है। लेकिन बेरोजगारी दर में प्र्रदेश का सिरमौर राज्य बनने का रिकार्ड बनाकर भाजपा खट्टर सरकार ने एकमुश्त पानी की दरों में 500 प्रतिशत वृद्धि का भी अभूतपूर्व रिकार्ड बनाकर साबित कर दिया कि संघी सरकार कितनी जनविरोधी सरकार है। 

विद्रोही ने कहा कि वहीं केन्द्र की मोदी सरकार ने भी तय कर रखा है कि आमजन सुलभता से भरपेट भोजन न कर सके, इसलिए महंगाई की आग में लगातार घी डालकर महंगाई आग को भड़काकर शोले बनाते रहेंगे ताकि आमजन चैन की रोटी भी न खा सके। थोक महंगाई दर लगभग 15 प्रतिशत व रिटेल दर 7 प्रतिशत से ज्यादा होने के बाद भी आमजन को राहत देने की बजाय आज से खाद्य पदार्थो पर जीएसटी की मार पडने से रसोई में हर रोज प्रयोग होने वाला सामान महंगा हो जायेगा। आज से सभी पैकेट बंद लेबल वाले खाद्य पदार्थ पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगने से आटा, पनीर, दही, मछली, लस्सी, शहद, सूखा मसाला, सूखा सोयाबीन, मटर, गेंहू, अन्य अनाज, मुरमुरे सहित लगभग सभी खाद्य पदार्थ महंगे हो जायेगे जिससे महंगाई की मार से परेशान आमजन का रसोई खर्च बढने से पहले से टूटी उसकी आर्थिक कमर और टूट जायेगी। 

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार ने अस्पतालों में ईलाज करवाने को भी नही बख्शा। अब अस्पतालों में निजी कमरा लेने पर 5 प्रतिशत जीएसटी खर्च और देना होगा। वही यदि कोई आमजन अपने परिवार के साथ घूमने जायेगा और किसी होटल में रूकेगा तो उसे 12 प्रतिशत जीएसटी का बोझ अलग से वहन करना होगा। इसी तरह आमजन के प्रयोग में आने वाली अन्य वस्तुओं पर भी 12 से 18 प्रतिशत की जीएसटी बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में आमजन अपना गुजारा कैसे करेगा और भरपेट भोजन कैसे कर पायेगा, यह समझ से परे है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी जी की तुगलकी आर्थिक नीतियों के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था पहले ही खस्ताहाल हो चुकी है और अब पीने के पानी व खाद्य पदार्थो के भाव बढने से आमजन की कितनी आर्थिक बदहाली बढेगी, यह बताने की जरूरत नही।

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