आशीष नेगी व अन्य 78 की शिकायत पर फर्रूखनगर थाना में मामला दर्ज. पीड़ितों के द्वारा सब्यसाची इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप लगाया. खरीदारों को 12 महीने में प्लाट पर डेवलपमेंट करके देने का मामला. आरोपी बनाये बिल्डर कंपनी के 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ फतह सिंह उजालापटौदी । दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते साइबर सिटी गुरुग्राम सहित आसपास के लगते इलाकों में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में अक्सर धोखाधड़ी की शिकायतें सामने आती रहती हैं । ऐसा ही एक मामला प्लाटों पर कब्जा देने और डिवेलप करने सहित रजिस्ट्री नहीं करवाने को लेकर बिल्डर के खिलाफ 15 करोड़ की धोखाधड़ी सहित जालसाजी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया गया है । आशीष नेगी पुत्र सते सिंह नेगी सहित कुल 78 पीड़ितों के द्वारा सब्यसाची इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एस बिल्डिंग टावर बी सेक्टर 47 सोहना रोड गुरुग्राम पर आरोप लगाए गए हैं कि किये गए वायदे के मुताबिक प्लाट पर कब्जा डेवलप कर सहित उसकी रजिस्ट्री कथित रूप से नहीं करवाई गई है। पीड़ितों की शिकायत पर ओ डब्ल्यू सेन गुरुग्राम के द्वारा जांच के उपरांत फर्रूनगर थाना में 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 तथा 3 एचपीआईडीएससी एक्ट 2013 के तहत मामला दर्ज किया गया है । आशीष नेगी पुत्र सते सिंह नेगी रोहित 78 लोगों के द्वारा इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई गई है कि उनके द्वारा अमया ग्रीन सेक्टर 3 फर्रूखनगर में एक प्लाट बुक कराया गया था। जिसे कि सब्यसाची इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एसएस बिल्डिंग टावर बी सेक्टर 47 सोहना रोड गुरुग्राम के द्वारा डिवेलप किया जाना था । बिल्डर के द्वारा बताया गया और आश्वासन दिया गया कि प्रोजेक्ट डेवलप करके 1 वर्ष के अंदर अंदर उपलब्ध करवा दिया जाएगा । इसके लिए संबंधित विभाग और सरकार से सभी प्रकार के लाइसेंस इत्यादि प्राप्त किए हुए हैं, तथा यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सुरक्षित है । इसी प्रोजेक्ट में साढ़े तीन एकड़ जमीन और जोड़कर खरीदारों को प्लाट दे दिए जाएंगे । आरोप लगाया गया है कि लोकलुभावन वादे करके उपरोक्त प्लाट खरीदने के लिए झांसे में ले लिया गया। खरीदारों के द्वारा इसकी एवज में प्लाट नंबर रकबा के मुताबिक पैसे का भुगतान भी कर दिया गया । इस मामले में कंपनी और खरीदारों के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए । उसके मुताबिक बिल्डर पक्ष के द्वारा आज तक मैं तो पलाश डेवलप किए गए हैं और ना ही कब्जा दिया गया है। इस पूरे सिलसिले में पीड़ितों के आरोपानुसार यह बात भी सामने निकलकर आई है कि कंपनी के अधिकृत निदेशक विजय राजन न तो संबंधित जमीन के मालिक हैं और न ही सरकार से अनुमोदन लिया गया है । विजय राजन ने सोची समझी साजिश के तहत सभी को नुकसान पहुंचाने की नियत से धोखाधड़ी सहित जालसाजी करते हुए जीवन भर की मेहनत की कमाई को हड़प कर लिया । पीड़ित पक्ष के द्वारा जमीन के खरीद-फरोख्त के इस मामले में कंपनी के अधिकृत व्यक्ति निदेशक विजय राजन के अलावा मनीष , चंदन जैसवाल, मनोज दुबे, मोहन, बब्बन , शाकिर अहमद, साबिर अहमद पर भी आरोप लगाए गए हैं कि इन सभी के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 1 वर्ष के अंदर अंदर प्रोजेक्ट डेवलप करके उपलब्ध करवा दिया जाएगा । लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो सका है , एक सोची-समझी साजिश के तहत पीड़ित पक्ष को धोखे में रखकर उनके साथ जालसाजी की गई । फरुखनगर पुलिस के द्वारा जांच के उपरांत उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर अपनी जांच पड़ताल आरंभ कर दी गई है। Post navigation किसान की प्रगति भारतीय स्टेट बैंक का लक्ष्य: अभय सिंह जाटोली में मंदिर के निकट मीट की दुकान स्थाई रूप से बंद